Friday, April 19th, 2024 Login Here
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स्वास्थ्य बीमा योजना लागू होने पर तीन हजार रुपए सालाना मिलने वाली इलाज की सुविधा बंद हो जाएगी।
भोपाल।  प्रदेश सरकार, शासकीय, संविदा और अन्य सभी कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने जा रही है। लेकिन इसके अमल में आने के बाद कर्मचारियों को मिलने वाली तीन हजार रुपए की चिकित्सा प्रतिपूर्ति की राशि बंद हो जाएगी। बीमा योजना में जो प्रीमियम आएगा वह भी कर्मचारियों को अपने वेतन से वहन करना होगा।
कर्मचारियों का आरोप है कि उनकी सुविधाओं में एक के बाद एक कटौती की जा रही है। एलटीसी व लीव इनकैशमेंट बंद करने के बाद पेंशन भी समाप्त कर दी गई और अब सरकार कर्मचारियों व पेंशनर्स की स्वास्थ्य की जिम्मेदारी से भी पल्ला झाड़ने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि 05 दिसंबर को वल्लभ भवन में कर्मचारी-पेंशनर्स बीमा योजना के प्रारंभिक ड्राफ्ट पर कर्मचारी संगठनों के सुझाव लेने के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई थी।
राज्य सरकार निरंतर अपने उत्तरदायित्व कम करती जा रही है और कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाएं धीरे-धीरे कम की जा रही हैं। वर्ष 1995-96 में लीव इनकैशमेंट, एलटीसी जैसी कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाएं बंद कर दी गई। मकान ऋण, वाहन लोन बंद किया गया। वर्ष 2005 से पेंशन बंद कर उसे शेयर मार्केट के भरोसे छोड़ दिया गया। अंशदायी पेंशन योजना लागू कर दी गई।
अब इलाज की जिम्मेदारी से भी सरकार मुक्त हो जाएगी। फिलहाल कर्मचारियों को सालाना तीन हजार रुपए की चिकित्सा प्रतिपूर्ति मिलती है। मामूली बीमार पड़ने पर कर्मचारी डॉक्टर के पर्चे और दवाई के बिल के आधार पर अधिकतम तीन हजार रुपए का भुगतान किया जाता है। नई योजना लागू होने पर यह सुविधा बंद हो जाएगी, साथ ही बीमा योजना का प्रीमियम भी कर्मचारी से ही भरवाया जाएगा।
सरकार बचाएगी डेढ़ सौ करोड़ रुपए
अब नई स्वास्थ्य बीमा योजना में सरकार चिकित्सा प्रतिपूर्ति के डेढ़ सौ करोड़ रुपए बचा लेगी। अब तक लगभग पांच लाख कर्मचारियों पर सरकार यह रकम खर्च करती है। इसके अलावा जिन कर्मचारियों को गंभीर बीमारी हो जाए, उन्हें मेडिकल बोर्ड के परामर्श के आधार पर जितनी भी राशि खर्च हो, उतना भुगतान किया जाता है। नई स्वास्थ्य योजना के बाद यह सुविधा छीन ली जाएगी।
आला अफसरों के लिए अलग नियम
अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों एवं मध्यप्रदेश के पुलिस कर्मियों के लिए बीमा योजना लागू है, परंतु उनकी चिकित्सा प्रतिपूर्ति बंद नहीं की गई है। मतलब दोनों व्यवस्थाएं साथ-साथ चल रही हैं। अपनी सुविधानुसार किसी एक व्यवस्था का लाभ ले सकते हैं।
इनका कहना है
हमारा कर्मचारी वर्ग प्रस्तावित बीमा योजना को इसी शर्त पर स्वीकार करेगा कि चिकित्सा प्रतिपूर्ति व्यवस्था यथावत जारी रहे। सभी कर्मचारी-अधिकारी संगठनों से मप्र मंत्रालयीन कर्मचारी संघ इस बारे में बात भी कर रहा है।
सुधीर नायक,अध्यक्ष मप्र राज्य मंत्रालयीन कर्मचारी संघ
Chania