Friday, April 19th, 2024 Login Here
पानी-पर्यावरण को बचाने से प्राणियों के बचेगे प्राण
मन्दसौर निप्र । स्थानीय धर्मधाम गीता भवन में आयोजित 48वें गीता जयंती तहोत्सव एवं 45वें नि:शुल्क नेत्र शिविर के द्वितीय दिवस व्यासपीठ पर विराजित गीता भवन परम् संरक्षक अंतर्राष्टीय रामस्नेही सम्प्रदाय शाहपुरा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगदगुरू 1008 स्वामी श्री रामदयालजी महाराज मंचासीन अन्य पूज्य संत सर्वश्री गीता भवन अध्यक्ष श्री रामनिवासजी महाराज, श्री नारायणजी महाराज उदयपुर, रामस्वरूपजी महाराज इंदौर, रामनारायणजी महाराज देवास, पप्पूरामजी महाराज सूरत, ईश्वरलालजी महाराज आलोट, हरसुखदासजी महाराज ताल, ज्योतिषज्ञ लाड़कुंवर बहन का पुष्पहार समर्पित कर स्व. ठाकुर इन्द्रसिंह मण्डलोई की पुण्य स्मृति में नेत्रदान शिविर आयोजित किया गया ।
गीता का महत्व बताते हुए आचार्य श्री ने कहा कि गीता साधारण ग्रंथ नहीं बल्कि राष्ट का प्राण है। यदि गीता का ज्ञान जीवित है तो संस्कार संस्कृति जीवित है। और जब संस्कार-संस्कृति हमारे जीवन के रग-रग में रम जाएगी तो समझो हम जीवित है। जिसके पास गीता का ज्ञान है वह अपने को शरीर मन-इन्द्रियों का गुलाम नहीं समझेगा बल्कि मन इन्द्रियों, शरीर पर कंटोल, नियंत्रण करने वाला परमात्मा का अंश, आत्मा अनुभव करेगा, जिसकी इस प्रकार स्मृति बनी रहेगी वह फिर काम, क्रोध, मत्सर आदि विकारों से ग्रसित कैसे होगा। आपने कहा आज देश में जितने भी कांड हो रहे है, उसका कारण है कि हम गीता ज्ञान से दूर हो गये है। विश्व जिसका अनुसरण कर सन्मार्ग की ओर प्रेरित हो रहा है और हम है और हम भटककर कुमार्ग की ओर बढ़ते जा रहे है। इससे बढ़कर देश का दुर्भाग्य और ःया होगा ? गीता जैसा वैश्विक ग्रंथ जिसका जनक भारत हैं हमारे पास होते हुए भी हम अपने आपको कितना असहाय, असमर्थ दिनहीन महसूस कर रहे है। इस पर गंभीरता से सोचना होगा।
पूज्य युवा संत श्री हरसुखदासजी महाराज के भी प्रवचन हुए। संत श्री गोविन्दरामजी ने भजन सुनाये। सचिव पं. अशोक त्रिपाठी ने भी गुरू महिमा पर भजन प्रस्तुत किया। द्वितीय दिवस 12 नेत्र रोगियों का परीक्षण हुआ। नेत्र परीक्षण प्रतिदिन जारी है। अंतिम दिन ऑपरेशन योग्य सभी रोगियों का ऑपरेशन जिला चिकित्सालय में किया जावेगा। सर्दी के बावजूद बड़ी संख्या में महिला-पुरूष सत्संग का लाभ ले रहे हैं।इस अवसर पर शिविर लाभार्थी श्रीमती विष्णुकुंवर मण्डलोई परिवार, स्वागताध्यक्ष समाजसेवी प्रवीण गुप्ता दम्पत्ती, अशोक वर्मा दम्पत्ती, सुनिल दुबे दिल्ली, हर्षद भाई डोड़िया सूरत, रमेशचन्द्र सोनी चित्तोड़, गीता भवन सचिव पं. अशोक त्रिपाठी, टस्टी अशोक पलोड़, बंशीलाल टांक, विनोद चौबे, शेषनारायण माली, केशव सत्संग भवन खानपुरा अध्यक्ष जगदीशचन्द्र सेठिया, ऋषियानंद टस्ट अध्यक्ष ओमप्रकाश पोरवाल, प्रोफेसर पी.डी. शर्मा, सुभाष अग्रवाल, सत्यनारायण पंचारिया, राजेन्द्र हाड़ा, शांतिलाल पालीवाल, रजनीश माली आदि ने संतगणों का आशीर्वाद ग्रहण किया।
मन्दसौर निप्र । स्थानीय धर्मधाम गीता भवन में आयोजित 48वें गीता जयंती तहोत्सव एवं 45वें नि:शुल्क नेत्र शिविर के द्वितीय दिवस व्यासपीठ पर विराजित गीता भवन परम् संरक्षक अंतर्राष्टीय रामस्नेही सम्प्रदाय शाहपुरा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगदगुरू 1008 स्वामी श्री रामदयालजी महाराज मंचासीन अन्य पूज्य संत सर्वश्री गीता भवन अध्यक्ष श्री रामनिवासजी महाराज, श्री नारायणजी महाराज उदयपुर, रामस्वरूपजी महाराज इंदौर, रामनारायणजी महाराज देवास, पप्पूरामजी महाराज सूरत, ईश्वरलालजी महाराज आलोट, हरसुखदासजी महाराज ताल, ज्योतिषज्ञ लाड़कुंवर बहन का पुष्पहार समर्पित कर स्व. ठाकुर इन्द्रसिंह मण्डलोई की पुण्य स्मृति में नेत्रदान शिविर आयोजित किया गया ।
गीता का महत्व बताते हुए आचार्य श्री ने कहा कि गीता साधारण ग्रंथ नहीं बल्कि राष्ट का प्राण है। यदि गीता का ज्ञान जीवित है तो संस्कार संस्कृति जीवित है। और जब संस्कार-संस्कृति हमारे जीवन के रग-रग में रम जाएगी तो समझो हम जीवित है। जिसके पास गीता का ज्ञान है वह अपने को शरीर मन-इन्द्रियों का गुलाम नहीं समझेगा बल्कि मन इन्द्रियों, शरीर पर कंटोल, नियंत्रण करने वाला परमात्मा का अंश, आत्मा अनुभव करेगा, जिसकी इस प्रकार स्मृति बनी रहेगी वह फिर काम, क्रोध, मत्सर आदि विकारों से ग्रसित कैसे होगा। आपने कहा आज देश में जितने भी कांड हो रहे है, उसका कारण है कि हम गीता ज्ञान से दूर हो गये है। विश्व जिसका अनुसरण कर सन्मार्ग की ओर प्रेरित हो रहा है और हम है और हम भटककर कुमार्ग की ओर बढ़ते जा रहे है। इससे बढ़कर देश का दुर्भाग्य और ःया होगा ? गीता जैसा वैश्विक ग्रंथ जिसका जनक भारत हैं हमारे पास होते हुए भी हम अपने आपको कितना असहाय, असमर्थ दिनहीन महसूस कर रहे है। इस पर गंभीरता से सोचना होगा।
पूज्य युवा संत श्री हरसुखदासजी महाराज के भी प्रवचन हुए। संत श्री गोविन्दरामजी ने भजन सुनाये। सचिव पं. अशोक त्रिपाठी ने भी गुरू महिमा पर भजन प्रस्तुत किया। द्वितीय दिवस 12 नेत्र रोगियों का परीक्षण हुआ। नेत्र परीक्षण प्रतिदिन जारी है। अंतिम दिन ऑपरेशन योग्य सभी रोगियों का ऑपरेशन जिला चिकित्सालय में किया जावेगा। सर्दी के बावजूद बड़ी संख्या में महिला-पुरूष सत्संग का लाभ ले रहे हैं।इस अवसर पर शिविर लाभार्थी श्रीमती विष्णुकुंवर मण्डलोई परिवार, स्वागताध्यक्ष समाजसेवी प्रवीण गुप्ता दम्पत्ती, अशोक वर्मा दम्पत्ती, सुनिल दुबे दिल्ली, हर्षद भाई डोड़िया सूरत, रमेशचन्द्र सोनी चित्तोड़, गीता भवन सचिव पं. अशोक त्रिपाठी, टस्टी अशोक पलोड़, बंशीलाल टांक, विनोद चौबे, शेषनारायण माली, केशव सत्संग भवन खानपुरा अध्यक्ष जगदीशचन्द्र सेठिया, ऋषियानंद टस्ट अध्यक्ष ओमप्रकाश पोरवाल, प्रोफेसर पी.डी. शर्मा, सुभाष अग्रवाल, सत्यनारायण पंचारिया, राजेन्द्र हाड़ा, शांतिलाल पालीवाल, रजनीश माली आदि ने संतगणों का आशीर्वाद ग्रहण किया।