Friday, April 19th, 2024 Login Here
सविता प्रधान ने न्यायालय से वापस ली अपनी याचिका
मंदसौर निप्र । मंडला नगर पालिका की सीएमओ रहने के दौरान लाखों के गबन और षडयंत्र के मामले मेंगिरफ्तारी की आशंका के चलते गायब हुई मंदसौर नपा सीएमओ सविता प्रधान को तलाशने के लिये बुधवार को जबलपुर ईओडब्ल्यू की टीम मंदसौर पहुॅची हालांकि टीम को प्रधान नही मिली । उधर जानकारी मिली है कि बुधवार को ही माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर मेंसीएमओ द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई चल ही रही थी कि अचानक सीएमओ की तरफ से अभिभाषक ने अग्रिम जमानत का आवेदन वापस ले लिया । बताया जा रहा है कि जमानत याचिका निरस्त होने की आशंका के चलते याचिका को वापस लिया गया है । इससे पहले इस याचिका पर सुनवाई के लिये लगातार दो बार तारीखें आगे बढ़ चुकी है । उच्च न्यायालय से याचिका वापस लिये जाने के बाद ईओडब्ल्यू भी अब सीएमओ की गिरफ्तारी के प्रयासों में जुट गई है ।
जानकारी के अनुसार साल 2010-11 में मंडला सीएमओ रहते हुए आर्थिक गबन और षड़यंत्र के आरोप लगे थे ।इस मामले की शिकायत मंडला के अनिल जैन ने ईओडब्ल्यू को की थी । मामले की जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने सविता प्रधान को दोषी पाया और करीब बीस लाख से अधिक के घपले के मामले में ईओडंब्ल्यू ने न्यायालय में चालान पेश कर दिया जिसके बाद सीएमओ सविता प्रधान ने भ्रष्टाचार निवारण विशेष न्यायाधीश आशीष कुमार मिश्रा के यहां अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया जिस पर 28 नवंबर 2019 को माननीय न्यायाधीश ने याचिका को खारिज कर दिया । इसके बाद सीएमओ की तरफ से जबलपुर उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत की गई जिस पर पहले 13 दिसंबर को सुनवाई होनी थी लेकिन तारीख आगे बढ़ गई 17 दिसंबर सुनवाई के लिये मुकर्रर की गई लेकिन इस दिन भी सुनवाई नही हो पाई । आज 18 दिसंबर को सुनवाई शुरु होने के पहले ही सीएमओ प्रधान के अभिभाषक ने अग्रिम जमानत याचिका को वापस ले लिया ।
जबलपुर की टीम ने मंदसौर नपा मेंखंगाला रिकार्ड - सीएमओ सविता प्रधान की गिरफ्तारी के लिये जबलपुर ईओडब्ल्यू की टीम बुधवार को मंदसौर पहुॅची लेकिन उन्हे सीएमओ सविता प्रधान नही मिली । प्रभारी सीएमओ ने बताया कि वे 4 से 10 दिसंबर तक अवकाश पर गई थी लेकिन इसके बाद से अब तक नही लोटी है । इसके बाद ईओडब्ल्यू की टीम ने सविता प्रधान से संबंधित रिकार्ड को नपा में खंगाला इसके बाद टीम प्रधान के निवास पर भी पहुॅची और यहां पदस्थ कर्मचारियों से भी पुछताछ की । ईओडब्ल्यू की एक टीम ने सीएमओ के पति के भोपाल स्थित निवास पर भी छानबीन की लेकिन सीएमओ के बारे में कुछ भी पता नही लग पाया ।