Wednesday, April 24th, 2024 Login Here
मन्दसौर निप्र । कहते हैं रिश्ते भगवान के घर से ही तय हो कर आते हैं तभी तो सात समंदर पार से आकर दुल्हन ने मंदसौर में सात फेरे लिए और सत्यार्थ मिश्रा के संग सात वचनों के साथ सात जन्मो तक साथ निभाने की कसम खाई। भारत और चीन की यह जोड़ी रविवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अटूट बंधन में बंधी जिसके सैकड़ों शहरवासी साक्षी भी बने।
नव दंपति भले ही भारत और चीन के हो लेकिन इनका प्यार भी सात समंदर पार कैनेडा में परवान चढ़ा। मंदसौर के रहने वाले साहित्यकार और प्रसिध्द रंगकर्मी वेद प्रकाश मिश्रा और जानी-मानी महिला समाज सेवी ज्योति नवहाल के आंगन में यह प्यार खुशियों के रूप में अंगड़ाई लेने लगा तो मिश्रा दंपत्ति ने भी सहर्ष इस प्रेम को परवान तक पहुंचाने का संकल्प लिया और चीन में रहने वाली युवती को अपनी बहू बनाने की न केवल स्वीकृति दी बल्कि भावी बहू डोरा के माता-पिता से भी चर्चा कर दोनों को विवाह की मजबूत डोर में बांधने का संकल्प लिया। भारत में जिस तरह वैदिक रीति से विवाह होते हैं उस तरह से चीन में विवाह नहीं होते ऐसे में मिश्रा दंपत्ति ने न केवल पुत्र का विवाह किया बल्कि पुत्री की तरह मानकर डोरा की भी सारी वैवाहिक रस्में मंदसौर में पूरी करवाई।
वेद मिश्रा बताते हैं कि कुछ वर्षों र्पूर्व उनका इकलौता बेटा सत्यार्थ मिश्रा कैनेडा में उच्च अध्ययन के लिए गया था पढ़ाई पूरी होने के बाद वह वहीं पर बस गया।पढ़ाई के दौरान ही उसकी मुलाकात चीन के डिजियोंग निवासी जी हाओ ( डोरा) पिता शिबो वांग,माता जिन गुआन से हुई उन दिनों डोरा भी पढ़ाई के सिलसिले में कनाडा में ही आई हुई थी ।डोरा ठीक से अंग्रेजी नहीं जानती थी सत्यार्थ को अच्छी अंग्रेजी आती थी ऐसे में डोरा और सत्यार्थ की अच्छी दोस्ती हो गई उनकी मुलाकात बढ़ने लगी और धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई और यह प्यार परवान चढ़ने लगा दोनों ने अपने अभिभावकों के समक्ष विवाह बंधन में बंधने की इच्छा जताई तो दोनों ही परिवारों ने 2 देशों के बनते बिगड़ते संबंधों की परवाह किए बिना अपने बच्चों के लिए विवाह डोर में बंधने को स्वीकृति दी और धूमधाम से दोनों का विवाह संपन्न कराया।