Friday, April 26th, 2024 Login Here
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 10 दिन बाद भी 13 वार्डों में अभी तक नहीं हुआ सैनिटाइजर का छिड़काव
जनसारंगी संवाददाता | मंदसौर

पूरे देश में कोरोना की दहशत है मंदसौर के समीप के जिले इंदौर में कोरोना की स्थिति भयावह होती जा रही है।जिस तरह वहां पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं प्रदेश की यह व्यवसायिक राजधानी संक्रमण में देश में आठवें नंबर पर आ गई है जबकि स्वच्छता में या शहर पूरे देश में अव्वल है।  इसके बाद भी मंदसौर नगर पालिका सफाई को लेकर सक्रिय नहीं हो पाई जबकि पूरे शहर में कोरोना की दहशत हैं। आलम यह है कि लॉक डाउन हुए 10 दिन होने वाले हैं लेकिन अब तक शहर के सभी वार्डों में सैनिटाइजर का छिड़काव भी नहीं हो पाया।मंगलवार तक केवल 27 वार्डों में ही सैनिटाइजर का छिड़काव हुआ,13 वार्ड अभी भी बचे हुए हैं। और तो और नगरपालिका ने पूरे शहर को साफ करने के लिए विशेष अभियान भी 10 दिन बाद आज से शुरू किया जो अगले 16 दिन तक चलेगा ऐसे में इस अभियान का क्या औचित्य रह जाएगा?

लॉक डाउन होने के साथ ही कोरोना के खतरे को देखते हुए ही प्रशासन ने सभी नगर पंचायतों के साथ ही मन्दसौर नगर पालिका को भी ब्लीचिंग पॉवडर का छिड़काव के आदेश दिए। लेकिन फिर भी नगर पालिका काम ही शुरू नही कर पाई थी।प्रशासन ने दबाव बनाया तो पिछले बुधवार से मंदसौर नगर पालिका ने डीडीटी, फिनाइल, मलेरिया की दवाई का घोल तैयार कर छिड़काव शुरू कर दिया। पता लगा कि नपा के पास ब्लीचिंग स्टॉक नहीं है। जबकि विशेषज्ञों के अनुसार इस छिड़काव का कोई औचित्य ही नहीं था। कोरोना की गाइडलाइन में ब्लीचिंग पॉवडर ही कारगर  है। ऐसे में बड़ा सवाल यह था कि कोरोना को लेकर पहले से ही सरकार ने तमाम सावधानियां बरतने की हिदायत दे दी थी तो फिर नगरपालिका ब्लीचिंग पाउडर खरीदने में कहां पीछे रह गई। जबकि मंदसौर नगर से पहले ग्राम पंचायतों ने अपने अपने क्षेत्र में सैनिटाइजर का छिड़काव पूरा कर दिया उस समय तक तो जनता कर्फ्यू भी नहीं लगा था।
 प्रशासन को मूर्ख बनाकर जनता में दिखावे के लिए भले ही शहर में सैनिटाइजर का अभियान शुरू कर दिया गया लेकिन हकीकत यह है कि 8 दिन बाद भी यह अभियान सिर्फ 27 वार्डों में ही पूरा हो पाया है ।शहर के 13 वार्ड अभी भी इससे अछूते हैं जबकि पूरे शहर में कोरोना का भय व्याप्त है ऐसे में कुछ वार्डों में तो जागरूक नागरिक खुद ही सैनिटाइजर करने निकल पड़े थे।लेकिन फिर भी नगरपालिका के जिम्मेदारों कोई असर नहीं हुआ ना तो शहर में सैनिटाइजर का छिड़काव हो पाया और ना ही शहर में सफाई का विशेष अभियान चल पाया। सफाई का अभियान भी तब शुरू हुआ जब लॉक डाउन को आज 10 वॉ दिन है ।मंदसौर नगर पालिका ने आम दिनों की तरह सफाई का एक शेड्यूल बनाकर जारी कर दिया इसके मुताबिक अगले 16 दिनों बाद पूरे शहर की सफाई पूरी हो पाएगी ऐसे में इस सफाई का क्या औचित्य रह जाएगा।
दादा होते तो .......शहर का यह आलम नहीं होता..!
नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार के निधन को 14 महीने हो गए उनके जाने के बाद नगरपालिका में दो नपाध्यक्ष के कार्यकाल को जनता देख चुकी है लेकिन आज भी आम शहरी यही कह रहा है कि दादा होते तो शहर का यह आलम नहीं होता। स्व.प्रह्लाद बंधवार एक ऐसी शख्सियत थी जो कभी भी संकट में शहरवासियों को यूं ही नहीं छोड़ दिया करती थी। आज पूरा शहर को रोना के दहशत और संकट में है लेकिन मंदसौर के नगरपालिका ब्लीचिंग की सरकारी सप्लाई का ही इंतजार करती रह गई,समय रहते ना तो शहर में सैनिटाइजर का छिड़काव पूरा हो पाया और ना ही विशेष साफ सफाई का अभियान शुरू हो पाया ।पूरे शहर में आज भी नाले बदबू मार रहे हैं, कचरे के ढेर हो रहे हैं जिनसे मच्छर पनपने की भरपूर संभावनाएं बनी हुई है ।जनता पर पहले ही खतरनाक कोरोना वायरस की दहशत और ऊपर से यदि मच्छर पनप गए तो मलेरिया का खतरा भी बढ़ जाएगा बावजूद इसके नगर पालिका ने संकट के समय भी शहरवासियों की समय रहते चिंता नहीं की।
Chania