Thursday, April 25th, 2024 Login Here
डाक्टरों के संगठन आईएमए ने कलेक्टर को लिखी चिट्ठि कहा हमें एड्वाईजरी जारी करें
आम आदमी लड़ रहा है कोविड-19 से लेकिन देवदूत कहलाने वालों का लग रहा है डर
मंदसौर निप्र। कोरोना की दहशत के बीच मंदसौर शहर ही नही जिलें के ग्रामीण अंचल तक सैकड़ो समाजसेवी और स्वयं सेवी संगठनो के लोग बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के गरीब और जरूरतमंदो की मदद के लिए अपने हाथ बड़ाकर अपनी जान की परवाह किए बिना सड़क पर उतर आऐ इसके अलावा सरकारी स्वास्थ्य अमला, पुलिस, सफाई कर्मचारी और मिडिया निरन्तर अपनी जान पर खेल कर भी कोरोना की जंग लड़ रहा है लेकिन जिन्हे देवदूत कहा जाता है, बिमारियों से लड़कर उन्हें हराने में जिन्हें महारथ हांसिल है उन्हें कोरोना से डर लग रहा है उन्हें आम जनता की सेवा के रूप में उपचार करने के लिए भी सरकारी एडवाइजरी का इंतजार है, जबकी प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने खुद आज चिकित्सकों का आव्हान किया कि कोविड-19 के विरूद्व हमारी लड़ाई में जुड़े, आप जुड़ेगे तो भारत जीतेगा।इसलिये उत्साही और समर्पित चिकित्सक,स्टॉफ नर्स, एएनएम, पैरामेडिकल स्टॉफ अपनी सेवाएं कोविड-19 के विरूद्व देश को समर्पित कर करोड़ों लोगों के जीवन की रक्षा करें। राष्ट मदद के लिये पुकार रहा है, क्या आप तैयार है?
कोरोना की आमद के साथ ही भारत के प्रधानमंत्री ने देश को लॉक डाउन किया है इसके बाद तभी से तमाम निजी चिकित्सको के क्लिनिक पर ताले जड़ दिए गए, कई जगह सूचना लगा दी गई 14 अप्रेल तक क्लिनिक बंद रहेगा । लेकिन इसके बीच भी कुछ चिकित्सक और कुछ अस्पताल निरन्तर अपने सेवा के जज्बे को कायम रखे हुए है । सरकारी चिकित्सक और पुरा सरकारी पेरामेडिकल स्टॉफ लगातार जनता की सेवा में बिना सुविधाओ के भी दिन रात जुटा हुआ है लेकिन शहर के निजी चिकित्सको ने पुरे शहरवासियों की सामान्य बिमारियों का भी उपचार बंद कर दिया, मिडिया में खबरे आई, आलोचनाएें हुई तो आईएमए ने प्रतिदिन दो चिकित्सको को जिला अस्पताल में दो-दो घंटे प्रत्येक को सेवा देने के लिए सोमवार से भेजना शुरू कर दिया और सभी चिकित्सको की दुरभाष नम्बर की सूची जारी कर दी जिसमें पहले से ही बिना सुविधाओ के ही काम कर रहे सरकारी चिकित्सको के भी नम्बर शामिल कर वाह-वाही लूटने की कोशिश की यही नही दो घंटे प्रत्येक क्लिनिक खोले जाने की घोषणा कर प्रचार-प्रसार किया और वाह-वाही लूटने का प्रयास किया लेकिन सच्चाई यह है कि बुधवार को भी अधिकांश निजी क्लिनिक नही खूले, शहर में अधिकतर वे ही अस्पताल चालू थे जो पहले से ही अपनी सेवाऐ जनता को दे रहे थे, यही नही आईएमए के अध्यक्ष प्रदीप चेलावत ने जिला कलेक्टर को एक चिट्ठी भी लिखी जो उन्होने दैनिक जनसारंगी को भी साझा की । पत्र में उन्होने कलेक्टर से कहा कि सरकारी चिकित्सको का शासन द्वारा बीमे का प्रावधान है यह प्रावधान निजी चिकित्सको पर भी लागू किया जाना चाहिए । इसके साथ ही आईएमए के निजी डॉक्टर अस्पताल के रेस्पिरेटी क्लिनिक में अपनी सेवाऐ दे रहे है उनके लिए भी आप अधिकारिक रूप से आदेश जारी करे इसके अलावा निजी क्लिनिक और अस्पतालो को भी अपनी सेवाऐ देने के लिए समय निर्धारण की अधिकारिक घोषणा करें ।
दैनिक जनसारंगी चिकित्सको की इस मांग का निश्चित रूप से समर्थन करता है कि उन्हें भी सुरक्षा दी जानी चाहिए लेकिन देश के साथ ही शहर कोरोना के संकट से जुझ रहा है। देश के नागरिकों को आवश्यकता है स्वास्थ्य सुविधाओं की, देश में स्वास्थ्य का आपात कॉल है, ऐसे में यदि बीमारी से लड़ने वाले सैनिक(डाक्टर) ही घबरा कर घर बैठ जाएंगें तो फिर क्या राष्ट जीत पाएंगा उस देश के नागरिक बच पाएंगें। जनप्रतिनिधी खुद आव्हान कर रहे है संकट का यह समय है इसमें किसी से निर्देश और आदेश प्राप्त नहीं किये जाते बल्कि राष्ट के प्रति निष्ठा से काम करना होता है।
-मेरी बात निजी चिकित्सकों से हुई है वे अपनी सेवाएं जिला अस्पताल में देगें और अपने नीजि क्लीनिक को भी प्रारम्भ करेंगें। जनता को बेहतर सेवाएं मिले इसके लिये प्रशासन निरन्तर प्रयास कर रहा है।
मनोज पुष्प
कलेक्टर
-यह समय सुझबूझ का है किसी के निर्देश और आदेश प्राप्ति करने का नहीं है। अगर राष्ट हित में प्रधानमंत्री ने लॉक डाउन का आव्हान किया तो हम उसका पूरा पालन करें अस्पताल में चिकित्सक की कमी है ओर ओपीडी में भीड़ बड रहीं है तो जनता के साथ न्याय करने का दायित्व निजी चिकित्सकों का बनता है, उन्हें अपने नर्सिग होम और क्लीनिक में जनता को सेवाएं देनी चाहिये और सिविल हॉस्पिटल में जाकर भी सेवा करनी चाहिये। यदि कोरोना के लक्षण वाला मरीज आऐ तो रैफर करें। आज आम व्यक्ति को दरकार है सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण की। इस समय में नीजि चिकित्सक सेवा और निष्ठा का भाव प्रतिपादित करते हुए पूर्ण रूप से सहयोग करें।
यशपालसिंह सिसोदिया , विधायक