Saturday, April 20th, 2024 Login Here
*प्रशासन ने देर रात समाज प्रमुखों की बैठक बुलाई
मंदसौर। बीती रात पुलिस कंट्रोल रूम पर समाज प्रमुखों की एक बैठक प्रशासन ने आहुत की इस बैठक में कोरोना वायरस के इस माहौल में वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए लॉक डाउन के दौरान जनता की क्या सुविधा- आसुविधाएं हैं, कोरोना की गंभीरता को लोग कितना समझ पा रहे हैं ला.डा. में नियमों का क्रियान्वयन में कोई कमियां है या सुझाव इन्हीं बिंदुओं पर आधारित इस बैठक में कलेक्टर मनोज कुमार पुष्प ने उपस्थित समाज प्रमुखों से यह आह्वान किया कि कानून और व्यवस्था की बजाय सामाजिक प्रयास कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए ज्यादा कारगर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन तो अपना काम करेगा ही लेकिन बहुत सी ऐसी भी जानकारियां होती है जो सामाजिक क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के माध्यम से सहज रूप से प्राप्त हो जाती है ।
बैठक में मौजूद जिला पुलिस अधीक्षक हितेश चौधरी ने कहा कि ला.डा. के यह 12 दिन हमारे लिए बिना किसी कोरोना पॉजिटिव होने का अंतिम प्रयास नहीं है ।एक-एक दिन की कीमत पूरा शहर चुका रहा है हमारी यह तपस्या असफल ना हो इसलिए आने वाले दिनों में हमें और अधिक सावधानी से बचाव करना होगा।
बैठक में सकल जैन समाज के संयोजक सुरेंद्र लोढ़ा, भागवताचार्य पंडित दुर्गा शंकर जोशी, फादर केनेडी थॉमस, शहर काजी आसिफ उल्लाह सिख समाज के अध्यक्ष बलजीत सिंह नारंग और स्वाध्याय मंच के अध्यक्ष बृजेश जोशी अंजुमन के पूर्व सदर भूरे खा मेव,अकील कुरैशी आदि बैठक में उपस्थित हुए और अपने सुझाव दिए।
बैठक में यह सुझाव प्रमुखता से आया कि मोहल्लों और कालोनियों में जो स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं डॉक्टरों के क्लीनिक हैं वहां से यह जानकारी आसानी से मिल सकती है कि उस क्षेत्र में कितने लोग किसी भी बीमारी के पेशेंट हैं और जिनका उपचार चल रहा है बैठक में कहा गया कि कोरोना को लेकर कोई भी जानकारी यदि छुपाई जाएगी तो वह परिवार और पूरे नगर के लिए घातक साबित हो सकती है। इसलिए नगर के सभी रहवासी यदि उन्हें थोड़े से भी कोई लक्षण सर्दी जुखाम बुखार या उनके अन्य किसी रोग के हो तत्काल में अपना चेकअप कराएं उनकी यह तत्परता उनके परिवार के लिए एक सुरक्षित ऑक्सीजन का काम करेगी घर में यदि 5 सदस्य हैं चार सावधानी बरत रहे हैं लेकिन एक सदस्य की भी असावधानी पूरे परिवार को इस बीमारी की चपेट में ले सकती है इससे होने वाला सर्दी जुखाम बुखार ठीक नहीं होता इस बात की आशंका 90 फ़ीसदी रहती है कोरोना के यह लक्षण सीधे मौत की तरफ ही ले जाते हैं ।
इसलिए बहुत ही अधिक सावधानी आवश्यक है बैठक में सुझाव दिया गया कि समाजों में कोटवारों के माध्यम से भी सूचना और समझाइश पहुंचाई जा सकती है बैठक में सुबह छूट के दौरान भीड़ एकत्र होने भोजन व अनाज वितरण में भी भीड़ लग जाने गली मोहल्लों में बच्चों के क्रिकेट खेलने पड़ोसियों के पट्टियों पर बैठने इन सब पर भी विचार व चिंतन किया गया और उपस्थित सदस्यों ने प्रशासन से यह अपेक्षा व्यक्त की कि इस मामले में प्रशासन को सख्ती बढ़ाना चाहिए। अब समय आ गया है कि जो लोग नहीं समझ रहे हैं उन पर सख्त कार्रवाई हो।