Friday, April 26th, 2024 Login Here
पिपलिया कृृषि मंडी में कांग्रेस प्रत्याशी गुर्जर ने की किसानों व व्यापारियों से मुलाकात मोदी सरकार की योजनाओं से संसदीय क्षेत्र रोशन हो रहा लाखों खर्च करने के बाद भी जलकुंभी नहीं हटी, अब नपा कर्मचारियों पर जिम्मा! दो साल से कागजों में उलझे अमृत -2 पर आचार संहिता का साया, छह महिने और करना होंगा इंतजार मंदसौर में कार में सवारों से एक करोड़ नगदी और तीन किलो चांदी पकडाई श्रृद्धा, समर्पण और भक्ति भाव से मनाया गया श्री हनुमान जन्मोत्सव भक्तों के दुःख दूर कर आरोग्य तीर्थ बन चुका है श्री हर्कियाखाल बालाजी का धाम मतदान से पहले कार्रवाहीं, 23 बदमाश तीन महिने के लिऐ जिलाबदर शिवना में नाइट्रोजन ज्यादा इसलिए फेल रही जल कुंभी.. बुनियादी संसाधनों का समग्र विकास भाजपा सरकार कर रही कार में बैठकर उतार रहे थे सट्टा, 9 सटोरिये गिरफ्तार, पांच करोड़ का हिसाब मिला मंदसौर की युवती के साथ रतलाम के कोचिंग संचालक ने किया दुष्कर्म मंदसौर नया रिकार्ड बनाऐ, डबल इंजन की सरकार करेंगी यहां विकास-सीएम डॉ यादव सीएम डॉ मोहन यादव ने मंदसौर में किया रोड शो, गांधी चौराहे पर जनसभा को भी संबोधित किया तैलीया तालाब पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट को सही माना एनजीटी ने

काहे की सोश्यल डिस्टेंसिंग ओर काहे की सावधानी, बच्चों से लेकर बूजुर्ग तक निकल पड़े तफरी करने
प्रशासन खुद असमन्जस में, थोडी-थोड़ी देर में निकाले दो आदेश, व्यापारी असमन्जस में
पुलिस के बेरिकेट्स खोलकर लोगों ने बना लिया रास्ता,किसी ने नहीं रोका

मंदसौर निप्र। कोरोना से बचने के लिये 51 दिनों से अधिकांश लोग लॉक डाउन का पालन करते हुए अपने घरों में बंद है लेकिन लगता है मंदसौर प्रशासन जनता की इस तपस्या पर पानी फैरनेपर तुला है। जिस तरह से प्रशासनिक निर्णय हो रहे है और फिर बदल रहे है ऐसे मेंलग रहा है प्रशासन खुद ही असमन्जस में है कि आखिर करना क्या है। मंदसौर में कोरोना के 56 मरीज है, 7 मरीज ठीक होकर घर जा चूके है, 4 की मौत हो चूकी है । बचे हुए  सारे मरीज भले ही एक ही कम्यूनिटी के  है एक ही परिवार से जूड़े है, एक ही क्षेत्र के रहने वाले है लेकिन खतरा पूरे शहर पर है । बावजूद इसके जिस तरह से बुधवार से शहर में बाजार खुले ओर लोगों का मेला लगा ऐसा लगने लगा कि शहर से कोरोना का संकट पूरी तरह से समाप्त हो गया। बाजार में काहे की सोश्यल डिस्टेंसिंग और काहे की सावधानी, बच्चों से लेकर बूजुर्ग तक सड़कों पर निकल आएं वो किसी जरूरी काम से नहीं बल्कि केवलओर केवल तफरी क रने क ेलिये। कई जगह तो लोग झूण्ड बनाकर गप्पें लड़ा रहे थे लेकिन इन्हें कोई भी रोकने-टोकने वाला नहीं था।
मंगलवार की शाम को प्रशासन ने बाजार खोलने के लिये आदेश निकाला जिसमें पहला आदेश क्रमांक 828-29/सा.लेख/2020 जारी किया जिसमें एक में शहरी क्षेत्र के लिये था दूसरा ग्रामीण क्षेत्र के लिये था। शहरी क्षेत्र के आदेश में शुक्रवार ओर रविवार को सिर्फ दूध और दवाई की दूकाने खुलने के निर्देश थे लेकिन ऊपर पूरे शडयूल में अधिकांश दूकाने शुक्रवार को भी खोले जाने का हवाला दिया गया था। यहां तक भी ठीक था लेकिन इसके थोड़ी ही देर बाद प्रशासन ने आदेश क्रमांक 832/सा लेख/2020 निकाल दिया जिसमें पहले के आदेश क्रमांक 829-29 मेंसंशोधन किया गया लेकिन 829 का तो पता ही नहीं था कि उसमें क्या है। संशोधित इस आदेश में शहरी क्षेत्र को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्र ओर बड़े कस्बे खोले जाने का आदेश दिया गया था लेकिन तब तक प्रशासन का पहले वाला आदेश वायरल हो गया, समाचार पत्रों की भी सुर्खिया बन गया जिसके बाद बुधवार की सुबह रोस्टर के अनुसार अधिकांश व्यापारी दूकानों पर पहुंच गये। लेकिन एक आदेश में शहरी बाजार खोलने का आदेश था दूसरे में शहरी क्षेत्रों को छोडकर बाजार खोलने का आदेश बाजार में आने के बाद जब उन्हें  इसके बारे में पता लगा तो स्थिति स्पष्ट ही नहीं हुई  ऐसे में उन्होंने डरते-डरते अपनी दूकानों का शटर खोला, काफी देर तक लगा कि कहीं कोई बंद कराने जरूर आएंगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बाजार बंद कराने के लिये कोई भी नहीं आया जिसके बाद पूरे शहर की अधिकांश दूकाने पूरे दिन खुली रहीं लेकिन इन दूकानों पर पूरी तरह से सन्नाटा ही पसरा हुआ था किसी भी दूकान पर ग्राहकी नहीं थी, सूर्य देव की तपन भी तेज थी बावजूद इसके लोगों को जैसे ही लगा कि आज बाजार में पुलिस की कोई रोका-टोकी नहीं है, पुलिस किसी को भी घर से बाहर निकलने के लिये मना नहीं कर रहीं है फिर क्या था देखते ही देखते बाजार में लोगों का मेला लग गया। छोटे बच्चें से लेकर बूजुर्ग तक बाजार में निकल पड़े अौर वह भी सिर्फ घूमने के लिये, इन्हें किसी ने नहीं रोका । ओर तो ओर पुलिस ने रास्तों को आवागमन के लिये बंद कर रखा है लेकिन अधिकांश बेरिकेट्स लोगों ने खुद ही खोल दिये और पूरे शहर में गाड़ियों को दौड़ा रहे थे ।
बाजार की भीड़ देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे शहर से कोरोना का संकट तो पूरी तरह से खत्म हो गया है। अब किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है और ना ही इससे बचने के लिये किसी तरह की सावधानी रखने की भी जरूरत नहीं है। क्योंकि बाजार में कहीं भी कोई सोश्यल डिस्टेंसिंग थी और ना ही चेहरे पर मास्क लगा हुआ था और ना ही अन्य जरूरी सावधानियां बरती जा रहीं थी। ऐसे में जागरूक हलकों में यह चर्चा थी कि प्रशासन का यह निर्णय कहीं 51 दिनों से घर में बैठे लोगों की तपस्या पर पानी ना फेर दे। क्योंकि पहले ही जिस तरह से प्रशासन कोरोना को हल्के में लेता रहा लगातार कहता रहा ऑल इज वेल और देखते ही देखते मंदसौर में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 56 तक पहुंच गया है। अब प्रशासन ने बाजार भी खुलवा दिया है, बाजार में भीड़ भी करवा दी और गुरूवार से मंदसौर कृषि उपज मंडी में नीलामी भी शुरू होने वाली है जिसमें प्रतिदिन 20 से 30 गांवों के किसान आएंगें, मंडी के व्यापारी, हम्माल, तुलावटी सब कुछ मिलाकर करीब 2500 से ज्यादा लोगों का जमावडा होगा। यह सहीं है कि लोगों के आर्थिक हालात लॉक डाउन के कारण खराब है लेकिन फिर भी इतने दिनों की तपस्या के बाद ऐसा कौन सा जादू हो गया जो सब कुछ एकदम से खोलने से कोरोना नहीं आएंगा। यदि यह सबकुछ करना ही था तो फिर लॉक डाउन किया ही क्यों था। जबकी होना तो यह चाहिये था कि कोरोना से बचने की पर्याप्त जागरूकता के बाद रोस्टर के अनुसार धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियां प्रारम्भ होनी थी लेकिन  बुधवार को बाजार की हालत देखकर लग रहा है कोरोना तो कुछ है ही नहीं, बाजार तो ऐसे ही बंद करवा रखे थे।
फोटो
सारी गाईड लाईन धरी रह गई
बुधवार को शहर में बड़ी भीड़ से सारी गाईड लाइन भी धरी रह गई। गाईड लाईन के मुताबिक दुपहिया वाहन पर एक सवारी ओर चार पहियां वाहन में 3 सवारी की अनुमती है लेकिन शहर में निकली दुपहिया वाहनों पर दो सवारी से कम किसी पर नही थी और कुछ पर तो तीन सवारी भी निकल पड़ी थी सब लोग पुलिस के सामने निकल रहे थे लेकिन कोई इन्हें रोकने के लिये तैयार नहीं था इसके अलावा नियमों का मखौल उडाकर चार पहिया वाहन लेकर भी निकल पड़े थे, तीन पहिया ऑटो में भी क्षमता से ज्यादा सवारियां बैठी थी लेकिन पुलिस कहीं भी कोई कार्यवाहीं नहीं कर रहीं थी।

बैकों में भी बड़ गई भीड़
शहर में बाजार खुलते ही शहर की अधिकांश बैकों में भी लोगों की भीड़ बढ़ गई। हालांकि बैंक में कोरोना से बचने के लिये पर्याप्त इंतजाम है बावजूद इसके अधिकांश बैंका ेंमें लोगों की मनमानी के आगे ये सारे इंतजाम धरे के धरे रह गये, लोग इन्हें मानने के लिये तैयार ही नहीं थे। ना तो सौश्यल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था और ना ही अन्य जरूरी सावधानियां रखने के लिये लोग तैयार थे। ऐसी स्थिति देखकर तो लग रहा है कि कोरोना से अब कोई डर ही नहीं बचा है। ऐसे में जिम्मेदारों की यह लापरवाहीं शहर पर भारी पड़ सकती है।

लोगों ने खुद ही हटा दिये बेरिकेट्स
शहर में लोगों की भीड़ ऐसी बड़ी की पुलिस पूरी तरह से गायब हो गई। चौराहो पर जो पुलिस थी वह भी सिर्फ दिखावे के लिये खड़ी थी। लोगों ने मनमानी ऐसी की जो रास्ते आवागमन के लिये बंद थे उन्हें भी जनता ने खुद ही खोल दिया और बेरोकटोक आवागमन शुरू कर दिया। गुदरी कंटेन्मेंट एरिया है, खानपुरा का कुछ क्षेत्र भी कंटेन्मेंट एरिया है धानमंडी क्षेत्र संक्रमित क्षेत्र है ऐसे में इन क्षेत्रों की और जाने वाले घंटाघर से सदर बाजार, मुखर्जी चौक सहित अन्य रास्तों पर बेरिकेटिंग की हुई है। मंगलवार को यातायात पुलिस ने जिन रास्तों को खोलने का आदेश निकाला था उस आदेश में इन प्रमुख रास्तों को बंद दर्शाया गया है बावजूद इसके लोगों ने खुद ही इन बेरिकेट्स को खोल दिया और खानपुरा की और बेरोकटोक आ जा रहे थे जबकी इससे पहले। बड़ी सख्या में दुपहिया और चार पहिया वाहन इस क्षेत्र से आवागमन कर रहे थे लेकिन किसी ने भी इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। सुबह-सुबह जरूर पुलिस ने यहां अपनी महिला आरक्षक को तैनात किया था लेकिन इसके बाद पूरे दिन किसी ने रोकने की कोशिश नहीं की।

कपड़े, जूते और चाय की दूकाने भी खुल गई
बाजार में भीड़ थी लेकिन जिन दूकानों को खोलने की अनुमति नही थी वे भी अपनी दूकानों को खोल रहे थे। बाजार में कपड़े, जूते की दूकाने खुल गई। रेस्टोरेंट तो अभी खोलने की बिल्कुल भी अनुमती नहीं है बावजूद इसके चाय, समोसे, कचोरी बाजार में बिक रहे थे वह भी बिना किसी सावधानी के, लेकिन फिर भी इन्हें रोकने, टोकने वाला कोई नहीं था इसके अलावा कई लोग घरों से ही व्यापार करते है उन्होने भी अपनी व्यापार आज बेरोकटोक शुरू कर दिये थे।

Chania