Saturday, April 20th, 2024 Login Here
ना तो सौश्यल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ और ना बरती गई सावधानी
मंदसौर निप्र। कोरोना से संक्रमण से बचाने के लिये जनता घरों में बंद है लेकिन गुरूवार को मंदसौर कृषि उपज मंडी जिस तरह से चालु कराई गई उससे ऐसा लगा कि मंडी प्रशासन कोरोना परोसने की तैयारी कर रहा हैं। आपदा प्रबंधन की बैठक में पांच गांव के किसानों को नीलामी में बुलाने का तय किया था लेकिन बाद में 30 गांव तय हो गये हजारों किसान गुरूवार को मंडी में पहुंच गये लेकिन मंडी प्रशासन कोरोना से बचाने के लिये कोई व्यवस्था नहीं बना पाया। नतीजतन मंदसौर मंडी में ना तो सौश्यल डिस्टेंसिंग का पालन हो पाया ओर ना ही कोरोना से बचने के लिये दूसरे कोई इंतजाम किये गये थें। इस भीड़ भरी व्यवस्था को लेकर अधिकांश मंडी व्यापारियों का भी विरोध था बावजूद इसके मंडी प्रशासन इसी व्यवस्था पर अड़ा रहा ओर मंडी को चालु करवाया लेकिन इतनी भीड़ हो जाने से दोपहर 2 बजे तक पूरी मंडी को बंद करवाना पड़ा। इसके बाद मंडी प्रशासन मंडी व्यापारियों के साथ मंथन कर शुक्र वार को नई व्यवस्था पर विचार कर रहा हैं उधर मंडी व्यापारी संघ ने भी साफ कह दिया है कि यदि कल भी व्यवस्थाएं नहीं सुधरी और इतनी ही भीड रहीं तो फिर इतने गांवों की किसानों को नीलामी में भाग लेने से रोकना पड़ेगा तभी व्यवस्थाएं सुचारू चल पाएंगी।
जानकारी के अनुसार आपदा प्रबंध समिति की बैठक में प्रशासन क ेअधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों और मंडी सचीव की मौजूदगी में ही मंडी नीलामी चालु करने का निर्णय लिया गया था और एक दिन में पांच गांव के किसानों को बुलाने पर सहमती बनी थी लेकिन शाम होते-होते मंडी सचिव ने आदेश को बदल दिया और एक दिन में पांच गांव के बजाय 20 से 30 गांवों को बुला लिया। इस व्यवस्था को लेकर विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने तत्काल विरोध जताया था और साफ कहा था कि यह व्यवस्था घातक हो सकती है क्योकि इतने गांव के किसानों को बुलाने से हजारों की तादात में किसान, व्यापारी, हम्माल और तुलावटी एकत्र हो जाऐगें और सौश्यल डिस्टेंसिंग का पालन ही नहीं हो पायेगा लेकिन मंडी प्रशासन ने किसी की नहीं सूनी और अपनी जीद पर अड़ा रहा, नतीजतन गुरूवार को जैसे ही मंडी शुरू हुई व्यवस्थाएं मंडी प्रशासन से संभले नहीं संभली, इतनी भीड़ में ना तो सौश्यल डिस्टेंसिंग का पालन हो पाया और ना ही कोरोना से बचाव के दूसरे इंतजाम किये गये थे। मंडी में करीब 200 से जयादा टेक्टर टालियां आ गई जिससे पूरे मंडी परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था लोग भय और दहशत में आ गऐ थे क्योकि मंडी अमला किसी भी तरह की व्यवस्था बना ही नहीं पा रहा था लोग नीलामी में बिलकुल भीड़ जमा कर खड़े हो गये थे, कईयों ने तो मास्क भी नहीं लगा रखे थे। ऐसे में ना केवल मंडी परिसर बल्कि पूरे शहर में कोराना के खतरे की घंटी बज सकती है।
प्रशासन की इस व्यवस्था को लेकर कई जागरूक व्यापारियों ने आपत्ति भी जताई जिसके बाद दशपुर मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष और मंडी सचिव के बीच चर्चा भी हुई और शुक्रवार को नई व्यवस्थाएं बनाऐ जाने पर सहमती बनी। जिसके अनुसार अब मंडी के नीलामी शेड में 100 कुर्सिया लगाई जायेगी और बीच में से कृषि उपज से भरी टेक्टर टालियां निकलेगी, व्यापारी कुर्सी पर बैठकर उपज देखेगें और नीलामी प्रकिृया में भाग लेगें, कोई भी भीड़ जमा कर खड़ा नहीं होगा, यदि यह व्यवस्था भी सफल नहीं हुई तो फिर गांव कम करने पर विचार होगा।
उधर मंडी प्रशासन की इस कार्यप्रणाली से सवालियां निशान भी लग रहे हैं मंडी में तोल पत्रक के माध्यम से भी व्यापार व्यवसाय चल रहा था लेकिन कुछ व्यापारियों की आपत्ति थी इस व्यवसाय में कुछ व्यापारी ही कार्य कर पा रहे हैं हम कार्य नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में व्यापार की प्रतिस्पर्धा को लेकर भी कहीं नहीं व्यापारियों में भी आपस में टकराव की स्थिति है ओर ऊपर से मंडी प्रशासन ढुलमुल नीति और तोल पत्रक के माध्यम से भी बड़े पैमाने पर नीत नई सांठगांठ भी की भी बू आ रही है कि आखिरकार मंडी प्रशासन चाहता ःया है उनको लग रहा है कि शासन परिवर्तित हुआ है तो कहीं ना कहीं हमें तो इस शहर से जाना है लेकिन इस शहर से जाना है इसका यह मतलब कतई न्ही होना चाहिए कि हमे ःया करना। अभी जिस शहर मे उसके प्रति पूरी इमानदारी से अपना कर्तव्य निभाना चाहिए ।
शुक्रवार से व्यवस्था में नया परिवर्तन कर रहे है जिसके अनुसार नीलामी शेड़ के दोनो ओर कुर्सिया लगाएंगें बीच में से टेक्टर टाली निकलेगी, कुर्सी पर बैठकर व्यापारी नीलामी प्रकिृया में भाग लेगें यदि इसके बाद भी व्यवस्था नहीं जमी तो गांव कम करने पर विचार करेगें।
राजेन्द्र नाहर
अध्यक्ष दशपुर मंडी व्यापारी संघ