Wednesday, April 24th, 2024 Login Here
विशेष सम्पादकीय
( नरेन्द्र अग्रवाल)
आपके अंदर यदि किसी जरूरत का जज्बा हो और उसे पाने का जेहन में जुनून भी हो तो कामयाबी आपको अवश्य प्राप्त होगी। यह बात साबित की है नीमच नगर और यहां के जागरूक नागरिकों ने।
इस शहर ने हमें यह सिखाया है कि हम अपनी छोटी बड़ी बातों पर वैचारिक मतभेद भले ही रखें लेकिन जब शहर की बेहतरी के लिए और शहरवासियों के हित में कोई पहल या प्रयास करने हो तो सारे मतभेद भुलाकर एक हो जाओ और शहर को उसकी जरूरत का हक दिलाओ आपस में राजनीति करने के लिए पूरी उम्र पड़ी रहती है लेकिन जब हमें अपना नागरिक अधिकार चाहिए तो वास्तव में सब भूलकर एक होकर लक्ष्य प्राप्ति के लिए बढ़ जाना चाहिए नीमच नगर ने अपनी चंद दिनों की सक्रियता व एकजुट पहल से मेडिकल कॉलेज स्वीकृत करा दिया। कहना नहीं चाहिए लेकिन कुछ कड़वी बातें कहनी ही पड़ती है मंदसौर में मेडिकल कॉलेज को स्वीकृत कराने में 50 साल तक संघर्ष करना पड़ा क्योंकि यहां नगर हित के लिये राजनीति से ऊपर उठकर उदार भावना दिखाने का जज्बा नहीं है।
और अब नीमच शहर की एक और एकजुट जागरूकता का सु- परिणाम यह सामने आया है कि वहां कोरोना जांच सेंटर भी स्वीकृत हो गया है। अब क्षेत्र में नीमच भी कोरोना का जहां सेंटर हो जाएगा। गौरतलब बात यह है कि नीमच में जब यह जांच सेंटर स्वीकृत हुआ तब वहां कोई को रोना पॉजिटिव नहीं था यह संख्या तो बाद में बड़ी लेकिन जब मंदसौर शहर में लगातार कोरोना पॉजिटिव बढ़ रहे थे तब यहां के जागरूक और जिम्मेदारों की आंखें नहीं खुली और नीमच में बगैर पॉजिटिव के ही जांच सेंटर स्वीकृत हो गया। यह होता है वह जुनून जो अपने नगर की बेहतरी और तरक्की के लिए और आवश्यक सुविधा को पाने के लिए प्रगट होता है।
इसके लिए जरूरी है अपने अंदर की राजनैतिक और महत्वाकांक्षी धारणाओं से ऊपर उठना यह तासीर मंदसौर को नीमच से सीखनी चाहिए मंदसौर में नीमच के उलट यह कु-प्रवृत्ति देखी जाती है की जनता के नुमाइंदे हो या प्रशासन के आला अधिकारी अपने अहम और स्वयं को श्रेष्ठ व अन्य को निम्न दर्शाने के लिए शहर के उज्जवल भविष्य को भी अनदेखा कर दिया जाता है। काश मंदसौर में भी नीमच जैसा जज्बा हो तो अनेक वे अपेक्षाएं अधिकार और सुविधाएं हम प्राप्त कर सकते हैं जिन पर मंदसौर का नैसर्गिक अधिकार है। सीखो मंदसौर सीखो हर अच्छी बात कही से भी सीख लेनी चाहिए चाहे वह कभी अपना ही अंग रहा पड़ोस का नीमच शहर ही क्यों ना हो नीमच में यदि 10 दिनों की ही जागरूकता से मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हो सकता है कोरोना का पॉजिटिव मरीज आने के पहले ही जांच सेंटर की स्वीकृति वहां हो जाती है तो निश्चित रूप से इसके पीछे नीमच के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की शहर के प्रति एक ईमानदार प्रतिबद्धता नीमच की जनता की एकजुटता और इस माहौल में स्वाभाविक रूप से प्रशासनिक सक्रियता को इसका श्रेय दिया जाना चाहिए।
( नरेन्द्र अग्रवाल)
आपके अंदर यदि किसी जरूरत का जज्बा हो और उसे पाने का जेहन में जुनून भी हो तो कामयाबी आपको अवश्य प्राप्त होगी। यह बात साबित की है नीमच नगर और यहां के जागरूक नागरिकों ने।
इस शहर ने हमें यह सिखाया है कि हम अपनी छोटी बड़ी बातों पर वैचारिक मतभेद भले ही रखें लेकिन जब शहर की बेहतरी के लिए और शहरवासियों के हित में कोई पहल या प्रयास करने हो तो सारे मतभेद भुलाकर एक हो जाओ और शहर को उसकी जरूरत का हक दिलाओ आपस में राजनीति करने के लिए पूरी उम्र पड़ी रहती है लेकिन जब हमें अपना नागरिक अधिकार चाहिए तो वास्तव में सब भूलकर एक होकर लक्ष्य प्राप्ति के लिए बढ़ जाना चाहिए नीमच नगर ने अपनी चंद दिनों की सक्रियता व एकजुट पहल से मेडिकल कॉलेज स्वीकृत करा दिया। कहना नहीं चाहिए लेकिन कुछ कड़वी बातें कहनी ही पड़ती है मंदसौर में मेडिकल कॉलेज को स्वीकृत कराने में 50 साल तक संघर्ष करना पड़ा क्योंकि यहां नगर हित के लिये राजनीति से ऊपर उठकर उदार भावना दिखाने का जज्बा नहीं है।
और अब नीमच शहर की एक और एकजुट जागरूकता का सु- परिणाम यह सामने आया है कि वहां कोरोना जांच सेंटर भी स्वीकृत हो गया है। अब क्षेत्र में नीमच भी कोरोना का जहां सेंटर हो जाएगा। गौरतलब बात यह है कि नीमच में जब यह जांच सेंटर स्वीकृत हुआ तब वहां कोई को रोना पॉजिटिव नहीं था यह संख्या तो बाद में बड़ी लेकिन जब मंदसौर शहर में लगातार कोरोना पॉजिटिव बढ़ रहे थे तब यहां के जागरूक और जिम्मेदारों की आंखें नहीं खुली और नीमच में बगैर पॉजिटिव के ही जांच सेंटर स्वीकृत हो गया। यह होता है वह जुनून जो अपने नगर की बेहतरी और तरक्की के लिए और आवश्यक सुविधा को पाने के लिए प्रगट होता है।
इसके लिए जरूरी है अपने अंदर की राजनैतिक और महत्वाकांक्षी धारणाओं से ऊपर उठना यह तासीर मंदसौर को नीमच से सीखनी चाहिए मंदसौर में नीमच के उलट यह कु-प्रवृत्ति देखी जाती है की जनता के नुमाइंदे हो या प्रशासन के आला अधिकारी अपने अहम और स्वयं को श्रेष्ठ व अन्य को निम्न दर्शाने के लिए शहर के उज्जवल भविष्य को भी अनदेखा कर दिया जाता है। काश मंदसौर में भी नीमच जैसा जज्बा हो तो अनेक वे अपेक्षाएं अधिकार और सुविधाएं हम प्राप्त कर सकते हैं जिन पर मंदसौर का नैसर्गिक अधिकार है। सीखो मंदसौर सीखो हर अच्छी बात कही से भी सीख लेनी चाहिए चाहे वह कभी अपना ही अंग रहा पड़ोस का नीमच शहर ही क्यों ना हो नीमच में यदि 10 दिनों की ही जागरूकता से मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हो सकता है कोरोना का पॉजिटिव मरीज आने के पहले ही जांच सेंटर की स्वीकृति वहां हो जाती है तो निश्चित रूप से इसके पीछे नीमच के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की शहर के प्रति एक ईमानदार प्रतिबद्धता नीमच की जनता की एकजुटता और इस माहौल में स्वाभाविक रूप से प्रशासनिक सक्रियता को इसका श्रेय दिया जाना चाहिए।