Thursday, April 25th, 2024 Login Here
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केवल कागजों में होता है प्रावधान, कई चौराहों की हालत जर्जर
फिर तीन करोड़ चौराहों के लिए, शहर के प्रमुख चौराहों की हालत जर्जर

मंदसौर निप्र । शहर के चौराहों का विकास और सौंदर्यीकरण के नाम पर हर साल बजट में करोड़ों का प्रावधान होता है। हालंाकि विकास और सौंदर्यीकरण कभी कागजों से निकलकर बाहर नहीं आया। इस बार भी तीन करोड़ का प्रावधान चौराहों के लिए रखा गया है। स्थिति यह है कि जिन चौराहों पर लाखों रुपए खर्च कर सौंदर्यीकरण किया गया था। वहां कहीं फव्वारें बंद है तो विद्युत साज सज्जा भी गायब हो गई है। साथ ही शहर के कई चौराहे हैं, जो सौंदर्यीकरण के लिए तरस रहे हैं।
बजट बैठक में इस बार भी तीन करोड़ रुपए का प्रावधान चौराहों के सौंदर्यीकरण के नाम पर रखा गया है। इसमें पुलिस लाईन, बीपीएल चौराहा, पामेचा चौराहा, श्री कोल्ड चौराहा, यश नगर, चौराहा, पशुपतिनाथ चौराहा, भारत माता चौराहा, लक्ष्मीबाई चौराहा, चंद्रशेखर आजाद चौराहा, परशुराम वाटिका का सौंदर्यीकरण किए जाएगे। हालांकि विकास और सौंदर्यीकरण के यह दावे हर बजट बैठक में प्रावधान कर किए जाते हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही है। बीपीएल चौराहा, गांधी चौराहा और भारत माता चौराहा सहित अन्य चौराहों पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी यह चौराहे आज अपनी दुर्दशा पर रो रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है नपा में 40 सालों से भाजपा की ही परिषद है कि इसके बाद भी उनके पितृपुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के आगे लगे फव्वारे चालू नहीं हो पा रहे हैं। शहर में पानी की नहीं जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों में इच्छाशक्ति की कमी दिख रही है।
लाखों खर्च हुए फिर भी गांधी चौराहा बेहाल
नपा ने शहर के हृदय स्थल गांधी चौराहे पर 1962 में महात्मा गांधीजी की प्रतिमा स्थापित कर चौराहे का निर्माण किया गया था। इसके बाद से समय-समय पर मरम्मत कार्य, फव्वारे लगाने सहित कई कार्य किए गए। इसके बाद शहर की सुंदरता बढ़ाने के लिए नपा ने 54 साल बाद अक्टूबर 2016 में गांधी चौराहे के सौंदर्यीकरण के लिए ठेकेदार प्रभुलाल माली को 17.70 लाख का वर्क आर्डर जारी कर निर्माण कार्य भी प्रारंभ कराया। धौलपुर के लाल पत्थर लगाकर सौंदर्यीकरण किया गया। हालांकि कुछ ही दिनों तक सौंदर्यीकरण बरकरार रह पाया। नपा द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के बाद फव्वारें बंद हो गए। साथ ही पेड़ पौधे भी सूख गए। स्थिति यह है कि गांधी प्रतिमा की सफाई तक नहीं हो पा रही है।
न लगाए, न शुरू किए
जनवरी-फरवरी 14 में तत्कालीन सीएमओ सुरेश रेवाल ने शहर के सभी चौराहों के सौंदर्यीकरण का काम शुरू कराते हुए पौधे लगाने के साथ ही बीपीएल चौराहे पर लाइटिंग भी कराई थी। गांधी चौराहे के फव्वारे भी चालू कराए थे। इसके अलावा अन्य चौराहों पर भी फव्वारे चालू करवाने और लगाने की योजना तैयार की गई थी। रेवाल का बुरहानपुर स्थानांतरण होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। वर्तमान स्थिति में सौंदर्यीकरण के नाम पर उधमसिंह चौराहे पर लगाए गए पौधे सूख गए हैं। बीपीएल चौराहा के निर्माण अंदर और बाहर से दरक रहे हैं।
भारत माता चौराहे पर भी लगा ग्रहण
भारतमाता चौराहे पर लगी जालियां क्षतिग्रस्त हो चुकी है। चौराहे पर लगी जाली का गेट तक चोर ले उड़े। अस्थायी अतिक्रमण चौराहे की सुंदरता पर ग्रहण लगाने के साथ आवागमन भी बाधित कर रहा है। साथ ही महाराणा प्रताप चौराहे पर भी योजनानुसार सौंदर्यीकरण कार्य नहीं हो पाया। इसके अलावा नगरपालिका ने इस बजट में नए आधा दर्जन से ज्यादा नए चौराहों का उल्लेख कर उनके सौंदर्यीकरण के लिए तीन करोड़ का प्रावधान किया है। जबकि जिन चौराहों पर लाखों रुपए खर्च किए गए, उन पर ध्यान नहीं दिया गया। जिससे वह आज अपनी दुर्दशा पर रो रहे हैं।

Chania