Friday, March 29th, 2024 Login Here
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महामारी लेकिन 1.5 प्रतिशत लोगो की ही जांच हुई
 
मंदसौर निप्र। कोरोना ने महामारी का रूप ले लिया है इससे बचने के लिए इम्यूनिटी बढ़ानी जरूरी है जिसके लिए आयुर्वेदिक विभाग ने चूर्ण और काढ़ा तैयार किया है जिसे अब तक 14 लाख की आबादी वाले मंदसौर जिले में साढे छह लाख लोगों को दिया जा चुका है लेकिन महामारी होने के बावजूद भी कोरोना की सेम्पलिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं इतनी आबादी में अभी तक केवल 2737 लोगों के ही सैंपल लिए गए हैं जो महज डेढ़ सौ प्रतिशत ही है। हालांकि सैंपलिंग मंदसौर में ही कम नहीं हुई है बल्कि देशभर के आंकड़े भी यही कह रहे हैं कि जितनी आबादी है उसके मुताबिक सेम्पलिंग नहीं हो पा रही है जिसके कारण महामारी इतनी जल्दी जाने वाली नहीं दिख रही है। हालांकि जिले में सैंपल के मुकाबले पॉजिटिव मरीजों का प्रश पांच के आसपास है, जो मानकों के हिसाब से सही बताया जा रहा है।

कोरोना के कारण हुए लॉक डाउन के बाद से ही भारत की प्राचीन विद्या आयुर्वेद को कोरोना से लड़ने की अचूक दवा माना गया है और इसे विश्व स्तर पर प्रसिद्धि मिल रही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आयुर्वेद को बढ़ावा देने का आह्वान कर रहे हैं जिसके चलते लोग आयुर्वेद की तरफ आकर्षित हुए हैं। भारत के आयुर्वेद में कोरोना से लड़ने की अचूक दवा त्रिकूट चूर्ण है जो इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करती है इसी के चलते प्रदेश सरकार ने इसे घर-घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया ताकि लोगों की इम्युनिटी बड़े और वे कोरोना से बचे रहे। इसी के चलते मंदसौर का आयुष विभाग भी लगातार और चूर्ण और काढे का वितरण घर-घर कर रहा है स्टाफ कम होने के बावजूद भी आयुर्वेद विभाग ने अभी तक साढे छह लाख लोगों को वितरित कर दिया है। लेकिन दूसरी तरफ एलोपैथी में उपचार के लिए ली जा रही सैंपलिंग पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिले में 68 दिन तक चले लॉकडाउन के बाद अब बाजार तो खुल गए हैं, पर अभी भी लोगों का भय दूर नहीं हुआ है। कोरोना वायरस का अभी तक कोई ठोस उपचार नहीं होने से भी लोग डरे हुए हैं। वहीं उनका कहना है कि अगर ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच होती तो ज्यादा आजादी से घूम सकते थे। जिले की आबादी के लिहाज से रेंडमली 10 प्रश लोगों की तो जांच होना ही चाहिए थी। और हुई महज १.५ प्रश से कुछ  ज्यादा लोगों की। जानकार भी कह रहे हैं कि सरकार को रेंडमली सैंपल लेने के आदेश देना था। इसी से बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान होती और वे दूसरों में नहीं फैला पाते। मंदसौर में अभी तक 98 पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जो 5.5 प्रश के आसपास है। मंदसौर में कम सैंपलिंग इसलिए भी है कि 60-70 मरीज तो एक ही क्षेत्र के हैं तो उनके क्लोज कांटेक्ट भी एक जैसे ही थे। यही लोग अलग-अलग क्षेत्र में होते तो सैंपलिंग 4000 तक पहुंचती। राजस्थान के समीपी क्षेत्रों में एक भी पॉजिटिव मरीज की सूचना मिलते ही तत्काल सीमाबंदी भी करा दी जाती थी। इससे भी काफी मदद मिली। जबकि मंदसौर में तो जिन क्षेत्रों में कंटेनमेंट बनाए गए थे वहां भी ठीक तरह से जांच नहीं होने के मामले तक सामने आए हैं।

आयुष विभाग के पास स्टाफ बहुत कम है 42 के मुकाबले केवल 10 ही डॉक्टर हैं और इसी अनुपात में कंपाउंडर, वार्ड बाय और अन्य स्टाफ भी है। लेकिन अन्य विभागों के कर्मचारियों की सहायता से आयुष विभाग ने इम्युनिटी बढ़ाने वाला त्रिकूट चूर्ण,होम्योपैथी दवा और काडे का वितरण घर-घर किया है। अब तक साढ़े छह लाख लोगों को यह दिया जा चुका है और वितरण का कार्य अभी निरंतर चल रहा है। हर व्यक्ति तक यह पहुंचे ऐसा लक्ष्य है ।
डॉ ओम नाथ मिश्र
 जिला आयुष अधिकारी
Chania