Saturday, April 20th, 2024 Login Here
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा- सभी 52 जिलों में एक जुलाई से कोरोनावायरस नियंत्रण अभियान संचालित किया जाए
भोपाल में ये जुलाई से पहले ही शुरू हो सकता है, बैठक में बारिश के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली परेशानियों पर भी चर्चा हुई
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में एक जुलाई से किल कोरोना अभियान चलाया जाएगा। भोपाल से अभियान की शुरुआत की जाएगी। प्रदेश के सभी जिलों में वायरस नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरूकता के इस महत्वपूर्ण अभियान में सरकार और समाज साथ-साथ कार्य करेंगे। किल कोरोना अभियान प्रत्येक परिवार को कवर करेगा। इसके लिए दल गठित किए जा रहे हैं। कोविड मित्र भी बनाए जाएंगे, जो स्वैच्छिक रूप से इस अभियान के लिये कार्य करेंगे। पूरे राज्य में स्वास्थ्य विभाग की 10 हजार टीमें हर दिन 10 लाख परिवारों का करेंगी सर्वे करेंगी। मुख्यमंत्री ने आज कमिश्नर-कलेक्टर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निर्देश दिए कि वे इस अभियान के लिए आवश्यक तैयारियां अभी से प्रारंभ कर दें। देश के इस अनूठे और बड़े अभियान के संचालन से अन्य प्रदेशों तक भी एक सार्थक संदेश पहुंचेगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिलों और संभागों में आईजी और कमिश्नर्स भी कोरोना नियंत्रण पर निगाह रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के करीब 14 हजार महिला और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर सर्वे कार्य की अहम जिम्मेदारी रहेगी। कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
डोर-टू-डोर सर्वे में सभी का सहयोग प्राप्त करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को कोरोना के नियंत्रण में अन्य राज्यों की तुलना में सफलता भी मिली है। लेकिन, सजगता का स्तर बना रहे और सभी आवश्यक उपायों को अपनाते रहें, यह बहुत आवश्यक है। कोरोना वायरस को समाप्त कर ही हमें चैन की सांस लेना है। प्रदेश में अब डोर-टू-डोर विस्तृत सर्वे के माध्यम से संदिग्ध रोगी की शीघ्र पहचान और उपचार का कार्य अधिक आसान हो जायेगा। उन्होंने कहा कि जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों के साथ ही सभी का सहयोग लेते हुए अभियान को गति दी जाए। वायरस के पूर्ण नियंत्रण की रणनीति के साथ कार्य करना है। मध्यप्रदेश में ग्रोथ रेट और एक्टिव प्रकरणों की संख्या कम है। मध्यप्रदेश 76.1 प्रतिशत रिकवरी रेट के साथ देश में दूसरे क्रम पर है। वायरस के इस स्प्रेड को रोकने में कामयाबी मिली है।
आमजन भी बने सहयोगी
मुख्यमंत्री ने आमजन से भी अपील की है कि 'किल कोरोना अभियान'' में अपना सहयोग प्रदान करें। घर-घर पहुंच रहे सर्वे दल को आवश्यक जानकारी देकर सहयोग करें। इस सर्वे में महिला और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगे। सर्दी-खांसी जुकाम के साथ ही डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि के लक्षण पाये जाने पर भी जरूरी परामर्श और उपचार नागरिकों को मिल सकेगा। सार्थक एप का उपयोग कर इन जानकारियों की प्रविष्टि की जाएगी। कुल दस हजार दल कार्य करेंगे। सर्वे दल अनुमानित दस लाख घरों में रोज जाएंगे। एक दल करीब 100 घरों तक पहुंचेगा।
समुदाय आधारित प्रयासों पर होगा अमल
कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक छवि भारद्वाज ने प्रजेंटेंशन में बताया कि सार्थक एप की उपयोगिता बढ़ रही है। प्रदेश के नागरिकों के स्वास्थ्य सर्वे में यह एप महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। कोविड मित्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। समुदाय आधारित प्रयासों से सर्विलेंस आसान होगा। जिला प्रशासन ऐसे स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड मित्र का दायित्व दे सकता है, जो 45 वर्ष की आयु से कम हों। इस कार्य में स्वैच्छिक संगठन भी जुड़ेंगे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इन बिंदुओं पर चर्चा
कोविड-19 के नियंत्रण उपायों की समीक्षा और भविष्य के संबंध में निर्देश।
विद्यालयों में गणवेश बांटे जाने के संबंध में चर्चा।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना।
उपार्जन की समीक्षा और निर्देश।
श्रम सिद्धि अभियान।
मानसून में मौसमी बीमारियों और बाढ़ से बचाव की तैयारी।
रोजगार सेतु की प्रगति की समीक्षा।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान।
खरीफ आदान की आवश्यकता और प्रबंध।
ग्रामीण आबादी सर्वेक्षण योजना।
टिड्डी दल का आक्रमण तथा उससे निपटने की कार्ययोजना।
पथ विक्रेता उत्थान योजना(शहरी एवं ग्रामीण)।
किसान क्रेडिट कार्डयोजना।
संबल योजना का क्रियान्वयन।
पंच परमेश्वर योजना का क्रियान्वयन।
मध्यप्रदेश इनोवेशन चैलेंज पोर्टल पर सुझाव देने संबंधी।
वनाधिकार पट्टों के संबंध में- निरस्त पट्टों का ऑनलाइन दावा और निराकरण।
बिजली बिलों में राहत के संबंध में।
लोक सेवाओं के प्रदाय के संबंध में।
जल जीवन मिशन का क्रियान्वयन।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली।
स्व्सहायता समूहों का सशक्तिकरण।
प्रशासन में वित्तीय मितव्यनयता के पालन वावत्।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस।
कानून व्यवस्था।
भू-अर्जन कार्य।
भोपाल में ये जुलाई से पहले ही शुरू हो सकता है, बैठक में बारिश के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली परेशानियों पर भी चर्चा हुई
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में एक जुलाई से किल कोरोना अभियान चलाया जाएगा। भोपाल से अभियान की शुरुआत की जाएगी। प्रदेश के सभी जिलों में वायरस नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरूकता के इस महत्वपूर्ण अभियान में सरकार और समाज साथ-साथ कार्य करेंगे। किल कोरोना अभियान प्रत्येक परिवार को कवर करेगा। इसके लिए दल गठित किए जा रहे हैं। कोविड मित्र भी बनाए जाएंगे, जो स्वैच्छिक रूप से इस अभियान के लिये कार्य करेंगे। पूरे राज्य में स्वास्थ्य विभाग की 10 हजार टीमें हर दिन 10 लाख परिवारों का करेंगी सर्वे करेंगी। मुख्यमंत्री ने आज कमिश्नर-कलेक्टर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निर्देश दिए कि वे इस अभियान के लिए आवश्यक तैयारियां अभी से प्रारंभ कर दें। देश के इस अनूठे और बड़े अभियान के संचालन से अन्य प्रदेशों तक भी एक सार्थक संदेश पहुंचेगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिलों और संभागों में आईजी और कमिश्नर्स भी कोरोना नियंत्रण पर निगाह रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के करीब 14 हजार महिला और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर सर्वे कार्य की अहम जिम्मेदारी रहेगी। कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
डोर-टू-डोर सर्वे में सभी का सहयोग प्राप्त करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को कोरोना के नियंत्रण में अन्य राज्यों की तुलना में सफलता भी मिली है। लेकिन, सजगता का स्तर बना रहे और सभी आवश्यक उपायों को अपनाते रहें, यह बहुत आवश्यक है। कोरोना वायरस को समाप्त कर ही हमें चैन की सांस लेना है। प्रदेश में अब डोर-टू-डोर विस्तृत सर्वे के माध्यम से संदिग्ध रोगी की शीघ्र पहचान और उपचार का कार्य अधिक आसान हो जायेगा। उन्होंने कहा कि जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों के साथ ही सभी का सहयोग लेते हुए अभियान को गति दी जाए। वायरस के पूर्ण नियंत्रण की रणनीति के साथ कार्य करना है। मध्यप्रदेश में ग्रोथ रेट और एक्टिव प्रकरणों की संख्या कम है। मध्यप्रदेश 76.1 प्रतिशत रिकवरी रेट के साथ देश में दूसरे क्रम पर है। वायरस के इस स्प्रेड को रोकने में कामयाबी मिली है।
आमजन भी बने सहयोगी
मुख्यमंत्री ने आमजन से भी अपील की है कि 'किल कोरोना अभियान'' में अपना सहयोग प्रदान करें। घर-घर पहुंच रहे सर्वे दल को आवश्यक जानकारी देकर सहयोग करें। इस सर्वे में महिला और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगे। सर्दी-खांसी जुकाम के साथ ही डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि के लक्षण पाये जाने पर भी जरूरी परामर्श और उपचार नागरिकों को मिल सकेगा। सार्थक एप का उपयोग कर इन जानकारियों की प्रविष्टि की जाएगी। कुल दस हजार दल कार्य करेंगे। सर्वे दल अनुमानित दस लाख घरों में रोज जाएंगे। एक दल करीब 100 घरों तक पहुंचेगा।
समुदाय आधारित प्रयासों पर होगा अमल
कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक छवि भारद्वाज ने प्रजेंटेंशन में बताया कि सार्थक एप की उपयोगिता बढ़ रही है। प्रदेश के नागरिकों के स्वास्थ्य सर्वे में यह एप महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। कोविड मित्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। समुदाय आधारित प्रयासों से सर्विलेंस आसान होगा। जिला प्रशासन ऐसे स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड मित्र का दायित्व दे सकता है, जो 45 वर्ष की आयु से कम हों। इस कार्य में स्वैच्छिक संगठन भी जुड़ेंगे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इन बिंदुओं पर चर्चा
कोविड-19 के नियंत्रण उपायों की समीक्षा और भविष्य के संबंध में निर्देश।
विद्यालयों में गणवेश बांटे जाने के संबंध में चर्चा।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना।
उपार्जन की समीक्षा और निर्देश।
श्रम सिद्धि अभियान।
मानसून में मौसमी बीमारियों और बाढ़ से बचाव की तैयारी।
रोजगार सेतु की प्रगति की समीक्षा।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान।
खरीफ आदान की आवश्यकता और प्रबंध।
ग्रामीण आबादी सर्वेक्षण योजना।
टिड्डी दल का आक्रमण तथा उससे निपटने की कार्ययोजना।
पथ विक्रेता उत्थान योजना(शहरी एवं ग्रामीण)।
किसान क्रेडिट कार्डयोजना।
संबल योजना का क्रियान्वयन।
पंच परमेश्वर योजना का क्रियान्वयन।
मध्यप्रदेश इनोवेशन चैलेंज पोर्टल पर सुझाव देने संबंधी।
वनाधिकार पट्टों के संबंध में- निरस्त पट्टों का ऑनलाइन दावा और निराकरण।
बिजली बिलों में राहत के संबंध में।
लोक सेवाओं के प्रदाय के संबंध में।
जल जीवन मिशन का क्रियान्वयन।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली।
स्व्सहायता समूहों का सशक्तिकरण।
प्रशासन में वित्तीय मितव्यनयता के पालन वावत्।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस।
कानून व्यवस्था।
भू-अर्जन कार्य।