Friday, March 29th, 2024 Login Here
नई दिल्ली. गलवान
घाटी में चीन ने अपनी सेना दो किलोमीटर पीछे बुला ली है। चीन ने यह कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे के दो दिन बाद रविवार को उठाया।
हालांकि, इन दो घटनाओं के बीच एक और अहम कड़ी है, राष्ट्रीय सुरक्षा
सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की चीन के विदेश मंत्री मंत्री वांग यी से
वीडियो कॉल पर दो घंटे चर्चा की। रविवार को हुई इस बातचीत के कुछ ही
घंटे बाद चीन ने सेना वापस बुलाने का फैसला लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अचानक लद्दाख का दौरा किया
था। पोस्ट पर जवानों से मिले, उनका हौसला बढ़ाने के लिए स्पीच दी थी। इसके
अलावा लेह के मिलिट्री अस्पताल में भी उन्होंने गलवान झड़प में घायल
सैनिकों से मुलाकात की थी।
गलवान जैसी घटनाएं रोकने पर मिलकर काम करेंगे भारत-चीन
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने रविवार को चीन के
विदेश मंत्री वांग यी से वीडियो कॉल पर बात की थी। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों
के हवाले से बताया कि बातचीत अच्छे माहौल में हुई। चर्चा में इस बात पर
जोर रहा कि फिर से शांति बहाल हो और भविष्य में गलवान जैसी घटनाएं रोकने के
लिए साथ मिलकर काम किया जाए।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक इन 5 पॉइंट्स पर सहमति
- भारत और चीन के बीच पॉइंट पीपी-14, पीपी-15, हॉट स्प्रिंग्स और फिंगर एरिया में भी विवाद है। इन इलाकों से भी सैनिक पीछे हटने शुरू हो गए हैं।
- बॉर्डर पर शांति रखने और रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों को आपस में तालमेल रखना चाहिए। अगर विचार मेल नहीं खाएं तो विवाद खड़ा नहीं करना चाहिए।
- एलएसी पर सेना हटाने और डी-एक्स्क्लेशन की प्रोसेस जल्द से जल्द पूरी की जाए। यह काम फेज वाइज किया जाए।
- दोनों देश एलएसी का सम्मान करें और एकतरफा कदम नहीं उठाएं। भविष्य में सीमा पर माहौल बिगाड़ने वाली घटनाएं रोकने के लिए मिलकर काम करें।
- एनएसए डोभाल और चीन के विदेश मंत्री आगे भी बातचीत जारी रखेंगे, ताकि दोनों देशों के समझौतों के मुताबिक सीमा पर शांति रहे और प्रोटोकॉल बना रहे।
सेनाएं हटाईं, पर बख्तरबंद गाड़ियां अभी भी मौजूद
गलवान की झड़प के 20 दिन बाद चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर 2
किलोमीटर पीछे हट गया है। उसने टेंट और अस्थाई निर्माण हटा लिए हैं।
हालांकि, गलवान के गहराई वाले इलाकों में चीन की बख्तरबंद गाड़ियां अब भी
मौजूद हैं। लद्दाख में भारत-चीन के बीच 4 पॉइंट्स पर विवाद है। ये पॉइंट-
पीपी-14 (गलवान रिवर वैली), पीपी-15, हॉट स्प्रिंग्स और फिंगर एरिया हैं।
भारतीय सेना सभी पॉइंट पर नजर रख रही है।