Tuesday, April 23rd, 2024 Login Here
बाबा महाकाल का सुबह विशेष श्रृंगार किया गया। भस्मआरती के बाद साढ़े 5 बजे से भक्तों के लिए दर्शन व्यवस्था खोल दी गई।
शाम 4 बजे मंदिर परिसर में पूजन के बाद सवारी निकली, सवारी मार्ग जाने वाले रास्तों को बंद किया
2.3 किलोमीटर का सवारी मार्ग, 2 घंटे में पूरी होगी दूरी, भीड़ रोकने के लिए दो लेयर की बैरिकेडिंग
उज्जैन. महाकालेश्वर की सावन की पहली सवारी सोमवार शाम 4 बजे मंदिर परिसर से पूजन के बाद बिना भक्तों के निकली। संक्रमण को देखते हुए सवारी के लिए मार्ग छोटा कर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। सवारी निकले के कुछ देर पहले सवारी मार्ग पर आने वाले रास्तों को बैरिकेडिंग कर बंद कर दिया गया। सोमवार से ही सावन की शुरूआत हुई है, ऐसे में बाबा महाकाल का सुबह विशेष श्रृंगार किया गया। सुबह से ही भक्त बाबा के दर्शन के लिए लाइन में लगे। पूरा मंदिर परिसर बाबा के जयकारों ने गुंजायमान हो गया।
प्रजा का हाल जानने निकल बाबा महाकाल।
सावन में भगवान महाकाल की 5 और भादौ में 2 कुल 7 सवारियां निकलेंगी। आखिरी सवारी प्रमुख होगी। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन ने सवारी में श्रद्धालुओं को प्रतिबंधित किया है। इसके लिए सवारी मार्ग के एक किमी हिस्से में सभी मार्गों को ब्लॉक किया गया है। सवारी के लिए मार्ग के दोनों तरफ बैरिकेडिंग कर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। इसमें सवारी के प्रोटोकॉल में तैनात पुजारी व अन्य पासधारी ही प्रवेश कर पाए।
सुबह 5.30 से रात 9 बजे तक दर्शन
सावन के पहले सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर में सुबह 5.30 बजे से दर्शन शुरू हुए। मंदिर समिति ने सामान्य कतार में दर्शन के लिए 7.5 हजार श्रद्धालुओं को ऑनलाइन प्री-परमिशन दी है। दर्शन चार पारियों में रात 9 बजे तक होंगे। दर्शन के लिए शंखद्वार गेट से श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद मंदिर में जाने की अनुमति दी गई। मंदिर में पूजन सामग्री, फूल, प्रसाद, जल-दूध ले जाने पर पाबंदी है। श्रद्धालुओं ने नंदीगृह के पीछे गणेश मंडपम से दर्शन किए।
भक्त तो शामिल नहीं हुए, लेकिन लाव लश्कर के साथ निकली सवारी।
सवारी मार्ग की 27 गलियों में बैरिकेडिंग
सवारी निकले के पहले सवारी मार्ग की 27 गलियों को सोमवार को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। सवारी के दौरान चार घंटे के लिए सवारी मार्ग के एक किलोमीटर एरिया के रास्तों को बंद कर पुलिस ने आवाजाही रोक दी। सुबेदार संजय राजपूत ने बताया कि सोमवार को दोपहर 2 से शाम 6.30 बजे के दौरान चारधाम, बेगमबाग, कोटमोहल्ला, गुदरी, कहारवाड़ी, शंकराचार्य चौराहा, नृसिंहघाट पहुंच मार्ग, यंत्र महल से चारधाम पहुंच मार्ग, दानीगेट से रामघाट-मुंबई वालों की धर्मशाला तक का मार्ग प्रतिबंधित है।
4 बजे शुरू हुई सवारी
महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में पूजन के बाद शाम 4 बजे सवारी शुरू हुई। सभामंडप में केवल अनुमति धारक ही प्रवेश कर पाए। सवारी में पुलिस बैंड, घुड़सवार सेना, सशस्त्र बल, चोबदार, पालकी के साथ पुजारी शामिल हुए।
भक्तों ने छत पर खड़े होकर बाबा के दर्शन किए।
यह है सवारी मार्ग
महाकाल से रामघाट की ओर- बड़ा गणेश, हरसिद्धि चौराहा, सिद्धाश्रम के सामने से पिशाचमुक्तेश्वर मंदिर के पास से होकर रामघाट।
रामघाट से महाकाल की ओर- रामानुजकोट, पाल, हरसिद्धि चौराहा, बड़ा गणेश होकर महाकाल मंदिर।
दो सवारी के बाद समीक्षा : कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट किया है कि पहली और दूसरी सवारी निकाले जाने के बाद व तीसरी सवारी के पहले जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समूह बैठक कर सवारी मार्ग के बारे में निर्णय लेकर मार्ग तय करेगा।