Thursday, April 18th, 2024 Login Here
टोल पर खत्म होगा वीआईपी कल्चर, नहीं मिलेगी किसी को भी छूट निजी भूमि को विवादित बताकर अवैध वसूली करने वाला गिरफ्तार किसानों को उन्नति भाजपा सरकार की पहली प्राथमिकता महंगाई की मार से गरीबी के दलदल में फंस रहे नागरिक मंदसौर-नीमच के मेडिकल कॉलेज को शुरू करने की तैयारी, डीन की पदस्थापना हुई सभी वर्गो के हितों का समावेश है कांग्रेस का न्याय पत्र तीन करोड महिलाओं को लखपति दीदी बनाकर सशक्त बनाऐगी मोदी सरकार कुत्तों के आतंक से शहरवासी परेशान, कथित पशु प्रेमी पड रहे प्रशासन पर भारी रतलाम के सैलाना में युवक की चाकू मारकर हत्या: बाड़े में सो रहे व्यक्ति की हत्या कर जमीन में गाढा शव ट्रेन गरीबों की, किराया स्पेशल आग बुझाने दौड़े बाराती, दो कुएं में गिरे, मौत: हर परिवार की एक महिला को देगे एक लाख, तीस लाख युवाओ को मिलेगा रोजगार- श्री दिलीपसिंह गुर्जर सुनहरे भविष्य का रोड मैप है भाजपा का घोषणा पत्र चंदवासा की यूको बैंक में आधी रात को आगजनी

काम की धीमी गति फिर भी मंदिर प्रबंध समिति को नहीं चिंता
मंदसौर
भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पर आने वाले दर्शनार्थियों को समीप में ही सहस्त्र शिवलिंग की प्राचीन और ऐतिहासिक प्रतिमा के दर्शन हो सके। इसके लिए चार करोड़ 20 लाख की लागत से प्रोजेक्ट शुरू किया गया। 2018 में इस पर काम शुरू हुआ जिसे 2019 में पूरा होना था लेकिन आधे से अधिक 2020 भी बीत गया फिर भी मंदिर का काम आधा भी नहीं हो पाया ।और यहां काम कर रहा है कांट्रेक्टर और आर्किटेक्ट को काम की गति बढ़ाने और के लिए भी कोई सकती नहीं दिखा रहा तो लापरवाही पर अब तक किसी प्रकार की किसी ने कार्रवाई भी नहीं की है। नोटिस देने तक ही मंदिर समिति की कार्रवाई अब तक सीमित रही है।यही कारण है कि यह प्रोजेक्ट अब तक आधा भी बनकर तैयार नहीं हो पाया है। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में बदली सरकार के बाद प्रबंध समिति भंग की गई थी। इसके बाद अब तक नई समिति नहीं बनी। मंदिर पर प्रबंध समिति के नहीं होने का भी इस प्रोजेक्ट के अधर में लटकने और धीमी गति से चलने का बड़ी वजह बताया जा रहा है।

एक ओर तीर्थस्थल स्थापित करने के लिए बनाया प्रोजेक्ट

विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर पर अष्टमुखी की प्रतिमा के चलते यह स्थान तीर्थ स्थल है। तो इसी के समीप सहस्त्र शिवलिंग से जुड़ी एक और प्राचीन प्रतिमा स्थापित कर दर्शनीय तीर्थ स्थल स्थापित करने के उद्देश्य से गर्भ ग्रह शिखर से लेकर भव्य मंदिर का प्लान तैयार किया था और इसकी शुरुआत की गई, लेकिन लापरवाही के कारण यह अब तक स्वरूप ही नहीं ले पाया है।

शिवना से मिली थी मूर्ति, 1008 शिवलिंग हैं

जानकारी के अनुसार पशुपतिनाथ महादेव की मूर्ति नदी से निकलने के10- 20 साल बाद शिवना नदी से एक और मूर्ति मिली थी। इसस पर 1008 छोटे-छोटे शिवलिंग बने हुए हैं और इसका वजन भी अनेक क्विण्टलो में है। मंदिर स्थापना के बाद से यह सहस्त्र शिवलिंग की प्रतिमा एक शेड के नीचे रखी हुई थी और इसकी पूजा-अर्चना का दौर चल रहा था। इस पर तत्कालीन कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव की निगाह पड़ी तो उन्होंने सहस्त्र शिवलिंग मंदिर प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया और पशुपतिनाथ के पास ही शहर शिवलिंग का काम भी शुरू हुआ लेकिन कछुआ चाल से चल रहा काम अब तक आधा भी नहीं हो पाया है।

दो साल पहले हुआ था भूमिपूजन

वर्ष 2018 मई माह में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चार करोड़ 20 लाख की लागत से बनने वाले इस सहस्त्र शिवलिंग मंदिर का भूमि पूजन किया था। लेकिन 2 साल बाद भी यह आधा भी बनकर तैयार नहीं हो पाया है। भूमिपूजन के बाद प्रदेश में सरकार बदली तो नगर सरकार में भी परिवर्तन हुआ लेकिन काम को गति नहीं मिली और अब फिर से सरकार बदल चुकी है और मुख्यमंत्री शिवराज है तो नगर पालिका मैं भी फिर से बीजेपी की सरकार बन गई। प्रदेश से लेकर शहर में सरकारों के बदलने का दौर तो चला लेकिन इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट का काम फिर भी पूरा नहीं हो पाया। प्रबंध समिति का अभाव और इस पर देख रहे तो आर्किटेक्ट और कॉन्टैक्टर पर कसावट नहीं होना भी काम में देरी की बड़ी वजह बनता जा रहा है। बताया तो यह भी जा रहा है कि आर्किटेक्ट को कई बार नोटिस भी जारी किए लेकिन फिर भी काम में रत्ती भर भी गति नहीं मिल पाई है।  और अब भी इसका काम धीमी गति से चल रहा है इसके कारण तय समय पर या मंदिर बन कर ही तैयार नहीं हो पाया है।

Chania