Thursday, April 25th, 2024 Login Here
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मंदसौर जनसारंगी।
शनिवार को नाग पंचमी का पर्व नाग देवता के पूजन के साथ ही भगवान पशुपतिनाथ को 101 तांबुल का भोग लगाकर मनाया गया। हालांकि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हुए दो दिन के लॉक डाउन के कारण मंदिर में भक्तों की उपस्थिति बहुत कम थी लेकिन श्रृध्दालुओं ने अपने घर में रहकर ही परम्परागत तरीके से पर्व मनाया।
भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में श्रृध्दालुओं ने भोले बाबा को 101तांबुल का भोग लगाया,इसके साथ ही नगर की संत कंवरराम कॉलोनी में स्थित नाग देवता के अतिप्राचीन मंदिर मेंपूजा अर्चना की गई। इसके साथ ही भगवान पशुपतिनाथ मंदिर परिसर स्थित तापेश्वर भगवान के मंदिर में कालसर्प दोष निवारण के लिये हवन किया गया। श्री राम मंदिर के समीप व पशुपतिनाथ मंदिर केसामने ब्रह्मणेश्वर मंदिर, संजीत रोड़ स्थित खाटू श्याम मंदिर पर बाबा  का विशेष श्रृंगार नाग देवता के रूप में किया गया जो काफी सुंदर और मनोरम दिख रहा था। लॉक डाउन के कारण खाटू श्याम मंदिर के पट भक्तों के लिए बंद है लेकिन घर बैठे भक्तगण सौश्यल मिडिया व्हाटसअप,फेसबुक के माध्यम से दर्शनों का लाभ  ले रहे है। नगर सहित जिले के अनेक मंदिरों में नाग पंचमी पर्व पर विशेष पूजा अर्चना की गई।
हालांकि कुछ वर्षो पूर्व तक नागपंचमी पर घर-घर जाकर सपेरे नाग देवता के दर्शन करवाते थे जहां महिलाएं दूध पिलाकर नाग देवता का पूजन करती थी लेकिन इस बार लॉक डाउन और कोरोना संक्रमण के कारण इस तरह दर्शन नहीं हो पाएं। आज पूरे शहर में सपेरे इक्का, दुक्का ही दिख पाएं। लेकिन घरों में पर्व को उत्साह से मनाने में श्रृध्दालुओं ने कोई कमी नहीं रखी। घरों में पूजन अर्चन के साथ ही विशेष प्रकार के व्यजंन बनाकर भगवान को भोग लगाया गया।
भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा में नाग को भी देवता माना जाता है और सावन मास के  कृष्ण पक्ष की पंचमी के दिन नाग पंचमी के रूप में नाग देवता की विधि पूर्वक पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग पूजा करने से घरों का वास्तु दोष दूर होता है,जीवन की बाधाएं दूर होती है व उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
 मंदसौर नगर में विभिन्न क्षेत्रों में नाग मंदिर है जहां श्रध्दालु लोग आज के दिन पूजन अर्चन कर नाग देवता के प्रति अपनी श्रध्दा व्यक्त करते हैं, पहले के समय जब  किसी प्रकार की कोई बंदिश नहीं थी तो गली-गली में  सपेरे नाग लेकर आते थे तो श्रध्दालु नाग के दर्शन कर उनकी की प्रत्यक्ष पूजा करते थे लेकिन अब पर्यावरणीय वजहों से शासन के नए नियमों के चलते ऐसा तो हो नहीं सकता क्योंकि सपेरे यदि टोपली में ले कर जगह-जगह लेकर घूमेंगे तो उन पर कार्यवाही हो सकती है । इस वजह से अब पूजा की यह परंपरा तो बंद हो गई।
    लेकिन मंदिरों में पूजा अवश्य की जाती है मंदसौर नगर के विभिन्न मंदिरों में आज नाग देवता की पूजा की गई ।
 प्रेम कालोनी नागचंद्रेश्वर मन्दिर- प्रेम कॉलोनी स्थित नाग देवता के मंदिर में श्रध्दालु दर्शनार्थी बड़ी श्रध्दा से आज के दिन पहुंचते हैं और नाग देवता की पूजा करते हैं मान्यता है कि यह बड़ा ही चमत्कारिक मंदिर है और यहां सच्ची श्रध्दा के साथ जो भी नाग देवता की पूजा करते हैं और मन्नत लेते हैं उनकी जरूर पूरी होती है इसीलिए लोगों की श्रध्दा इस मंदिर में है इस कारण यहां ज्यादा लोग दर्शन करने के लिए नहीं आए फिर भी पूजा परंपरा चलती रही है । और यहां श्रध्दालु महिलाएं बताती है कि यहां हर मन्नत पूरी होती है,निसंतान दम्पत्ति यहां आकर सन्तान प्राप्ति की मन्नत लेते हैं तो वह अवश्य पूरी होती है।
ब्रह्मणेश्वर मन्दिर परिसर- पशुपतिनाथ मंदिर के सामने ब्रह्मणेश्वर महादेव मंदिर परिसर में भी नाग देवता का स्थान है यहां भी बड़ी ही श्रध्दा से नाग देवता की पूजा की गई और यहां जो युवतियां और महिलाएं पूजा करने के लिए आए उन्होंने नाग देवता की पूजा करने के साथ उनसे यह मन्नत मांगी कि कोरोनावायरस मारीमारी से देश और दुनिया को जल्द ही मुक्ति दिलाई जाए ताकि लोग अपना सहज जीवन व्यतीत कर सकें।
किला रोड स्थित नाग मन्दिर -उधर किला रोड स्थित मंदिर में भी नाग पंचमी पर श्रध्दालुओं ने रीति अनुसार नाग देवता की प्रतिमा की पूजा की और जो पारंपरिक विधियां है उनका यहां पालन किया गया।
धनकुट्टा गली मन्दिर - इसी प्रकार धनकुट्टा गली जनकु पुरा क्षेत्र में यहां भी नाग देवता का स्थान है जो श्रध्दालु जनों के लिए आज के दिन बड़ी ही श्रध्दा का केंद्र रहता है महिलाएं यहां पूजा करती हैं यहां क्षेत्र की महिलाओं ने आज लाकडाउन  है तो सीमित संख्या में ही पूजन की गई।
  नरसिंहपुरा नाग मन्दिर -  नृसिंहघाट अखाड़े के रास्ते बीच में नाग देवता का एक बड़ा ही प्राचीन मंदिर है और यहां चमत्कृत नाग प्रतिमाएं स्थापित हैं। परंपरा अनुसार यहां नाग पंचमी के दिन बड़ी ही श्रध्दा और पारंपरिक रीतियों  के अनुरूप पूजा की जाती है।
Chania