Wednesday, April 24th, 2024 Login Here
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मंदसौर जनसारंगी।
 शहर को मवेशियों की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर पालिका ने तीन साल पहले 30 लाख रुपए खर्च कर अलावदाखेड़ी मार्ग पर कांजी हाउस तैयार किया था। इसके बाद भी वह हमेशा खाली पड़ा रहता है और मवेशी शहर के सभी प्रमुख मार्गों र्पर आराम फरमाते हुए मिल रहे हैं। आवारा पशुओं को पकडने के लिए हर बार मुहिम भी चली पर नगर पालिका का अभियान कभी भी पांच दिन से ज्यादा नहीं चल सका। सिर्फ कागजों पर ही पालिका के दावे दम तोड़ गए। कई मौकों पर तो अधिकारी खुद ही कहने लगे कि मवेशियों को पकड़कर कांजी हाउस ले जाने की मुहिम सिर्फ त्योहारों पर ही चलती है। हालांकि पकड़े गए अधिकांश पशु मालिकों से जुर्माना भी वसूल नहीं किया जा सका।
शहर में सड़कों पर स्वच्छंद विचरण करते मवेशियों की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। स्टेशन रोड, नेहरु बस स्टैंड, महाराणा प्रताप बस स्टैंड, गांधी चौराहा, गोल चौराहा, रामटेकरी तिराहा सहित शहर के सभी प्रमुख मार्गों र्पर पशु विचरण कर रहे हैं। इससे वाहन चालकों को परेशानी तो हो ही रही है। साथ ही यह दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहे हैं। कांजी हाउस तैयार होने के बाद आवारा पशुओं की समस्या से निजात मिलने की उ मीद लगाई जा रही थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांजी हाउस में सभी व्यवस्था होने के बाद भी पशु रोड पर नजर आ रहे हैं। अभी भी अकसर कांजी हाउस में ताला ही लगा रहता है। कई बार मवेशियों ने हमला कर लोगों को घायल कर दिया। इतना ही नहीं दुकानदारों का भी नुकसान करते हैं। नपा द्वारा समय-समय पर सड़कों पर विचरण करते मवेशियों को पकडने के लिए अभियान चलाने का ढिंढोरा पीटा जाता है लेकिन समस्या का समाधान आज तक नहीं हुआ। इधर पशुपालकों पर स ती की बात की जाती है। इन पर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। यही कारण है कि समस्या खत्म होने की बजाए बढ़ती जा रही है। नपा परिषद शहर की जनता को पशुओं की समस्या से निजात दिलाने में नाकाम साबित हो रही है।
इन क्षेत्रों में अधिक समस्या
नगर में खानपुरा के मुख्य मार्ग से लेकर सदर बाजार, नयापुरा रोड, घंटाघर, सम्राट मार्केट, गांधी चौराहा, बस स्टैंड, अस्पताल रोड, सब्जी मंडी, गोल चौराहा, बीपीएल चौराहा सहित अन्य प्रमुख मार्गों पर हर समय मवेशियों का जमघट लगा रहता है। मवेशियों के झुंड सड़कों को घेरकर बैठते हैं, लेकिन नपा का ध्यान नहीं जा रहा है।
नगर पालिका का दिखावा
कांजी हाउस तैयार होने के बाद नगरपालिका ने कई बाद सड़कों पर घुमते पशुओं को पकडने के लिए मुहिम शुरू करने के दावे किए। शहर में पशुओं को जब्त कर पशुपालकों पर जुर्माना लगाने की मुनादी कराई गई। 200 रुपए जुर्माना और 100 रुपए पशुओं की देखरेख मिलाकर 300 रुपए का दंड निर्धारित किया गया। हालांकि दस दिन में ही नगरपालिका के दावों की पोल खुल गई।
दो लाख का बजट
फिलहाल 125 मवेशियों की क्षमता वाला कांजी हाउस उपयोग नहीं किया जा रहा। इसके लिए दो लाख रुपए का बजट भी रखा गया है। मवेशियों के लिए चारे और पानी के लिए खर्च किया जा रहा है। इसके अलावा यहां दो चौकीदारों की नियुक्ति भी की गई । साथ ही एक राजस्व निरीक्षक को इसकी जि मेदारी भी सौंपी गई है। यह बात अलग है कि अधिकारियों की उदासीनता के कारण तीस लाख रुपए खर्च करने के बाद भी शहर की सड़कों पर आवारा पशु विचरण कर रहे हैं।
Chania