Thursday, March 28th, 2024 Login Here
तीन साल में उतरे सिर्फ दो प्लेन, कई जगहों से उखड़ गई पट्टी
मंदसौर जनसारंगी।
जिले में पर्यटन विकास की दृष्टि से नवलखा बीड पर बनी हवाई पट्टी की हालत ने पूरी योजना पर पानी फेर दिया है। हवाई पट्टी बनाने की योजना का उद्देश्य था महानगरों के एयरपोर्ट से मंदसौर की कनेक्टिविटी करना लेकिन दो साल में हवाई पट्टी पर केवल दो प्लेन उतरे और हवाई पट्टी की गिट्टी निकलने लगी है। ऐसे में यहां प्लेन उतरना संभव नहीं है। जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदार को नोटिस भेजे जाने की बात कह रहे हैं। इसके अलावा सबसे बड़ी बात यह है कि हवाई पट्टी का उपयोग अब लोग शराब पीने के लिए कर रहे हैं। 11 करोड रुपए की इस हवाई पट्टी को महखाना बना दिया गया है इसके अलावा वाहन सिखने वालों का भी यहां जमावड़ा देखा जा सकता है।
केंद्र सरकार ने रीजनल एयर कनेक्टिविटी के तहत शहर में नवलखा बीड पर 14.91 करोड़ की लागत से हवाई पट्टी का निर्माण कराया गया। इसमें 3.56 करोड़ रुपए हाइटेंशन लाइन शिफ्ट करने के लिए बिजली वितरण कंपनी को दिए गए।जबकि 11 करोड़ की लागत से जनवरी 2017 में 2.5 किमी लंबी हवाई पट्टी तैयार हुई। इसका उद्देश्य उदयपुर, जयपुर, अजमेर तक के पर्यटकों को मंदसौर आने की सुविधा मिलना तथा इंदौर, उज्जैन के साथ मंदसौर को हवाई पट्टी की सुविधा से जोडऩा था। पट्टी निर्माण कार्य उदयपुर की कंपनी ने किया। उद्घाटन के बाद से यहां केवल दो बार प्लेन उतरे हैं। इसमें एक बार पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान व एक बार कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी प्लेन से पहुंचे। इसके बाद से अब तक यहां कोई प्लेन नहीं उतरा और ना ही भविष्य में यहां प्लेन उतरने की संभावना है। इसका कारण हवाई पट्टी पर बनी सड़क से गिटिट्यां निकलना है। जानकारों की माने तो ऐसी स्थिति में यहां प्लेन उतर ही नहीं सकता।
सर्वे में मिली थी एयर ट्रैफिक की संभावना
हवाई पट्टी के निर्माण के बाद पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान ने इसका उद्घाटन किया था। इसके बाद मप्र पर्यटन विभाग व विमानन विभाग ने रीजनल एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मप्र में पांच स्थानों का चयन कर इनके बीच छोटे हवाई जहाज चलाने का फैसला लिया। सर्वे भी कराया गया। इसमें मंदसौर से लगभग पर्याप्त एयर ट्रैफिक मिलने की संभावना मिली। इसके बाद हवाई पट्टी पर नियमित छोटे हवाई जहाज की नियमित सेवा शुरू करने के साथ इंदौर, ग्वालियर, भोपाल से मंदसौर को जोडऩे की योजना बनी। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो सका।