Thursday, April 25th, 2024 Login Here
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सत्ता बदलने के बाद अब तक मुक्त नहीं हो पाया मंदिर की भूमियों से अतिक्रमण, माफिया अभियान भी  रूका
मंदसौर जनसारंगी
कमलनाथ की अगुवाई में प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार आते ही मंदसौर जिले में बरसों से भूमियों पर अवैध कब्जा कर बैठे भूमाफियाओं पर नकेल कसी जाने लगी थी। एक-एक अवैध कब्जे का रिकार्ड खंगाला जा रहा था और इसके बाद माफियाओंद्वारा किये गए अतिक्रमण को भी जमीजोद करने की कार्यवाहीं हुई। इसी दौरान मंदसौर जिला प्रशासन के राजस्व अमले ने रामटेकरी स्थित श्रीराम मंदिर की बेशकीमती भूमि पर करीब दो दर्जन से ज्यादा लोगों द्वारा किये गये अवैध कब्जे को हटाने की कार्यवाहीं भी शुरू हो गई थी लेकिन प्रदेश में सत्ता बदली लेकिन मंदसौर जिले में अधिकारी नहीं बदले बावजूद इसके प्राथमिकताएं बदल गई। जिस कार्यवाहीं को दम-खम से शुरू किया गया था वह सरकार के मार्गदर्शन के इंतजार में एक बार फिर धुल खाती फाईलों में दब  गया। जबकी मंदसौर की जनता आज भी इस भूमि से अवैध कब्जे के हटने के इंतजार में है।
हम बात कर रहे है मंदसौर के रामटेकरी पर स्थित श्री राम मंदिर की  जहां के करीब  28 सर्वे नंबर की भूमियों पर किसी ने मकान बना लिया तो किसी ने दूकान तान दी और किसी ने अपना कब्जा कर खेती करना शुरू कर दिया। ऑपरेशन माफिया के तहत प्रशासन ने मंदिर की भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिये  श्री राम मंदिर की कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 239, 240, 241, 202, 243, 247, 248, 250, 250, 251, 252, 253, 254, 255, 257, 259, 261, 262, 264, 265, 268, 259, 270, 176, 177, 178 सहित 180 की भूमियों के दस्तावेजों को खंगाला  जिसमें गडबडिया पाई गई और इसी के साथ प्रशासन ने दो दर्जन से ज्यादा रसुखदारों की सूचियां बनाई और शुरू हो  गया था । प्रदेश भर के साथ ही मंदसौर में प्रशासन और पुलिस ने मिलकर माफियाओं पर कार्यवाहीं शुरू की थी और अवैध अतिक्रमण ढहाने का काम चल पड़ा था। प्रशासन ने कुख्यात तस्कर मो शफी तक के अवैध अतिक्रमण को तोड़ दिया था। लक्ष्मण शाह मंदिर की भूमि पर से भी अतिक्रमण हटाने की कार्यवाहीं शुरू हो गई थी जिसके कारण श्रृध्दालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिये एक बार फिर रास्ता मिल गया था। लोगो को इंतजार था कि श्री राम मंदिर की भूमियों पर से भी अतिक्रमण हटेगा लेकिन जैसे ही प्रदेश  शासन गया निजाम बदले और अभियान भी प्रशासन के हाथों से गुम हो गया। हालांकि प्रदेश में राजनीतिक रूप से भले ही सत्ता बदल गई हो परंतु जिले में कलेक्टर और मन्दसौर के तहसीलदार के रूप में जो कांग्रेस शासन में पदस्थ थे, वे आज भी पदस्थ हैं।  अब प्रशासन के जवाबदार कहते हैं कि उनके द्वारा राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया था परंतु आज दिनांक तक शासन की ओर से कोई मार्गदर्शन नहीं मिला है। प्रशासन के अधिकारी कहते हैं कि सरकार को फिर से दस्तावेजों के साथ रिमाइंडर भेजा जाएगा। जबकी श्रीराम मंदिर की भूमि की पूरी जांच प्रशासन कर चूका है जिसमें पाया गया कि मंदिर के  सर्वे क्रमांक की भूमियों मेंगड़बड़ियां  है इन सर्वे क्रमांक की भूमियों पर लोगों ने पक्के मकान बना लिए हैं तो वही दुकानों का निर्माण भी कर लिया और कईयों ने तो निर्माण कर भूमियों को बेच भी दिया । इसके बाद प्रशासन के साथ ही पुलिस ने भी ऐसे दो दर्जन से अधिक रसूखदारों की सूची बनाई थी।
कांग्रेस शासनकाल में प्रशासन और पुलिस की टीम द्वारा व्यापक स्तर पर ऐसे माफियाओं के विरुध्द कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा था परंतु प्रदेश में जैसे ही सत्ता ने करवट ली, सरकार का दामन भाजपा ने संभाला, उसी प्रकार यहां के प्रशासन की कार्रवाई ने भी दूसरा मोड़ ले लिया। अब न तो तस्करों और न ही भू माफियाओं द्वारा जबरन सरकारी भूमियों पर किए गए अतिक्रमण पर कार्रवाई होने का नाम लिया जा रहा है। ऐसे में अब जनचर्चा है कि  सरकार गई और पुराने काम भी भूल जाओ।

इनका कहना
 प्रशासन ने राम टेकरी की श्री राम मंदिर भूमि की जांच करवाई गई थी जिसमें गड़बड़ी पाई गई है। लोगों द्वारा अस्थाई और स्थाई अतिक्रमण कर मकान व दुकानों का निर्माण कर लेना पाया गया है। इसको लेकर राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा था की, इन्हें किरायेदारी देवे या फिर इनके निर्माण को तोड़ा जाए। राज्य शासन की ओर से मांगे गए मार्गदर्शन का जवाब आज दिनांक तक जिला प्रशासन को नहीं मिल पाया है। इसी कारण श्री राम मंदिर की भूमि पर रसूखदार लोग कब्जा जमाए हुए हैं।
 नारायण नांदेडा, तहसीलदार


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