Friday, March 29th, 2024 Login Here
मंदसौर जनसारंगी।
मंदसौर जिले में शराब,मछली,डोडाचूरा और भूमाफियाओं के खेल में गोलियां चलना कोई बड़ी बात नहीं हैं। यह वह मंदसौर जिला है जहां नगर के प्रथम नागरिक प्रहलाद बंधवार की सरेबाजार हत्या कर दी गई लेकिन दो साल बितने को है अब तक उस हत्याकांड की असल कहानी जनता के सामने नहीं आई है। आए दिन गोलिया चलना और अवैध धंधे में खुनी संघर्ष आए दिन की कहानी होती है इसी बीच प्रदेश की 28 सीटों सहित मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने के कारण आचार संहिता प्रभावी है जिसमें चुनाव से पहले ही सारे हथियार पुलिस ने जमा करवा लिए, पूरे जिले में पुलिस की सख्त पहरेदारी है बावजूद इसके मछली के अवैध कारोबार में गोली चल गई जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर बड़ा सवाल उठ खडा हो गया। इस बार विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने इस पर सवाल उठाया और प्रदेश के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक),मप्र चुनाव आयोग के अलावा सीईओं तथा कलेक्टर मंदसौर को ट्वीट कर जवाब मांगा।
मंदसौर विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने अपने ट्वीटर हेंडल के माध्यम से ट्वीट कर सवाल उठाया और पूछा कि मंदसौर जिले में मछली ठेकेदारों के बीच विवाद में रायफल 315 का उपयोग, बड़ा सवाल उपचुनाव के चलते आचार संहिता में रायफल जमा क्यों नहीं हुई? जबकि प्रतिष्ठितों और कईयों की बंदुके थानों में जमा हुई। प्रशासन की लापरवाहीं या ठेकेदारों को छूट?
मंदसौर जिले में आचार संहिता के दौरान हुई गोली चलने की घटना ने समूचे पुलिस और प्रशासन को कठघरे में ला खडा किया है क्योंकि पुलिस और प्रशासन पूरे जिले में चुनाव के दौरान चाक चौबंद पहरेदारी होने के दावे कर रहे थे। दिन रात बार्डर से लेकर हर जगह सख्त चैकिंग हो रहीं थी लेकिन चुनाव का मतदान होने के तीसरे दिन ही मंदसौर जिले के नारायणगढ़ थाना क्षेत्र में तमंचे की आवाज सुनाई दे गई। ताज्जुब की बात तो यह है कि तमंचा लेकर घूम रहे बदमाश की बंदूक ना तो चुनाव आचार संहिता लगते ही ना तो थाने में जमा हुई और ना ही सख्त पहरेदारी में पकड़ में आई जिसकों लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है। अब मंदसौर के वरिष्ठ विधायक ने इसकों लेकर सवाल उठा दिया है तो पुलिस और प्रशासन में हड़कंम मचना भी तय था। हालांकि ना पुलिस और ना ही प्रशासन की और से अभी तक इस सवाल का जवाब आया है लेकिन इतना तय दिख रहा है कि मंदसौर जिले में एक बार फिर से अपराधियों का सर ऊंचा हो रहा है जो उन्होंने आचार संहिता के दौरान की सख्त पहरेदारी के बीच भी बिना डरे अपना खौफ दिखा दिया।