Thursday, April 25th, 2024 Login Here
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जिले में कई युवाओं ने उठा रखा रक्तदान का बीड़ा
मंदसौर जनसारंगी।
 जिले मेें तीन सौ से अधिक युवा रक्तदान की मुहिम से जुड़े हुए है। आधा दर्जन से अधिक सामाजिक संस्थाओं, संगठन और सैकड़ों युवा रक्तदान के लिए अवसर तलाशते हैं। अपने आराध्य देव का जन्मोत्सव, त्योहार या फिर परिवारों में खुशी का अवसर रक्तदान कर मनाया जा रहा है। जिले में 300 रक्तदाता तो ऐसे हैं, जो 365 दिन आधी रात को भी फोन करने पर रक्तदान के लिए दौड़े चले आते हैं।
जिले में एक दर्जन से अधिक रक्तवीर 50 से अधिक बार रक्तदान भी कर चुके हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में मंदसौर जिले में रक्त के अभाव में किसी मरीज की मृत्यु नहीं हुई हैं। जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा फेसबुक पर बनाए गए पेज ब्लड ऑन कॉल का नेटवर्क पूरे देश में फैल चुका है। देश के विभिन्न शहरों के 5 हजार से अधिक लोग पेज से जुड़े हैं। देश के किसी भी कोने में मरीज को रक्त की जरूरत होने पर इसी पेज के यूजर्स व्यवस्था कर देते हैं। सामाजिक संस्थाओं रेडक्रॉस संगठनों तथा अस्पताल प्रबंधन ने रक्तदाताओं की लिस्ट व ग्रुप तैयार कर रखे हैं। जैसे ही किसी मरीज को रक्त की जरूरत होती है, संबंधित गु्रप वाले व्यक्ति के पास सूचना पहुंचते ही रक्तदाता अस्पतालों में आ रहे हैं।
रक्तदान को बनाया जीवन का हिस्सा
जिले में एक दर्जन से अधिक लोग ऐसे हैं, जो कई वर्षो से रक्तदान कर रहे है। यशवंत प्रजापति अभी तक 150 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। डॉ. राघवेंद्रसिंह तोमर, डॉ. यू मीन, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एसएम जैन 50 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। सोशल मीडिया के जमाने से पहले इन लोगों ने रक्तदान करने के साथ ही पोस्टकार्ड लिखकर भी लोगों को इस संबंध में जागरूक किया।
ये संस्थाएं व संगठन रहती हैं आगे
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, रेडक्रॉस सोसायटी, महावीर फतेह करे बालाजी गु्रप, श्रीराम सेना, मदद मंदसौर, राजकुमार सोनी सेवा संस्थान, मारवाड़ी युवा मंच, वैश्य सम्मेलन जैसी संस्थाएं और संगठन हैं, जो जरूरत पडऩे पर हर समय तैयार रहते हैं। इसके अलावा अस्पताल के प्रभारी प्रबंधक हिमांशु यजुर्वेदी के पास 300 से अधिक ऐसे युवाओं की लिस्ट है, जो सूचना मिलते ही दौड़े चले आते हैं।
बच्चों को लिया गोद
जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ हिमांशु यजुर्वेदी ने जिले के करीब ४५ थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों को गोद लिया है। जिसमें हर माह लगने वाले उनके खून की जिम्मेदारी अब खुद निभाएंगे। ब्लड उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी हिमांशु ने ले ली है। डॉ हिमांशु यजुर्वेदी अभी तक ३५ से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। इसके अलावा देश में कई जगहों पर अपने गु्रप के माध्यम से यजुर्वेदी रक्त उपलब्ध करवा चुके हैं।
शुभ अवसरों पर करते हैं रक्तदान
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार अब जिले में शुभ अवसरों पर लोग रक्तदान करने लगे हैं। इसके अलावा श्री परशुराम जयंती पर ब्राह्मण समाज, महाराणा प्रताप जयंती पर राजपूत समाज, झूलेलाल जयंती पर सिंधी समाज, भगवान श्री महेश जयंती पर माहेश्वरी समाज, महावीर जयंती पर जैन समाज सहित अन्य त्योहारों पर मुस्लिम समाज व अन्य समाजों के युवा भी शिविर आयोजित कर रक्तदान कर रहे हैं।


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