Friday, March 29th, 2024 Login Here
धनतेरस से भाई दूज तक जाने त्यौहार की तिथि और शुभ मुहूर्त
मन्दसौर जनसारंगी।
दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म में बेहद खास है। यह हिंदू धर्मों के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। इस वर्ष दीपावली 14 नवंबर को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही श्री राम ने लंकापति रावण का वध कर अयोध्या वापस आए थे। इस खुशी में ही दिवाली मनाई जाती है। उनकी वापसी पर अयोध्या ने दीप प्रज्ज्वलित किए गए थे और उनका शानदार स्वागत किया गया था। इस दिन देवी लक्ष्मी और कुबेर पूजा की जाती है। आइए जानते हैं दिवाली सप्ताह की महत्वपूर्ण तिथियां, पूजा का समय, शुभ मुहूर्त और दिवाली सप्ताह के बारे में।
धनतेरस:
धनवंतरी को दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्यौहार इस वर्ष 13 नवंबर शुक्रवार को मनाया जाएगा धन त्रयोदशी, प्रदोष व्रत, धनवंतरी जयंती, यमदीपदान के दिन सोना, चांदी, तांबे अथवा पीतल के बर्तन खरीदना शुभ माना गया है। श्री धनवंतरी भगवान का भी पूजन इसी दिन किया जाता है, इस सबके लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 12 से 1:30, शाम 4:30 से 6 , रात्रि 9 से 10:30 तक का मुहूर्त उत्तम।
सायं काल अखंड दीपक प्रज्वलित करने का मुहूर्त 4:30 से 6 बजे तक।
रूप चौदस
नरक चतुर्दशी,रूप चौदस, मुख्य त्यौहार से एक दिन पहले मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने की चतुर्दशी तिथि पर रूप चौदस मनाई जाती है। इस दिन को नरक चौदस या रूप चौदस भी कहा जाता है। यह त्यौहार 14 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन अभयंगदान (दीवाली स्नान अनुष्ठान) का महत्व है।
दिवाली:
यह त्यौहार भी इस वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाएगा। दिवाली के शुभ मुहूर्त की बात करें तो लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 25 मिनट तक का है। प्रदोष काल मुहूर्त शाम 5 बजकर 27 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। वृषभ काल मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 25 मिनट तक है।
गोवर्धन पूजा:
गोवर्धन पूजा अमावस्या को की जाती है। इस वर्ष गोवर्धन पूजान 15 नवंबर को की जाएगी। इस दिन भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर भगवान इंद्र को हराया था। हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। गोवर्धन पूजा का सायंकाल मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 18 मिनट से लेकर 15:18:37 से शाम 5 बजकर 27 मिनट तक है।
भाई दूज:
भाई दूज या भैया दूज को भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया आदि भी कहा जाता है। इसे कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व के शुभ मुहूर्त की बात करें तो भाई दूज के तिलक का समय दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
बॉक्स पंडित जी का फोटो लगाना
विद्वान आचार्य के अनुसार मुहूर्त
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*** रूप चतुर्दशी--
दि. 14 - 10 -2020, शनिवार,
प्रात: अभ्यंग् स्नानादि कृत्य।
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** दि.14 -10-2020,
शनिवार
दीपावली पर्व
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** दि.15-10-2020, रविवार,
अन्न कूट, गोवर्धन पूजन।
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** दि . 16-10-2020, सोमवार
यम द्वितीया, भाई बीज, चित्र गुप्त पूजन, विश्व कर्मा पूजन।
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प. उमेश जोशी
ज्योतिष एवं कर्मकांड परिषद मंदसौर (म. प्र.)