Saturday, April 20th, 2024 Login Here
किसान के खेत तक पानी पहुंचाकर तस्वीर बदल दी मोदी सरकार ने रंगारंग आकाशीय आतिशबाजी के बीच बुराई के प्रतिक रावण के पुतले का दहन कर मनाया दशहरा पर्व* लोनिवि के कार्यपालन यंत्री आदित्य सोनी व एसडीओं कमल जैन को कलेक्टर ने दिया शोकाज शुभ मुर्हूत में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों ने भरा नामाकंन मंदिर जाने के लिए निकले टीआई संजीवसिंह परिहार का शव कार में मिला मुंॅह बोले मामा के साथ मिलकर बेटे ने किया पिता का कत्ल टोल पर खत्म होगा वीआईपी कल्चर, नहीं मिलेगी किसी को भी छूट निजी भूमि को विवादित बताकर अवैध वसूली करने वाला गिरफ्तार किसानों को उन्नति भाजपा सरकार की पहली प्राथमिकता महंगाई की मार से गरीबी के दलदल में फंस रहे नागरिक मंदसौर-नीमच के मेडिकल कॉलेज को शुरू करने की तैयारी, डीन की पदस्थापना हुई सभी वर्गो के हितों का समावेश है कांग्रेस का न्याय पत्र तीन करोड महिलाओं को लखपति दीदी बनाकर सशक्त बनाऐगी मोदी सरकार कुत्तों के आतंक से शहरवासी परेशान, कथित पशु प्रेमी पड रहे प्रशासन पर भारी रतलाम के सैलाना में युवक की चाकू मारकर हत्या:

20 साल बाद आऐगी प्रशासन के हाथ में बागडोर
मंदसौर जनसारंगी।

 वर्तमान नगरपालिका परिषद के यह पांच साल काफी उतार चढ़ाव वाले रहें। पांच सालों में नगरपालिका ने तीन अध्यक्ष देखे। अब 26 जनवरी 2021 को नगरपालिका का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है इसके बाद प्रशासक के रूप में कलेक्टर इसकी बागडौर संभालेंगे। इसके साथ ही पूरे 20 साल बाद एक बार फिर से प्रशासन के हाथ में नगर पालिका की बागडोर आऐगी। तब कलेक्टर अनुराग जैन नपा के प्रशासक बने थे उन्होेने नगर पालिका के तमाम बकायादारों की सूची को सार्वजनिंक कर दिया था जिसमें कई रसूखदार भी शामिल थे।
5 सालों में 3 अध्यक्ष देख चुकी मंदसौर नपा का कार्यकाल 26 जनवरी 2021 को समाप्त होने जा रहा। साल 2015-16 में भाजपा से प्रहलाद बंधवार निर्वाचित हुए। 2019 की 17 जनवरी को उनके निधन के बाद महीनों तक पद रिक्त रहा। शासन ने  नपाध्यक्ष पद का चार्ज कांग्रेस पार्षद मो. हनीफ शेख को सौंपा। इसके बाद शासन के फैसले के विरोध में भाजपा पार्षद राम कोटवानी ने कानूनी लड़ाई लड़ी और चुनाव कार्यक्रम घोषित कराकर दम लिया, पार्टी से प्रत्याशी बनने के बाद कोटवानी नपाध्यक्ष भी निर्वाचित हुए।  नपा चुनाव 20 फरवरी 2021 तक टल चुके हैं, जबकि मंदसौर नपाध्यक्ष पद का 5 साल का कार्यकाल 26 जनवरी 2021 को समाप्त होने जा रहा। ऐसे में भले ही चार दिन बचें हैं लेकिन सस्पेंस बना हुआ था कि कार्यकाल खत्म होने के बाद नपा की कमान जनप्रतिनिधि के हाथ आएगी या प्रशासन के। इस सस्पेंस से पर्दा कल दोपहर में उठ गया। जब शासन ने निर्देश जारी किए। जिसमें कलेक्टर 26 जनवरी से नगरपालिका के प्रशासक के रूप में कार्य करेंगे।  दरअसल पिछले वर्षों में दोनों तरह की तस्वीर सामने आ चुकी है। मंदसौर की ही बात करें तो साल 2005 में तत्कालीन नपाध्यक्ष यशपालसिंह सिसौदिया का 5 साल कार्यकाल पूरा हुआ था, उसके बाद करीब 6 माह के लिए समिति बनी थी और कमान सिसौदिया के हाथ रही थी। इस तरह उन्होंने साढ़े पांच साल तक नपाध्यक्ष पद संभाला था।   इधर सालभर पहले की ही बात करें तो पड़ोसी जिले नीमच में नपाध्यक्ष राकेश जैन के नेतृत्व वाली नपा का 5 साल पूरा होने के बाद चार्ज कलेक्टर ने खुद अपने हाथ लिया था।  आसपास की सभी नपा, निकायों मे प्रशासन ने कमान हाथ में ली ऐसे में अब मंदसौर नगर पालिका की कमान भी 26 जनवरी से कलेक्टर के हाथ में होगी। ऐसे में राज्य शासन ने प्रदेश की दो नगर पालिका और 6 नगर परिषदों में प्रशासक की नियुक्ति की है जिसमें नगर पालिका सीहोर और मंदसौर में कलेक्टर को नियुक्त किया है। नगर परिषदों में अनुविभागी अधिकारी को नियुक्त करने के लिए कलेक्टर को अधिकृत किया है। इसके साथ ही मंदसौर में भी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है क्योंकि करीब 20 साल पहले तत्कालिक कलेक्टर अनुराग जैन नपा के प्रशासक नियुक्त हुए थे उन्होंने नगर के तमाम बकायदारों की सूची को सार्वजनिक कर दिया था जिसमें कई रसूखदार भी शामिल थे। उन्होने बकायादारों की सूची को नगर के कई चैराहों पर सार्वजनिक रूप से चस्पा कर दिया था। ऐसे में अबकी बार फिर नगर की आम जनता को उम्मीद है कि नगर पालिका पर कलेक्टर का कब्जा होने के बाद कई ऐसे निर्णय भी हो सकते है जो आम जनता के हित में हो सकते है।

Chania