Saturday, April 20th, 2024 Login Here
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गाजे-बाजे के साथ 16 फरवरी को पहुंचेगा आशुतोष के दरबार में
मंदसौर जनसारंगी।

दशपुर के राजा-धिराज के दरबार में स्थापित होने वाला 154 गांवों से एकत्र की गई तांबा, पीतल सहित अष्टधातु से निर्मित 37 क्विंटल वजनी महाघंटा शनिवार को मंदसौर पहुंच गया जहां महाघंटा अभियान समिति ने पूजन-अर्चन किया। यह घंटा पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में लगेगा लेकिन इसके लिए अभी स्थान का निर्माण होना है तब तक इसे मंदिर परिसर में ही रखा जाऐगा। लेकिन इससे पहले 16 फरवरी को गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा के रूप में महाघंटे को मंदिर तक ले जाया जाऐगा। उल्लेखनिय है कि मंदिर परिसर में इसे स्थापित किए जाने को लेकर विधायक यशपालसिंह सिसोदिया और कलेक्टर मनोज पुष्प स्थल अवलोकन भी कर चूके है।
शुक्रवार को महाघंटा मंदसौर पहुंचा जहां घंटा अभियान समिति के डाॅ भानुप्रतापसिंह सिसोदिया, दिनेश नागर आदि ने पूजन-अर्चन किया। 16़फरवरी को यश नगर से महाघंटा की विशाल शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ निकलेगी जो शहर के प्रमुख मार्गो से होती हुई भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचेगी। घंटे के लिए अभी स्थान तैयार नहीं हुआ है इसलिए इसे विशेष प्रकार से निर्मीत ट्राली में विराजित किया जाऐगा ताकी श्रृद्धालु इसके दर्शन कर सके। उल्लेखनिय है कि पशुपतिनाथ मंदिर में महाघंटा स्थापित करने के लिए श्रीकृष्ण कामधेनु सामाजिक, धार्मिक लोकन्यास द्वारा करीब चार साल पहले अभियान की शुरुआत की गई थी। दो साल तक जिले के गांव-गांव में भ्रमण कर इसके लिए तांबा, पितल एकत्र किया गया था इसके बाद अहमदाबाद में देश का सबसे बड़ा व वजनी करीब 3700 किलो का महाघंटा तैयार हुआ। इसे तैयार हुए करीब एक साल हो गया है जिसे पशुपतिनाथ मंदिर में स्थापित किया जाना है।
महाघंटा आने के साथ ही लोटेगी मंदिर की रौनक
महाघंटा के पशुपतिनाथ मंदिर आते ही मंदिर की पूरानी रोनक फिर से लोट आऐगी। दरअसल दशपुर के राजाधिराज पशुपतिनाथ मंदिर में कोरोनाकाल के बाद से ही गर्भगृह में प्रवेश बंद है। आरती के दौरान भी भक्तों को मंदिर में भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। अब बसंत पंचमी 16 फरवरी से मंदिर में रौनक लोटेगी। इस दिन से मंदिर के गर्भगृह में भी भक्तों का प्रवेश शुरू किया जाएगा। हालांकि पिछले कुछ दिनों से मंदिर प्रबंधन ने आरती के समय भक्तों को अंदर हॉल तक प्रवेश शुरू कर दिया है। इस समय मेन गेट बंद कर दिए जाते हैं। कोरोनाकाल के शुरू में 22 मार्च को भारत बंद के साथ धार्मिक स्थल भी बंद हुए। इसी समय से विश्व प्रसिद्ध अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में भी भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि पहले अनलॉक और फिर वैक्सीन आने के बाद धीरे-धीरे व्यवस्था पटरी पर लौट रही है। इसके साथ ही बसंत पंचमी से पहले की तरह भक्त मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर सकेंगे तथा पूर्व की भांति जलाभिषेक व पूजा-अर्चना कर सकेगें।

Chania