Thursday, April 25th, 2024 Login Here
मंदसौर जनसारंगी।
हाल ही में हुई मप्र प्रोफेशनल एक्सामीनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोप लगे हैं। अधिकांश छात्रों को 200 में से 198 अंक मिले है जो अकल्पनीय है जबकी अन्य छात्र जो मेहनत कर रहे थे उन्हंे चयनित नहीं किया गया है। इसकों आज उद्यानिकी महाविद्यालय के बाहर विद्यार्थियों ने प्रदर्शन किया और पूरे मामलें में जांच की मांग की।
प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने बताया कि एमपीपीएबी द्वारा दस और ग्यारह फरवरी को परीक्षा आयोजित कराई गई थी। परीक्षा गामीण विस्तार अधिकारी सहित अन्य पदों के लिए आयोजित की गई थी। परीक्षा में कई परीक्षार्थी 200 मे से 198 और 195 तक अंक लेकर आए। मॉडल आंसर सीट से यह बात साफ हो गई। विद्यार्थियों का आरोप है कि इस परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया गया है। विद्यार्थियों की मांग है कि इस मामले में जांच की जाए। दोषी परीक्षार्थियों की डिग्री ब्लॉक कर उन्हेें किसी भी सरकारी पदों के लिए आयोजित परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाए। साथ ही इस परीक्षा को दोबारा आयोजित कराया जाए।
छात्र प्रशांत सिरोनिया ने कहा कि एग्रीकच्लर छात्रों के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी तथा सिनियर कृषि विस्तार अधिकारी पद के लिए परीक्षा आयोजित कराई गई थी।प्रत्येक छात्र को अपने अंक देखने की व्यवस्था थी जिसे देखा तो 400 से ज्यादा छात्रों को 200 में से 195-198 अंक मिले है जो अकल्पनीय है अधिकांश छात्र ग्वालियर चंबल के है। ऐसे में छात्रों का आरोप है कि परीक्षा मे ंफर्जीवाडा हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए क्योकि 6 साल के इंतजार के बाद यह परीक्षा आई ऐसे में गरीब छात्रों पर यह कुठाराघात है।
छात्रा श्रुती ने कहा कि 6 साल के बाद वेकेन्सी निकली थी लेकिन उम्मीद के विपरित छात्रों के नंबर आऐ है ओर वे भी ऐसे छात्र जिन्होंने काॅलेज या विश्वविद्यालय स्तर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाऐ। बावजूद उनके इतने अंक होना अकल्पनीय हैै। इनकी उत्तर शीट सहीं नहीं है साफ है घोटाला हुआ है इसलिए पूरे मामलें की जांच कर हमारा हक मिलना चाहिए।