Friday, March 29th, 2024 Login Here
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सीटी स्कैन और आरटीपीसीआर लेब की स्थापना का काम भी आखरी चरण में
मंदसौर जनसारंगी।

एक तरफ कोरोना का कहर है वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य अमला मरीजों की जान बचाने के प्रयासों में जूटा है तो जनप्रतिनिधी और प्रशासन उपचार में काम आने वाले आवश्यक संसाधनों को लगातार जूटाने की कोशिश कर रहा है।इसी के चलते दो साल पहले मंदसौर आई ब्लड सेपरेशन यूनिट को चालु करने का काम भी कर लिया गया। इसके काम शुरू करते ही मंदसौर में अब कोरोना पाॅजीटिव मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से उपचार भी प्रारम्भ हो जाऐगा।
कोरोना वायरस तेजी से मरीजों के फेफडों को खराब कर रहा है जिसके कारण मरीज का आॅक्सीजन लेवल गिर जाता है और उसे सांस लेने मेें दिक्कत होने लगती हैं। ऐसे में मरीजों को बचाने में प्लाज्मा थैरेपी भी कारगर साबित हो रहीं है। इस थैरेपी में कोरोना से जंग जीतने वाले व्यक्ति का प्लाज्मा संक्रमित व्यक्ति को चढाया जाता है ताकी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में एंटीबाॅडी बन जाऐ और संक्रमित व्यक्ति कोरोना से जंग जीत जाऐ। कई मामलों में दवाईयों से भी ज्यादा जल्दी रिकवरी प्लाज्मा थेरेपी में हुई है जिसके कारण कई मरीजों की जान बच गई। मंदसौर मंे भी कई ऐसे मरीज है जिनका मंदसौर से बाहर इंदौर या उदयपुर में प्लाज्मा थेरेपी से ही उपचार हुआ और वे स्वस्थ्य होकर आऐ है। जबकि मंदसौर के बड़े अस्पताल में भी दो साल पहले ब्लड सेपरेशन यूनिट आ गई थी लेकिन इसे प्रारम्भ नहीं किया गया था लेकिन जब विधायक यशपालसिंह सिसोदिया के संज्ञान में आया तो उन्होंने जिला कलेक्टर समेत सभी जवाबदारों से इसे चालु करने के लिए कहा इसके बाद से ही दो साल से धूल खा रहीं मशीन को चालु करने की कवायद प्रारम्भ की गई। बताया जाता है कि मशीन को चालु करने के बाद अब मंदसौर में प्लाज्मा थेरेपी से उपचार करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। संभावना जताई जा रहीं है कि एक-दो दिनों में ही मंदसौर में प्लाज्मा थेरेपी से उपचार प्रारम्भ हो जाऐगा और गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सकेगी।
अभी सिर्फ महानगरों में ही है संभव
प्लाज्मा थेरेपी से उपचार अभी केवल इंदौर या उदयपुर जैसे महानगरों में ही संभव हो पा रहा है। वहां शासकीय कोविड संेटर में इस प्रकिृया को निःशुल्क या न्यूनतम दामों में किया जा रहा है लेकिन निजी अस्पतालों में मोटी राशि ली जा रहीं है। हालांकि सोमवार को निजी अस्पतालों के लिए भी शासन ने शुल्क तय कर दिया है। इंदौर में कोरोना के इलाज में कारगर प्लाज्मा थैरेपी के लिए अगल-अलग अस्पताल अलग- अलग चार्ज कर रहे हैं। कोई 15000 तो कोई 25000 चार्ज कर रहा है।लेकिन सोमवार से शासन ने इनके दाम तय करते हुए अब 11 हजार रुपए प्लाज्मा दिया जाएगा। अभी सरकारी रेट साढ़े 9 हजार रुपए है। सरकारी से प्राइवेट में जाने वाले प्लाज्मा के रेट को भी हम कम करने जा रहे हैं। निजी में 25 की जगह अब 11 हजार ही देने होंगे।
दो दिन में सीटी स्कैन भी शुरू होगी
जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन आने के साथ ही दिल्ली के तकनीशियन इसके स्टाॅलेशन मंे जूटे हुए है। सीएमएचओं डाॅ के.एल. राठौर के अनुसार दो दिन में सीटी स्कैन मशीन को भी प्रारम्भ किए जाने की संभावना बन रहीं है। इसके लिए तमाम जरूरी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। केवल मशीन का स्टाॅलेशन और टेस्टिंग होने के साथ ही जांच प्रारम्भ हो जाऐगी। उल्लेखनिय है कि कोरोना मरीजों की जांच में सीटी स्कैन अहम् जांच मानी जाती है इसी मरीज में संक्रमण का स्तर पता लग रहा है। ऐसे में मंदसौर के निजी सेंटरों पर बड़ी राशि देकर मरीजों को सीटी स्कैन जांच करवानी होती थी इसमें अस्पताल में भर्ती मरीजों को खासी दिक्कत आने-जाने में हो रहीं थी। जबकि मंदसौर के अस्पताल के लिए सीटी स्कैन मशीन स्वीकृत थी ऐसे में बिते दिनों इसे मंदसौर मंगवाया गया। इसकी स्थापना के लिए जगह पहले से ही थी क्योंकि यहीं पीपीई मोढ में सीटी स्कैन सेंटर संचालित होता था इसी स्थान को सरकारी सीटी स्कैन मशीन की स्थापना के लिए भी चयनित किया गया।
आरटीपीसीआर की एक और मशीन का इंतजार
कोरोना मरीजों की आरटीपीसीआर जांच लेब की स्थापना का काम भी अंतिम चरण में चल रहा है। इसके लिए ट्रूनाॅट लेब और नशा मुक्ति केन्द्र के कक्ष को मिलाकर स्थान तैयार किया गया है। यहां आवश्यक निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चूका है। सीएमएचओं डाॅ राठौर के अनुसार लेब की स्थापना के लिए जरूरी मशीने आ गई है केवल एक और मशीन का इंतजार है इसके भी कल तक आने की संभावना लग रहीं है। इसके आते ही मंदसौर में आरटीपीसीआर लेब भी कार्य करना प्रारम्भ कर देगी। इसके लिए टेक्निशियन की नियुक्ति पहले ही कर दी गई है। संभावना है कि आरटीपीसीआर जांच भी एक-दो दिन में ही मंदसौर में प्रारम्भ हो जाऐगी। उल्लेखनिय है कि इस लेब की स्थापना के लिए विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने निधी से 25 लाख रूपऐ तथा उघोगपति प्रदीप गनेडीवाल ने 15लाख रूपए दिए है। 40 लाख रूपऐ से मंदसौर में लेब की स्थापना हो रहीं है। इसके काम शुरू करते ही कोरोना मरीजों की जांच रिर्पोट एक ही दिन में प्राप्त हो जाऐगी। इसका फायदा मंदसौर के मरीजों के साथ ही नीमच के मरीजों को भी मिलेगा।
20 दिन में 1531 मरीजों ने जीती कोरोना से जंग
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक और अच्छी खबर यह है कि जिला चिकित्सालय मंदसौर व अन्य संस्थानों पर 15 अप्रेल से 8 मई तक कविड 19 से ग्रसित जोखिम वाले और उच्च जोखिम वाले इलाज पश्यात लगभग 1531 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए गए। डिस्चार्ज किए गए मरीजों में कई मरीज ऐसे थे जो अति गंभीर अवस्था में जिला चिकित्सालय मंदसौर में लाए गए थे ओर अन्यत्र से रेफर हुए थे।  स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जिला चिकित्सालय के चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा दिन-रात अपनी सेवाएं दी जा रही हैं जिसके कारण जिला चिकित्सालय मंदसौर में गंभीर मरीजों का इलाज संभव हो रहा है यहीं कारण है कि कोविड-19 के अंतर्गत जिले में शासकीय कोविड अस्पताल से 1342 तथा प्राइवेट संस्थाओं से 189 जिले में कुल 1531 मरीज स्वस्थ होकर उन्हें डिस्चार्ज किया गया है। जिला चिकित्सालय मंदसौर से 871, जीएनएमटीसी मंदसौर से 292 , पॉलिटेक्निकल कॉलेज मंदसौर से 73, आईटीआई कॉलेज गरोठ से 54, शासकीय स्कूल कोविड केयर सेंटर शामगढ़ से 16, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुवासरा से 1, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मल्हारगढ़ से 17, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणगढ़ से 18 एवं प्राइवेट - कोविड केयर सेंटर सिद्धिविनायक हॉस्पिटल से 2, अजय हॉस्पिटल से 8, एसपीए कोविड सेंटर ऋषि आनंद आश्रम के पास 25, आई एम ए अग्रवाल धर्मशाला से 15, मिरेकल से 4 व्यक्ति स्वस्थ होकर इन्हें डिस्चार्ज किया गया है।

डाॅ शर्मा ने फिर से संभाला सीएस का पदभार
मेडिकल विशेषज्ञ डा डी.के. शर्मा ने एक बार फिर से जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का पदभार संभाल लिया है। उल्लेखनिय है कि बीते दिनों कोरोना पाॅजीटिव होने के बाद से डाॅ शर्मा स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए अस्पताल से अवकाश पर थे। इस दौरान डाॅ डी.के. पिप्पल को प्रभारी सिविल सर्जन बनाया गया था। लेकिन कोरोना की जंग जीतकर डाॅ शर्मा सोमवार से पुनः अस्पताल पहुंचे इसके साथ ही उन्होंने सिविल सर्जन का पदभार भी संभाल लिया।

शहर में 17 टीमों ने 8559 घरों का सर्वे कर 2311 कीट दी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएल राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदसौर शहर में 17 टीमें लगाई गई हैं। जिनके द्वारा सर्दी, खांसी, बुखार के व्यक्तियों की जांच की जा रही है। उन्हें परामर्श के माध्यम से फीवर क्लीनिक पर सैंपल के लिए भेजा जा रहा है। यदि कोरोना पॉजिटिव आता है ओर उसे समय पर इलाज मिलने पर आसानी से ठीक किया जा सकता है। विलंब होने पर स्थिति जटिल हो सकती है, इसलिए सर्दी, खांसी या अन्य लक्षण होने फीवर क्लीनिक पर अपनी आकर जांच कराएं। चिकित्सक द्वारा दी गई सलाह अनुसार अपना इलाज प्रारंभ करें। श्री राजेश रजक मंदसौर शहर कोऑर्डिनेटर द्वारा बताया कि 17 टीमों द्वारा 8559 घरों का सर्वे कार्य किया गया है। सर्दी ,खांसी , बुखार वाले 2311 को दवाई किट उपलब्ध कराई गई।

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