Saturday, April 20th, 2024 Login Here
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मंदसौर निप्र । नरसिंहपुरा स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में कल गौधुली बेला में मन्दिर में कोविड नियमो के तहत उपस्थित अग्रबन्धु भगवान नृसिंह के जय-जयकार के नारे लगा रहे थे । शंख, घड़ियाल,  घंटियाँ बज रही थी उपस्थित महानुभाव यह दृश्य देखकर अचंभित हो रहै थे । अवसर था अग्रवाल समाज द्वारा अपने आराध्य देव भगवान नृसिंहजी की जयंती पूजा अर्चना के  साथ मनाने का । भक्त प्रहलाद की पुकार सुन भगवान नृसिंह खम्भ फाड़कर प्रकट होते है भक्तगणों ने जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट से अपनी खुशीयॉ जाहिर की ।  तत्पश्चात भगवान नृसिंहजी की महाआरती कर प्रसाद वितरित किया गया । भगवान नृसिंहजी के पात्र की भूमिका राजकुमार मरेण्डिया  निभाई ।
इस अवसर पर  भगवान श्री नृसिंह जयंती मनाये जाने के बारे में जानकारी देते हुए मंदिर  ट्रस्ट के ट्रस्टी नन्दकिशोर अग्रवाल, नरेन्द्र अग्रवाल एवं वरिष्ठ पत्रकार महावीर प्रकाश अग्रवाल ने भगवान नरसिंह जयंती मनाने के बारे में जानकारी देते हुए  बताया कि भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिये भगवान विष्णु ने नृसिंह रुप में अवतार लिया था जिस कारणवश आज का यह दिन भगवान नृसिंह जयंती के रुप में बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । कथानुसार अपने भाई की मृत्यु का बदला लेने के लिये राक्षस राज हिरण्याकश्यप ने कठिन तपस्या करके ब्रह्मा जी और शिवजी को प्रसन्न कर उनसे अजेय होने का वरदान प्राप्त कर लिया । वरदान प्राप्त करते ही हिरण्याकश्यप अहंकारवश वह प्रजा पर अत्याचार करने लगा और  उन्हें तरह-तरह की यातनाएें और कष्ट देने लगा जिससे प्रजा अत्यंत दुखी रहती थी  । हिरण्याकश्यप की पत्नि कयाधु ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम प्रहलाद रखा गया । राक्षस कूल में जन्म लेने के बाद भी बचपन से ही श्रीहरी भक्ति से प्रहलाद को गहरा लगाव था । हिरण्याकश्यप ने प्रहलाद का मन भगवत भक्ति से हटाने के लिये कई असफल प्रयास किये परंतु वह सफल नही हो सका । एक बार उसने अपनी बहन होलिका की सहायता से प्रहलाद को अग्नि मेें जलाने का प्रयास किया परंतु प्रहलाद पर भगवान की  असीम कृपा होने के कारण उसे मायूसी हाथ लगी अंततः एक दिन हिरण्याकश्यप ने प्रहलाद को तलवार से मारने का प्रयास किया, भक्त प्रहलाद की पुकार सुन भगवान नृसिंह खम्भे से प्रकट होते है और हिरण्याकश्यप का वध अपने नाखुनों से कर और भक्त प्रहलाद की रक्षा करते है ।
भगवान नृसिंहजी के प्राकटय उत्सव से पूर्व प्रातः जनकूपुरा गणपति चौक स्थित नृसिंह मंदिर में भगवान का अभिषेक , पूजा अर्चना पंडित पंकज उपाध्याय द्वारा प्रहलाद मोहनलाल कबाड़ी परिवार की ओर से करवाई गई जिसमें  सन्तोष मोहनलाल गोयल व नरेंद्र अग्रवाल तथा नृसिंहपुरा स्थित श्री नृसिंह मंदिर पर पंडित सत्यनारायण शर्मा के सानिध्य में हुई जिसमें महेश मित्तल यातायात परिवार उपस्थित था।
नृसिंह जयंती महोत्सव में आरती एवं दर्शन का लाभ कोरोना प्रोटोकाल के तहत  दो घण्टे की समयावधि में लेने वालों में   नरसिंह मंदिर न्यास के सचिव राजमल गर्ग, ट­स्टी गण नंदकिशोर अग्रवाल, राजेन्द्र अग्रवाल, नरेन्द्र अग्रवाल, अग्रवाल समाज के सर्वश्री वरिष्ठ पत्रकार  महावीर प्रकाश अग्रवाल ,मोहनलाल गोयल , कैलाश मित्तल, ओम अग्रवाल सर, सनत अग्रवाल , महेश मित्तल, सन्तोष अग्रवाल,  दिलीप अग्रवाल, हेमंत अग्रवाल, विश्वमोहन अग्रवाल, अजय मित्तल, पंकज मित्तल, विनोद अग्रवाल, संजय गर्ग, सत्यनारायण अग्रवाल , रवि अग्रवाल ,आशीष बंसल, कैलाश छापरवाल , घनश्याम खत्री, गोपाल पंचारिया,  राजू लाइट वाला, कालू अग्रवाल सहित मातृशक्ति  थी।
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