Friday, March 29th, 2024 Login Here
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मंदसौर जनसारंगी
मंदसौर में भले ही  कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम है लेकिन इससे बचाने वाला वैक्सीनेशन भी कछुआ चाल से ही किया जा रहा है। इसमें भी आॅनलाईन पंजीयन कि प्रकिृया से लोगों को खासी परेशानी हो रहीं है। इसी के चलते केन्द्र सरकार ने आॅनसाईड पंजीयन का नियम बनाया इसे राज्य सरकार ने लागु करने का फैसला भी किया लेकिन 48 घंटे में इस फैसले को बदल दिया जिसके तहत मंदसौर में भी ग्रामीण अंचल और कस्बों में पहले आओं पहले पाओं की तर्ज पर वैक्सीनेशन सेंटर पर पंजीयन किया जाऐगा लेकिन शहरी क्षेत्र में पूरी तरह आॅनलाईन पंजीयन के आधार पर टीका लगाया जाऐगा।
दरअसल 18 से 44 साल आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन आॅनलाईन पंजीयन के आधार पर ही किया जा रहा है लेकिन इसकी जटिलता के कारण लोग खासे परेशान है। कई लोगों के पास एंड्राईड फोन नहीं है और कई लोगों के पास फोन तो है लेकिन वे पंजीयन नहीं कर पा रहे है क्योंकि पंजीयन करने की जटिलता उन्हें समझ नहीं आ रहीं है। इसके साथ ही कई लोग तो इसलिए भी परेशान है क्योंकि पंजीयन साईड खुलते ही एक से दो मिनिट में ही सारे पंजीयन पूरे भर जाते है जिसके कारण बार-बार प्रयास के बाद भी पंजीयन नहीं हो पा रहा है। वहीं दूसरी तरफ कई लोग ऐसे भी है जो पंजीयन कराने के बाद भी टीकाकरण कराने के लिए विभिन्न कारणों से नहीं पहुंच पा रहे है इसी के चलते वैक्सीन की डोज बेकार भी हो रहीं है । इसी के चलतते केन्द्र सरकार ने आॅफलाईन पंजीयन की प्रकिृया आरम्भ करने का निर्देश दिया इसे राज्य सरकार ने लागु करने का ऐलान भी किया लेकिन इसके 48 घंटे बाद ही नियमों को बदल दिया । मंदसौर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी संदेश के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में टीकाकरण केन्द्र पर ही पंजीयन किया जाऐगा उन्हें आॅनलाईन पंजीयन की आवश्यकता नहीं है। पहले आओं पहले पाओं की तर्ज पर टोकन देकर टीकाकरण किया जाऐगा लेकिन शहरी क्षेत्र में अभी आॅनलाईन पंजीयन के बाद भी टीकाकरण किया जाऐगा।
दरअसल, वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार शुरू से ही असमंजस में रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों की वर्चुअल बैठक में घोषणा कर दी थी कि 1 मई से 18़ के लोगों को वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू होगा। जबकि इससे पहले किसी भी राज्य से सलाह नहीं ली गई थी। इतना ही नहीं, इस वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीन देने केंद्र ने हाथ खड़े कर दिए थे। अचानक यह भार राज्य सरकार पर आ गया। प्रदेश में 18 से 44 वर्ग के लिए 5 करोड़ 29 लाख डोज का इंतजाम करने की नई चुनौती राज्य सरकार के सामने खड़ी हो गई। यह वजह है कि मध्यप्रदेश में 1 मई को अभियान शुरू नहीं हो पाया, क्योंकि वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने देश भर के राज्यों से अचानक आई मांग को पूरा करने में असमर्थता व्यक्त कर दी। हालांकि मप्र को पहली खेप में 6 लाख डोज मिल गए थे, इसके बाद 5 मई से अभियान शुरू हो पाया। इस अभियान के पहले 10 दिनों में प्रदेश डोज की कमी से जूझता रहा, क्योंकि मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं हुई। इसे ध्यान में रखकर सरकार ने हर जिले में सिर्फ 1-1 सेशन आयोजित किए। जबकि इस वर्ग के लोग रजिस्ट्रेशन के लिए परेशान हो गए। इसके बाद लोगों ने शहरों के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों में खाली स्लॉट बुक करना शुरू कर दिए। ऐसे में ग्रामीणों के कोटे की वैक्सीन शहरी लोागों ने लगवा ली।
कारोना की समीक्षा बैठक में जब यह समस्या मुख्यमंत्री के सामने आई तो उन्होंने निर्देश दिए कि अब ऑनलाइन के साथ ही सेंटर पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन होगा। इसको लेकर 17 से शुरू हुए दूसरे सत्र के बीच में ही नया आदेश जारी किया गया। हालांकि कई सेंटरों में ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन नहीं किए गए। जिससे लोग परेशान हुए। इसकी एक वजह वैक्सीन की कमी है। जबकि डोज की उपलब्धता के हिसाब से 22 से 24 मई तक तीन दिन में 3 लाख डोज लगाने का टारगेट रखा गया था, लेकिन साढ़े 4 लाख से अधिक लोग वैक्सीन लगवाने सेंटर्स पर पहुंचे। सरकार के सामने ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन नहीं हो पाने की नई समस्या सामने आ गई। इसके बाद सरकार ने 26 मई को देर शाम फिर नया आदेश जारी कर दिया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारियों को एक आदेश जारी किया। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में आॅफलाईन और शहरी क्षेत्र में आॅनलाईन रजिस्ट्रेशन के बाद ही वैक्सीन लगाऐ जाने का निर्णय लिया गया।
इनका कहना
मंदसौर जिला मुख्यालय पर पूर्व अनुसार आॅनलाईन पंजीयन के माध्यम से स्लाॅट बुकिंग कर ही वैक्सीनेशन किया जाऐगा इसके लिए टीकाकरण से एक दिन  पूर्व प्रातः 10 बजे बुकिंग प्रारम्भ होगी। तथा ग्रामीण अंचलों में पूरी तरह से आॅनसाइट बुकिंग के माध्यम से टीकाकरण होगा इसके लिए टीकाकरण केन्द्र पर टोकन पहले आओं पहले पाओं की तर्ज पर दिया जाऐगा। ताकि पहले आने वाले व्यक्ति को पहले टीका लगाया जा सके।
डाॅ के.एल. राठौर, सीएमएचओं

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