Saturday, April 20th, 2024 Login Here
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बड़े दूकानदार अपना नंबर नहीं होने के बाद भी दूकान खोल कर बैठे, छोटों ने आधा शटर गिराकर ग्राहकों को अंदर बुलाया
मंदसौर जनसारंगी।

कोराना की दूसरी लहर को काबू करने के लिए मंदसौर 45 दिनों तक लाॅक रहा है, अब मंगलवार से शर्तो के साथ अनलाॅक हुआ लेकिन एक ही दिन में व्यापारियों द्वारा बनाऐ गये नियमों को दूकानदारों ने ही धराशाहीं कर दिया। व्यापारिक संगठनों से चर्चा के आधार पर प्रशासन ने आड-ई-वन का फार्मुला अमल कराया जिसमें एक दिन दाहिने और का व्यापार खुलना था और एक दिन बाएंे और का व्यापार खुलना था लेकिन किराना और खेती, किसानी से जूड़े कारोबार को करने की हर दिन छूट थी। ऐसे में इस फार्मुले को अमल में लाने से पहले ही व्यापारियों ने विरोध के स्वर उठाना शुरू कर दिए थे और जब फार्मुला लागु हुआ तो एक ही दिन में यह धराशाहीं हो गया। अनलाॅक के पहले दिन मंगलवार को जिन व्यापारियों ने दूकाने खोली थी उसमें से अधिकांश ने बुधवार को भी खोल ली। बड़े व्यापारी दूकान खोल कर बैठ गए, इन्हें रोकने की हिम्मत जवाबदारों में थी नहीं और छोटे व्यापारियों ने शटर खोलकर ग्राहकों को अंदर बुला लिया और व्यापार किया, इन पर किसी की नजर पड़ी नहीं लेकिन कोई भी यह समझने के लिए तैयार नहीं हुआ कि लापरवाहीं फिर से कितनी भारी पड़ सकती है।
मंदसौर में अनलाॅक होते ही शहर की रौनक लोट आई यह अच्छी बात भी है लेकिन इस रौनक को बरकरार रखने के लिए कोरोना से बचने की सावधानी भी जरूरी है। इसीलिए कोरोना नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन ने पूरा बाजार एक साथ खोलने के बजाय व्यापारिक संगठनों से चर्चा कर आड-ई-वन के फार्मुले के साथ खोलना तय किया था लेकिन अनलाॅक के दूसरे ही दिन यह फार्मुला पूरी तरह से धराशाही हो गया। मंदसौर में बस स्टेण्ड से लेकर घंटाघर, सदर बाजार और मंडी गेट तक मुख्य बाजार है इसके आसपास कालाखेत ओर सम्राट मार्केट में भी प्रमुख व्यापार है । इन सभी जगहों पर अनलाॅक के पहले दिन यानी मंगलवार को दाहिने तरह के जिन दूकानदारों ने अपनी दूकाने खोली थी उसमें से कईयों ने बुधवार को भी अपनी दूकाने खोल ली जबकी बुधवार को बाऐं तरफ की दूकाने ही खुलना थी । बावजूद इसके घंटाघर पर शंकर स्टोर्स जैसे बड़े दूकानदार ने ही नियमों की धज्जियां उधेड़ दी लेकिन यहां किसी भी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी की नजर नहीं पड़ी इसके साथ ही सदर बाजार, कालाखेत और सम्राट मार्केट में कई दूकाने खुली थी तो कईयों ने शटर को बंद रखकर ग्राहकों को अंदर बुला लिया और व्यापार करते रहे जबकि वे यह भूल गए कि कोरोना संक्रमण में यह कितना घातक हो सकता है। इस समय सौशल डिस्टेसिंग, मास्क समेत अन्य सावधानियों को बरता जाना नितांत जरूरी है बावजूद इसके व्यापारियों की लापरवाहीं अनलाॅक के एक ही दिन में देखी गई । बावजूद इसके किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने नियमों का पालन कराने की जहमत नहीं उठाई।
नियम बनते ही हो गया था विरोध
व्यापारिक संगठनों ने अनलाॅक के नियम बनाऐ लेकिन जैसे ही यह नियम सामने आया व्यापारियों नें ही विरोध के स्वर उठाना शुरू कर दिए थे । क्योंकि इन नियमों के मुताबिक किराना की दूकाने हर दिन खोलने की अनुमति थी, लेकिन दूसरे व्यापार को आड-ई-वन के फार्मुले के तहत ही खोला जा रहा था। इसमें भी पान, बिड़ी, सिगरेट और गुटखा व्यापार को अभी खोलने की अनुमति नहीं है। ऐसे में व्यापारियों  का विरोध था कि किराना व्यापारी हर चीज बेचता है यहां कि लाॅकडाउन में किराना व्यापारियों पर ही बिड़ी, सिंगरेट और गुटखा की कालाबाजारी के आरोप लगे थे बावजूद इसके प्रशासन ने किराना दूकानों को हर दिन खोलने की अनुमति दे दी । अधिकांश व्यापारियों का कहना था कि इन्हें भी या तो आड-ई-वन प्रणाली में साथ रखना था या फिर पूरे बाजार को एक साथ खोला जाना था। नियम बनाने में भी भेदभाव किया गया । व्यापारियों का तो यहां तक कहना था कि  किराना सामग्री ऐसी वस्तु है जो लाॅकडाउन में भी अपना व्यापार कर रहीं थी। जबकि दूसरे व्यापारी तो भारी नुकसान में है लेकिन फिर भी मेहरबानी केवल किराना व्यापार पर हीं हो रहीं है लेकिन यहां किराना सामग्री के अलावा दूसरी वस्तुओं के विक्रय पर कोई रोक नहीं है।
सख्ती नहीं बरती तो सारे नियम कागजी हो जाऐगें
बुधवार को जिस तरह से बाजार की दूकाने खुली थी यदि इसी तरह खुली तो कोरोना में यह और ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि बंद शटर के अंदर व्यापार करने से ना तो सौशल डिस्टेसिंग का पालन हो सकता है और ना ही कोरोना से बचने के दूसरे नियमों का ऐसे में पुलिस ओर प्रशासनिक सख्ती की आवश्यकता है या फिर नियम ऐसा बनाया जाऐ ताकी पूरा व्यापार एक ही तय समय में खुले और बंद हो जाऐ। अभी तो ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की जनता खरीददारी के लिए बाजार में नहीं निकली है। दो दिनों में वहीं लोग आऐ है जिन्हें बहुत ज्यादा सामग्री की आवश्यकता थी। अब आने वाले दिनों में विवाह मुर्हूत भी है ऐसे में तय है कि यदि सीमित संख्या में भी विवाह आयोजन हुए तो बाजार में किराना, बर्तन, कपडा, ज्वैलरी समेत अन्य व्यापार में थोडी ग्राहकी हो सकती है ऐसे में बाजार में भीड़ भी आऐगी लेकिन यदि अभी से प्रशासनिक सख्ती नहीं हुई तो काबू होता कोराना मुश्किले बढा सकता है।
पांच बजते ही पुलिस ने बंद कराऐ बाजार
उधर शाम को तय समय पांच बजे बाजार बंद करने को लेकर भी बाजार में जागरूकता नहीं देखी गई। पुलिस ने सड़क पर उतरकर दूकाने बंद कराई। इससे पहले ही से पुलिस ने पांच बनजे का एलाउंस करना शुरू कर दिया था लेकिन कई दूकानदार ऐसे थे जिन्होंने पांच बजने के बाद अपनी दूकानों को बंद करना शुरू किया ऐसे में जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो पूरी तरह से बाजार बंद हो पाया।


आईएमए के पूर्व अध्यक्ष ने वीडियों जारी कर चेताया
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डाॅ प्रदीप चेलावत ने मंदसौर शहर में अनलाॅक के बाद दो दिनों में बन रहीं स्थिति को लेकर एक वीडियों सौशल मिडिया पर जारी किया और लोगों को चेताया । उन्होंने कहा कि डेढ़ महिने के लाॅकडाउन के बाद गत दो दिनों से अनलाॅक होने के बाद नागरिकों का हूजुम सड़कों पर नजर आ रहा है, इसमें अपवादों को छोड़कर ना तो मास्क लगा रहे है, ना सौशल डिस्टेसिंग और सेनेटाईजर का उपयोग कर रहे है।
कोरोना के संकट में हम सभी का सामाजिक दायित्व है कि शासन-प्रशासन ने अनलाॅक किया है इसका फायदा लेना चाहिऐ । कोरोना अभी गया नहीं है, कोरोना आज भी है ओर कल भी रहने वाला है लेकिन हमारी आज की गलतियां कहीं कोरोना का विकराल रूप धारण ना कर ले। इस कोरोना में हमने कई अपनों को खोया है। इसलिए अब सावधान रहे ओर प्रशासन द्वारा किए गये अनलाॅक में सख्त रूप से कोरोना गाइड लाईन का पालन करते हुए खुद को, परिवार को अपने शहर को कोरोना से बचाऐ।
Chania