Thursday, March 28th, 2024 Login Here
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मंदसौर जनसारंगी।
एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधीसागर तैयार होने के 60 साल बाद इस जिले के किसानों को इसका लाभ मिलना शुरू हुआ है। शासन की सिंचाई योजना से भानपुरा क्षेत्र के किसानों की किस्मत बदलने लगी है। आजादी के बाद पहली बार बीडगांव, सांदड़ा, बावड़ीखेडा, हाफस खेड़ी में किसानों ने गेहूं की फसल बोना शुरू किया। वहीं गरोठ व शामगढ़ सिंचाई योजना का काम शुरू हो गया। इसके अगले चरण में कयामपुर सिंचाई योजना प्रस्तावित है। अब शासन ने जिले में 4449.12 करोड़ की लागत से 574 गांव में हर खेत तक पानी पहुंचाने की तैयारी कर ली। इससे जिले में 1 लाख 31 हजार 71 हेक्टेयर में सिंचाई होगी।
एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधीसागर बांध का निर्माण मार्च 1954 में शुरू हुआ व 1960 में पूरा हुआ। इसकी भराव क्षमता लगभग 22584 वर्ग किलोमीटर मे फैली है। लेकिन इसका विशेष लाभ अब तक जिले के लोगों को नहीं मिल रहा। बिजली का उत्पादन तो हो रहा लेकिन उसका भी विशेष लाभ जिले को नहीं मिल रहा। आखिरकार 60 साल बाद जिले के लोगों को बांध का लाभ मिलने लगा है। शासन की भानपुरा सिंचाई योजना का काम पूरा कर लिया। जिसका असर भी दिखने लगा है। मप्र शासन ने अगस्त 2013 में भानपुरा नहर परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दी। अनुबंध 30 नवंबर 2015 में फलौदी कंस्ट्रक्शन कंपनी इंदौर ने किया। कुछ कारणों से देरी होने पर 226.45 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति मई 2018 में दी गई। 2017 अंत तक परियोजना पूरी हुई जिसमें 28.54 किमी लंबी मुख्य नहर व 83.46 किमी लंबी सब नहर बना कर 34 गांव के 7 हजार से अधिक  किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया गया।
इस योजना से यह मिल रहा लाभ किसानों के अनुसार
. नहर से फसलों को पर्याप्त पानी मिल रहा।
. किसान ठंड में उपलब्ध जमीन पर फसल के साथ गर्मी में भी ले रहे फसल।
. पानी की समस्या खत्म होने पर दो की जगह तीन फसल लेने लगे।
. नहर से पानी मिलने पर कुओं का वॉटर लेवल कम गिर रहा।
. गर्मी में भी पर्याप्त पानी मिलने से पशुओं के लिए असानी से मिल रहा हारा चारा।
. इससे दुध उत्पादन में भी वृद्धी आई।
. किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा।
. किसान जो फसल चाहे उसका उत्पादन कर रहा। अधिक पानी वाली मसाला फसले भी ले रहा।
गरोठ सूक्ष्म सिंचाई परियोजना जारी
भानपुरा के शेष रह गए गांव सहित गरोठ के 62 गांवो में 21400 हेक्टेयर सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के लिए गरोठ सूक्ष्म सिंचाई परियोजना जारी है। 360ण्20 करोड की लागत से जुलाई 2016 में काम शुरू किया। जो वर्तमान में अंतिम चरण में चल रहा है। इसमें खेतों तक पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है।
शामगढ़ सुवासरा सूक्ष्म सिंचाई परियोजना
भानपुरा गरोठ के बाद शासन ने हालही में शामगढ़ए सुवासरा के सभी गांवों के साथ गरोठ के शेष रह गए गांवों के लिए सिंचाई परियाजनो को मंजूरी दे दी है। इस योजना में 226 गांवों की 85117 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए पहला पंप स्टेशन ग्राम किलगारी तहसील शामगढ़ के पास बनाया जाएगा। तीनों योजना पूरी होने के बाद भानपुराए गरोठए शामगढ़ व सुवासरा तहसील के हर गांव हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा।
कयामपुर सिचांइ योजना प्रस्तावित
तीन योजना के बाद शासन ने कयामपुर सूक्ष्म सिंचाई परियोजना भी प्रस्तावित है। जिसकी घोषणा सीएम कर चुके है। 2200 करोड़ की लागत से 252 गांव की 112000 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा। भविष्य में मल्हारगढ़ तहसील व दलौदा तहसील को भी सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इन योजना से जिले की तस्वीर ही अलग होगी।

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