Friday, April 26th, 2024 Login Here
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- लोकेश पालीवाल -
मल मास की समाप्ति और मकर संक्राति का पावन दिन जब मंदसौर जिले के नए पुलिस कप्तान तुषारकान्त विद्यार्थी ने मंदसौर जिले की कमान संभाली थी। वे उस संवेदनशील जिले के कप्तान बने थे जहां कमान संभालने के तीसरे ही दिन सरे बाजार नगरपालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की गोली मारकर हत्या कर दी गई हो।यह वह संवेदन शील जिला है जहां पिछले सालों में किसान आंदोलन की आग लगी हो, मासूम बालिका दुष्कर्म की शिकार हुई हो।लेकिन पुलिस अधीक्षक श्री विद्यार्थी ने कभी मालवा के सबसे शांत कहे जाने वाले मंदसौर जिले को उसका पुराना वैभव दिलाने की कोशिश शुरू की थी।जिले के अकेले रहने वाले बुजुर्गो को पुलिस कप्तान के रूप में श्रवण कुमार मिल गया था जिसने उनमे आस्था की डोर बांधी थी।लेकिन यह क्या कप्तान अपने को इस जिले की गहराइयों से जोड़ने की कोशिश ही कर रहे थे की बीती रात चौकाने वाले आदेश प्रदेश सरकार ने कर दिए जिसमे तुषारकान्त विद्यार्थी को मात्र 36 दिनों में ही जिले से रुखसत कर दिया गया था।
जिस तरह से पुलिस कप्तान के तबादला आदेश आये है आम तौर पर किसी वरिष्ठ अधिकारी के आदेश  इस तरह तब तक नहीं आते है जब तक की उन पर कोई गंभीर आरोप न लगा हो या फिर वे जिले की व्यवस्था को चलाने में पूरी तरह से नाकामयाब साबित हुए हो!लेकिन तुषारकान्त विद्यार्थी के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि वे तो जनता के बीच पुलिस के भी संवेदनशील होने का परिचय दे रहे थे। वे जनता को यह बताने में कामयाब हो रहे थे की पुलिस के अंदर भी दिल धड़कता है।लंबे समय बाद कोई ऐसा कप्तान आया था जो सीधे जनता से जुड़ रहा थाएसामुदायिक पुलिसिंग को साकार कर रहा था। कहने को भले ही उन्हें जिले में आये 36 दिन हुए थे लेकिन एक नई व्यवस्था का आगाज उन्होंने कर दिया था। लगभग हर व्यक्ति के दिल में वे अपनी जगह बनाने में कामयाब हो रहे थे।लेकिन फिर भी उनको इस तरह से भेजा जाना संकेत दे रहा है की प्रदेश की कांग्रेस सरकार के अंदरखाने में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
सरकारे जाती है, आती है अपने हिसाब से तबादले कर बदलाव करती है ।प्रदेश सरकार का लक्ष्य वचन पत्र है और मिशन लोकसभा की विजयण्ण्!होना भी चाहिये..लेकिन कैसे होगा जब मुख्यमंत्री कमलनाथएसरकार में सुपर पॉवर माने जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंहएप्रदेश के ग्रह मंत्री बाला बच्चनएवन मंत्री उमंग सिंगारएजयवर्धनसिंह आदि के बयानों में विरोधाभास होण्ण्! पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजनएप्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया का हस्तक्षेप होण्ण्!जहां सदन में मंत्री बयान दे और उस पर सरकार के सुपर पॉवर से लेकर संघटन तक तमतमा जाएण्ण्ण्!ःया संकेत देता है..यही ना की अंदरखाने में कुछ गड़बड़ जरूर है। खैर यह राजनीतिक विश्लेषण का विषय है लेकिन इस राजनीति  में  किसी संवेदनशील अफसर को बलि चड़ा देना खेदजनक है! प्रशासकीय प्रक्रिया का हिस्सा बनकर किया जाना तो ठीक है लेकिन राजनीतिग्यो की मान .प्रतिष्ठा में किया जाना निश्चित ही चिंताजनक है।ऐसे तो कोई अफसर सही काम कर ही नहीं पायेगाण्ण्ण्!पर ःया घ्अब निर्णय हो ही चुका हैएआदेश आ चुके हैएनए कप्तान के रूप में 2012 बेंच के विवेक अग्रवाल की पदस्थापना हुई है। उनकी सोश्यल मीडिया प्रोफ़ाइल से तो लग रहा है की वे भी संवेदनशील है ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिये की मंदसौर से अल्पअवधि में बिदाई ले रहे कप्तान तुषारकान्त विद्यार्थी के श्रवण कुमार वाले सपने को वे अपने हाथ में लेंगेण्ण्ण्!जनता से अपनत्व से जुड़ेंगे और जिले के शांतएसौम्य जिले का गौरव वापस दिलाने में अपना योगदान देंगे।


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