Saturday, April 20th, 2024 Login Here
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उत्कृष्ट मैदान को बचाने के लिये गांधी चौराहा बना खेल मैदान
मंदसौर निप्र। उत्कृष्ट खेल मैदान को बचाने के लिए सोमवार को सैकड़ों खिलाड़ी गांधी चौराहे पर गांधी इकठ्ठा हुए और तरह-तरह के खेल खेलकर करीब एक घंटे तक जबरदस्त प्रदर्शन किया। हॉकी, मार्शल आर्ट, वॉलीवाल, कुश्ती, खो-खो जैसे खेलों का मैदान को बचाने के लिए प्रदर्शन किया और साफ कहा कि जिला प्रशासन हमारे खेल मैदान को समाप्त करेगा तो हमें अब चौराहो पर ही खेलना पड़ेगा । प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों खिलाड़ियों के साथ ही खेल संगठन के पदाधिकारी, कोच एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे । खेल मैदान को बचाने के लिए खिलाड़ी आज शाम 5 बजे से 6 बजे तक गांधी चौराहा पर धरना प्रदर्शन करेंगे ।
जिस गांधी चौराहे पर प्रतिदिन हजारों वाहनों की आवाजाही रहती है भारी  भीड़-भाड़ रहती है वह व्यस्ततम चौराहा किसी खेल मैदान से कम नही लग रहा था । सैकड़ों खिलाड़ी अपने खेलो का प्रदर्शन कर रहे थे कोई हॉकी खेल रहा था तो कोई मार्शल आर्ट, कोई कराटे आजमा रहा था तो कोई कुश्ती के दाव लगा रहा था, कोई वॉलीवाल का गोल कर रहा था तो कोई क्रिकेट खेल रहा था, कोई खो-खो खेल रहा था तो कोई बेसबॉल में हाथ आजमा रहा था । करीब एक घंटे तक विभिन्न खेलों का प्रदर्शन यहां चलता रहा लेकिन यह कोई प्रतियोगिता या खेल अभ्यास का अवसर नही था बल्कि यह सैकड़ों खिलाड़ी आज उत्कृष्ट खेल मैदान को बचाने के लिए यहां इतनी बड़ी तादात में इकठ्ठा हुए थे । मंदसौर शहर के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब खेल संगठनों और खिलाड़ियों को इतना बड़ा प्रदर्शन करना पड़ा ।
खेल संगठनों के पदाधिकारी कुलदीपसिंह सिसौदिया, विनोद शर्मा, विनय दुबेला, अविनाश उपाध्याय ने इस दौरान कहा कि जिला प्रशासन द्वारा हमारे खेल मैदान को समाप्त किया जा रहा है । उत्कृष्ट विद्यालय के खेल मैदान पर प्रतिदिन 15 से ज्यादा खेलों के 500 से ज्यादा खिलाड़ी अभ्यास करते है परन्तु इस मैदान को समाप्त किया जा रहा है और यहां पर छात्रावास निर्माण के लिए गड्डे खोदे जाने लगे है जिससे प्रतिदिन यहां खेले जाने वाले सारे खेल बंद हो गए जबकि इस मैदान ने मंदसौर की प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट­ीय स्तर तक पहुंचाया है और मंदसौर का नाम गौरवान्वित किया है । खिलाड़ियों ने कहा कि मंदसौर शहर में वैसे ही खेल मैदान नही है एक मात्र मैदान उत्कृष्ट खेल मैदान बचा है इसे भी खत्म करने की तैयारी कर ली गई है लेकिन खिलाड़ी ऐसा नही होने देंगे इस मैदान को बचाने के लिए    लगातार आंदोलन जारी रहेगा । आज मंगलवार को सभी खिलाड़ी 5 से 6 बजे तक गांधी चौराहा पर धरना प्रदर्शन करेंगे इस दौरान सभी खिलाड़ी अपनी खेल कीटो के साथ ही सम्मिलित होंगे । खिलाड़ियों ने आज चौराहे पर खेलकर जिम्मेदारों को संदेश देने की कोशिश की यदि खेल मैदान समाप्त हो गया तो खिलाड़ियों को चौराहो और सड़कों पर ही खेलना पड़ेगा ।  विरोध प्रदर्शन के दौरान कुलदीपसिंह सिसौदिया, विनोद शर्मा, विनय दुबेला, डॉ. एसएस भाटी, आमिन चौधरी, त्रिभुवन कविश्वर, राजाराम तंवर, गोविन्द नागदा, शैलेन्द्र मसीह, चेतन जोशी, कमलेश शर्मा, ब्रजेश सेन मारोठिया, अनुप माहेश्वरी, अभिषेक सेठिया, दिलीप ग्वाला, नवीन खोखर, देवेन्द्र बैरागी, अर्पित पंवार, राकेश श्रीवास्तव, अजयसिंह, रवि कोपरगावकर , राजु अखेरिया सहित बड़ी संख्या में खिलाड़ी, कोच और खेल संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे ।

संवादहीनता ने कटघरे में खड़ा कर दिया प्रशासन को
प्रशासन की प्रतिबध्दता अंततः समाज के लिये ही होती है और मिडिया समाज और प्रशासन के बीच पुल का काम करता है लेकिन प्रशासन के अगुवा यदि अपना पदभार लेते ही खुद को समाज और मिडिया से दूर रहने की बकायदा घोषणा करते हो तो ऐसी स्थिति मेंयह तो होना ही था, जो उत्कृष्ट विद्यालय मैदान मेंछात्रावास निर्माण को लेकर विवाद इस कदर गहराया की आज पक्ष-विपक्ष , खिलाड़ी और अन्य सामाजिक संस्थाएं प्रशासन के खिलाफ खड़ी है । यह तो शुरुआत है अब ऐसे वाकिये तो मौजूदा प्रशासनिक दौर में चलते ही रहेंगे । दो महिने बाद आम चुनाव होने है । मिडिया से दूरी बनाने वाले मुखिया को चुनाव आयोग के निर्देशों से चुनाव संबंधि जानकारी देने के लिये मिडिया को बुलाना ही पड़ा । मौजूदा व्यवस्था में मिडिया जीवन के हर क्षेत्र से सरोकार रखता है तो प्रशासन को मिडिया से यूं परहेज नही रखना चाहिये, जहां तक मंदसौर की मिडिया का सवाल है तो प्रशासन को हर विकट स्थिति में मिडिया ने सकारात्मक सहयोग किया है । कईं बार ऐसे हालात भी बने जब प्रशासन के हाथ से बात निकल गई और अप्रिय स्थिति बनने की कगार पर आ गई, ऐसे में यहां मिडिया की रचनात्मक भूमिका ने नगर को अप्रिय प्रसंग से बचाया । आप किसी दलदल या कबिले के मुखिया नही है जो अपने तरीके से काम करते रहे । समाज के लिये ही सबकी प्रतिबध्दता होती है चाहे वह शासन हो, प्रशासन या फिर मिडिया हो । समाज से जुड़कर ही समाज की बेहतरी के लिये कुछ किया जा सकता है । खेल के मैदान में छात्रावास के निर्माण का मसला इतना विवादित नही होता यदि प्रशासन और खेल संगठनोंव जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतर संवाद हो जाता यदि अपना बड़ापन छोडकर के उनसे ज्ञापन ले लिया जाता, बैठकर चर्चा कर ली होती । लेकिन ऐसा हो न सका और प्रशासन को आज सभी पक्षों ने अपने कटघरे में खड़ा कर रखा है । अब तो आला मुखिया को ही समझना चाहिये की मिडिया और समाज से कटकर वे कुछ भी बेहतर नही कर सकते ।
इनका कहना -
- इस मामलें में मुझे कुछ कहना नही है मुझे फोन मत किया किजिए
धनराजु एस, कलेक्टर
पुरा मामला अभी मेरे संज्ञान में नही है मैं जानकारी ले रहा हूं, यदि किसी संवादहिनता के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति बन रही है तो हम प्रशासन को पत्र लिखेंगे, बेहतरी के लिए पुलिस द्वारा जो भी प्रयास हो सकते है वो सब किए जाएंगे, कोई ना कोई रास्ता निकल जाएगा ।
विवेक अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक
पूरे मामलें में जिला प्रशासन में बैठे कोई भी अधिकारी बात तक नही कर रहे है अपनी बात किसे सूनाए, खिलाड़ियों की समस्या है उनको लेकर खिलाड़ियों की बात तो सूने इसका कुछ समाधान निकलेगा लेकिन जब कोई बात ही नही कर रहा है तो बात बिगड़ रही है समस्या का समाधान कैसे निकलेगा ।
   विनय दुबेल


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