Saturday, April 20th, 2024 Login Here
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मंदसौर निप्र। ग्राम लीलदा में नारकोटिक्स विभाग की टीम अफीम का तोल जांचने की नियत से ग्रामीण के घर में घुसी लेकिन उसे यह जांच इतनी महंगी पड़ी की लिखित में माफी मांगने के बाद ही वापस गांव से निकल पाई । दरअसल नारकोटिक्स के इन अधिकारियों को देखकर गांव के मुखिया सहित ग्रामीण इकठ्ठे हो गए और अधिकारियों के इस तरह घर में घुसने का विरोध किया लेकिन जब नारकोटिक्स के अधिकारी नही माने तो पूरे गांव के लोगों ने उन्हें घेर लिया और बाद में लिखित में माफी मंगवाई ।
जानकारी के अनुसार ग्राम लिलदा में अफीम किसान किशोर शर्मा के घर नारकोटिक्स के अधिकारी अचानक पहुंच गए इस दौरान घर में केवल महिलाएें थी ऐसे मे उन्होने इस तरह घर में आने का विरोध किया मौके पर गांव के मुखिया सज्जनसिंह सिसौदिया भी पहुंचे और उन्होने कहा कि जांच करने के लिए पहचान आवश्यक है यदि विभाग का लिखित पत्र हो तो जांच की जा सकती है लेकिन यदि घर में कोई नही हो तो जांच करना कानून के विपरित है । लेकिन अपने आप को नारकोटिक्स का अधिकारी बताने वाले लोगों के पास लिखित में कुछ नही था उल्टा वे गांव के लोगों को धमकाने लगे ऐसे में कई ग्रामीण मौके पर इकठ्ठा हो गए और उन्होने नारकोटिक्स टीम को घेर लिया । मुख्यिा का कहना था कि नारकोटिक्स के अधिकारियों से जब उनकी पहचान पुछी तो उल्टा उन्होने धक्का-मुक्की कर मारपीट करने की कोशिश की । गांव के ऋषिकेश शर्मा ने कहा कि अभी तो फसलें ठीक ढंग से कटाई पर भी नही आई है ऐसे में जबरदस्ती चैकिंग कैसे की जा सकती है जबकि तोल पूरी फसल आने के बाद किया जाता है । पूरे गांव के लोगों के बीच घेरा देखकर मौके पर पहुंचे नारकोटिक्स अधिकारियों ने लिखित में माफी मांगी उसके बाद ही उन्हें जाना दिया गया । उधर इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामलें में नारकोटिक्स के वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन देकर अवगत कराया  जाएगा और नारकोटिक्स की इस जबरिया कार्यवाही का विरोध किया जाएगा ।


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