Friday, April 26th, 2024 Login Here
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- चुनाव में जीत के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं
चुनाव आयोग ने कहा- केंद्र सरकार छापेमारी की जानकारी राज्य चुनाव आयुक्त को दे
भोपाल निप्र । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के सहयोगियों के ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रही। सीएम के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ के करीबी प्रतीक जोशी और अश्विन शर्मा के भोपाल स्थित घरों पर छापेमारी में अब तक 9 करोड़ रुपए नकद मिल चुके हैं। नोटों की गिनती के बाद अफसर पांच बॉःस और मशीनों के साथ बाहर आए। हालांकि, कुल कितना कैश मिला, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
दूसरी ओर, सोमवार को बैंक से जुड़ी जानकारियां हासिल करने के लिए आयकर टीम कक्कड़ की पत्नी साधना को लेकर आईडी बीआई बैंक पहुंची। दूसरी टीम उनके बेटे सलिल को कक्कड़ फैमिली से जुड़े कई दफ्तर लेकर गई। रविवार को कक्कड़ के इंदौर स्थित घर से 30 लाख की ज्वेलरी और दो लाख कैश मिला था। उनसे रातभर पूछताछ की गई। उनके सीए अनिल गर्ग ने कहा कि आईटी अफसरों ने मुझसे आईटीआर की कॉपी मांगी थीं, मैंने उन्हें पिछले सात साल में भरे गए आईटीआर की कॉपी उपलब्ध कराई।
कार्रवाई की जानकारी आयोग को दी जाए - चुनाव आयोग के अफसर विक्रम बत्रा ने कहा कि पैसों के जरिए मतदाता को प्रभावित करने का चलन तेजी से बढ़ा है। खुफिया सूचनाओं के आधार पर प्रवर्तन एजेंसियां कानून के मुताबिक प्रभावी कदम उठा रही हैं। आयोग की सलाह है कि चुनावी समर में कार्रवाई निष्पक्ष होकर करना चाहिए। साथ ही आचार संहिता के दौरान ऐसी कार्रवाई की जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को दी जाना चाहिए। इसके लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ने निर्देश जारी किया।
छापे रविवार सुबह 3 बजे से शुरू हुए - यह कार्रवाई सीधे दिल्ली से बुलाई गई सीआरपीएफ टीम की सुरक्षा में तड़के 3 बजे शुरू की गई। मध्यप्रदेश में इंदौर और भोपाल में कुल 6 ठिकानों पर यह कार्रवाई की गई। हालांकि यहां छापे का केंद्र अश्विन शर्मा थे। आशंका जताई जा रही है कि शर्मा ने कांग्रेस सरकार बनने के बाद टांसफर और पोस्टिंग में अहम भूमिका निभाई थी।
हालांकि शर्मा ने खुद को भाजपा का कार्यकर्ता बताया। शाम को अश्विन शर्मा के घर छापे के दौरान मध्यप्रदेश पुलिस और सीआरपीएफ के बीच टकराव की स्थिति बन गई। सीआरपीएफ का कहना है कि मध्य प्रदेश पुलिस हमें काम नहीं करने दे रही। भोपाल में छापे का मुख्य केंद्र अश्विन शर्मा ही रहा। सूत्रों के अनुसार उसके डेढ़ दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारियों से बेहद नजदीकी संबंध थे। विभाग इन अफसरों के साथ वॉटसऐप चैट की डिटेल खंगाल रहा है।