Thursday, April 25th, 2024 Login Here
पिपलिया कृृषि मंडी में कांग्रेस प्रत्याशी गुर्जर ने की किसानों व व्यापारियों से मुलाकात मोदी सरकार की योजनाओं से संसदीय क्षेत्र रोशन हो रहा लाखों खर्च करने के बाद भी जलकुंभी नहीं हटी, अब नपा कर्मचारियों पर जिम्मा! दो साल से कागजों में उलझे अमृत -2 पर आचार संहिता का साया, छह महिने और करना होंगा इंतजार मंदसौर में कार में सवारों से एक करोड़ नगदी और तीन किलो चांदी पकडाई श्रृद्धा, समर्पण और भक्ति भाव से मनाया गया श्री हनुमान जन्मोत्सव भक्तों के दुःख दूर कर आरोग्य तीर्थ बन चुका है श्री हर्कियाखाल बालाजी का धाम मतदान से पहले कार्रवाहीं, 23 बदमाश तीन महिने के लिऐ जिलाबदर शिवना में नाइट्रोजन ज्यादा इसलिए फेल रही जल कुंभी.. बुनियादी संसाधनों का समग्र विकास भाजपा सरकार कर रही कार में बैठकर उतार रहे थे सट्टा, 9 सटोरिये गिरफ्तार, पांच करोड़ का हिसाब मिला मंदसौर की युवती के साथ रतलाम के कोचिंग संचालक ने किया दुष्कर्म मंदसौर नया रिकार्ड बनाऐ, डबल इंजन की सरकार करेंगी यहां विकास-सीएम डॉ यादव सीएम डॉ मोहन यादव ने मंदसौर में किया रोड शो, गांधी चौराहे पर जनसभा को भी संबोधित किया तैलीया तालाब पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट को सही माना एनजीटी ने

नई दिल्ली। अक्षय तृतीया पर मंगलवार को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखण्ड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधामों की यात्रा की शुरूआत हो चुकी है। केदारनाथ धाम के कपाट नौ मई को और बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 10 मई को खुलेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देश विदेश से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रध्दालुओं का राज्य में स्वागत किया है और कहा है कि उनकी सुख-सुविधाओं और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

छह माह तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने लाखों की तादात में श्रध्दालु और पर्यटक आते हैं, जो यहां के स्थानीय लोगों की आजीवका का प्रमुख साधन हैं। चारों धामों में जाने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा जौलीग्रांट और नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। ऋषिकेश से चारों धामों की बस से यात्रा का प्रति व्यक्ति किराया करीब 3100 रुपए से लेकर 5300 रुपए के बीच है, जो सीट की क्वालिटी पर निर्भर करता है।
इसके अलावा गढ़वाल मंडल विकास निगम हरिद्वार-ऋषिकेश से चार धाम रूट के लिए टूर पैकेज भी लिया जा सकता है। ऋषिकेश से बदरीनाथ-केदारनाथ धाम तक यात्रा के लिए वाहन की सुविधा के साथ ही टूरिस्ट रेस्ट हाउस में रहने का पैकेज करीब 16 हजार रुपए प्रति व्यक्ति में लिया जा सकता है। इसके अलावा निजी टैःसी भी की जा सकती है, जो चारों धामों के लिए करीब 25 से 30 हजार रुपए लेगी।

यमुनोत्री
यमुनोत्री पहुंचने के लिए आप ऋषिकेश तक हवाई यात्रा या रेल यात्रा से पहुंच सकते हैं। यहां से आगे सड़क मार्ग और आखिरी कुछ किलोमीटर पैदल चलकर यमुनोत्री पहुंच सकते हैं। यमुना का वास्तविक स्रोत जमी हुई बर्फ की एक झील और हिमनद चंपासर ग्लेशियर है। यह कालिंदी पर्वत पर स्थित है।

गंगोत्री
गंगा का प्राकृतिक स्रोत गोमुख ग्लेश्यिर गंगोत्री से 18 किलोमीटर दूर है। यमुनोत्री से गंगोत्री की सड़क मार्ग से दूरी 219 किलोमीटर है जबकि ऋषिकेश से गंगोत्री की दूरी 265 किलोमीटर है और वहां से वाहन से सीधे पहुंचा जा सकता है। मान्यता है कि भगवान श्रीराम के पूर्वज राजा भगीरथ ने यहां भगवान शिव का कठोर तप करके उनकी कृपा से देवी गंगा धरती पर लाने का कार्य किया था, ताकि उनके पूर्वजों को मोक्ष मिल सके।

केदारनाथ
केदारनाथ धाम, उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में है। ऋषिकेश से गौरीकुण्ड की दूरी 76 किलोमीटर है और यहां से 18 किलोमीटर की दूरी तय करके केदारनाथ पहुंच सकते हैं। कत्यूरी शैली के इस मंदिर का निर्माण पांडव वंश के राजा जनमेजय ने कराया था। मंदिर के गर्भगृह में स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है। कहते हैं कि आठवीं सदी में चारों दिशाओं में चार धाम स्थापित करने के बाद 32 वर्ष की आयु में शंकराचार्य ने केदारनाथ धाम में ही समाधि ली थी।

बद्रीनाथ
उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित भू-वैकुंठ बदरीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित है। विष्णु पुराण, महाभारत व स्कंद पुराण जैसे प्राचीन ग्रंथों में इसे देश के पौराणिक चार धामों में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। यहां शालिग्राम पत्थर से बनी एक मीटर ऊंची श्रीविष्णु की मूर्ति है।

बद्रीनाथधाम तक गाड़ियां जाती हैं, इसलिए यहां मौसम अनुकूल होने पर पैदल नहीं जाना पड़ता। बद्रीनाथ को बैकुण्ठ धाम भी कहा जाता है। यहां पहुंचने के लिए ऋषिकेश से देवप्रयाग, श्रीनगर, रूद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, चमोली और गोविन्दघाट होते हुए पहुंचा जा सकता है।
Chania