Friday, April 26th, 2024 Login Here
मन्दसौर निप्र । पुलिस थाना पिपल्यामण्डी के एक प्रकरण में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती निशा गुप्ता द्वारा आरोपी कैलाश पिता अम्बालाल पाटीदार निवासी बालागुढ़ा जिला मन्दसौर को धारा 457 भादवि के तहत् तीन वर्ष का सश्रम कारावास व दो हजार रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास तथा धारा 308 भादवि में तीन वर्ष का सश्रम कारावास व तीन हजार रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास एवं धारा 324 भादवि के तहत् छह माह का सश्रम कारावास व पाँच सौ रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास से दण्डित किये जाने का आदेश दिया है।
लोक अभियोजक विकास कुमार बोहोरा (जैन) के अनुसार दिनांक 29.03.2017 को रात्री करीब तीन बजे फरियादी रामनिवास पिता ब्रजलाल पाटीदार निवासी बालागुढ़ा अपनी पत्नी के साथ अपने मकान की दूसरी मंजिल के कमरे में सो रहे थें कि खटखटाने की आवाज आई, तो दोनों उठ गये तथा फरियादी की पत्नी विमलाबाई ने नीचे चौक में जाकर देखा तो कोई आदमी चौक में नजर आया, तो विमलाबाई जोर से चिल्लाई तो अभियुक्त ने फरियादी की पत्नी विमलाबाई पर वार किया और चारे भरे कमरे में घुस गया। फरियादी ने अभियुक्त की बनियान की कालर पकड़ ली, तो अभियुक्त ने फरियादी के सिर पर छुरी से वार किया, जिससे फरियादी के सिर, बाँये कान व नाक एवं बाँये हाथ पर चोंट लगी और वार करने बाद अभियुक्त भाग गया, इस आशय की रिपोर्ट फरियादी ने थाना पिपल्यामण्डी पर की। उक्त आशय की रिपोर्ट के आधार पर थाना पिपल्यामण्डी मन्दसौर द्वारा अपराध क्रमांक 103/2017 पर अन्तर्गत धारा 323, 457 एवं 511 भादवि के तहत् कायमी की गई। अनुसंधान पूर्ण होने पर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त के विरूध्द धारा 457ए 308 एवं 324भादवि के तहत् चार्ज लगाया गया।
अभियोजन ने अपनी ओर से नौ साक्षियों के कथन कराये। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्षियों के कथनों एवं प्रकरण में समग्र साक्ष्य के विवेचन तथा अभियोजन के तर्को से सहमत होकर यह निष्कर्ष निकाला कि अभियुक्त कैलाश पिता अम्बालाल पाटीदार निवासी बालागुढ़ा जिला मन्दसौर का अपराध धारा 457ए 308 एवं 324 भादवि के तहत् दोषसिध्द पाये जाने से अभियुक्त को धारा 457 भादवि के तहत् तीन वर्ष का सश्रम कारावास व दो हजार रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास तथा धारा 308 भादवि में तीन वर्ष का सश्रम कारावास व तीन हजार रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास एवं धारा 324 भादविके तहत् छह माह का सश्रम कारावास व पाँच सौ रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की ओर से सफल पैरवी लोक अभियोजक विकास कुमार बोहोरा (जैन) द्वारा की गई ।