Saturday, April 20th, 2024 Login Here
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केदारनाथ । भोले बाबा के जयकारों के साथ आज 6 महीने के लंबे इंतजार के बाद बाबा केदारनाथ धाम के कपाट आज खुल गए हैं। आज सुबह पूजापाठ की संपूर्ण प्रक्रिया को सम्पन्न करने के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए। इससे पहले 6 मई को कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत शीतकालीन गद्दीस्थल से भगवान श्री केदारनाथजी की चल विग्रह पंचमुखी मूर्ति ने प्रस्थान किया था। चल विग्रह मूर्ति को विधिवत स्नान कराया गया था। स्नान कराने के बाद मूर्ति को डोली में विराजमान करके फूल मालाओं से सजाया गया था। इसके बाद पुजारियों द्वारा केदार लिंग की विधिवत पूजा-अर्चना की गई। तत्पश्चात हर-हर महादेव और जय केदार के जयकारों के साथ डोली ने प्रस्थान किया। 7 मई को डोली गौरीकुंड में विश्राम करते हुए 8 मई को केदारनाथ पहुंची। आज 9 मई को ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर के कपाट खोल दिए गए।  बदरीनाथ और केदारनाथ के बारे में कथा है कि शीतकाल में जब मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं तो मंदिर में पूजा की जिम्मेदारी देवताओं की रहती है यानी इस समय देवतागण भगवान बदरीनाथ और केदारनाथ की पूजा करते हैं। ऐसी भी बातें कई बार सुनने में आती है कि मंदिर के बंद कपाट के अंदर से घंटियों की आवाजें सुनाई देती हैं। शीतकाल में मंदिर के कपाट बंद होने के समय अखंड दीप को जलाकर रख दिया जाता है। मंदिर के कपाट खुलने पर इस दिव्यज्योति के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रध्दालु यहां आते हैं।

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