Friday, March 29th, 2024 Login Here
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मंदसौर निप्र। कांग्रेस सरकार के द्वारा किसानों से किए गए वादे पूरे नही करने को लेकर भारतीय किसान युनियन ने तीन दिवसीय हड़ताल करने की चेतावनी सरकार को दी है, 29 मई से 31 मई तक युनियन के द्वारा हड़ताल कर अपनी मांगे सरकार के सामने रखी जाएगी, इधर पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो चुका है, पुलिस कप्तान ने मंगलवार को क्राइम बैठक आयोजित कर अन्य विषयों के साथ-साथ अहम रूप से किसानों की हड़ताल को लेकर अलर्ट रहने को थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है, साथ ही छोटी से छोटी गतिविधियो पर नजर बनाए रखने तथा आमजन को कोई परेशानी न हो और किसी प्रकार की कानून व्यवस्था न बिगड़े इसको लेकर विशेष निर्देश दिए है । भारतीय किसान यूनियन ने कहा है कि वे 29 मई से 31 मई तक हड़ताल करेंगे। जबकि राष्ट­ीय किसान, मजदूर संगठन एक जून से 5 जून तक हड़ताल करेगा। दोनों ही संगठनों का नेतृत्व किसान नेता शिवकुमार शर्मा (कक्काजी) कर रहे हैं। शिवकुमार शर्मा ने बताया कि उनका संगठन 29 मई को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करेगा। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि हड़ताल के दौरान किसान दूध की सप्लाई नहीं करेंगे और सब्जी भी मंडी तक नहीं पहुंचाई जाएगी।
 उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में 1 जून से किसान आंदोलन प्रदेश भर में किसानों के द्वारा किया गया था, खास बात यह है कि किसान आंदोलन का खास असर मंदसौर जिलें में देखा गया था, किसान आंदोलन ने उग्र रूप धारण कर लिया था, जिसके बाद परिस्थितिवश पुलिस को फायरिंग भी करना पड़ी थी जिसमें आंदोलनकारियों की गोली लगने से मौत हो गई थी । वर्ष 2018 में भी किसान युनियनों ने अपनी मांगो को लेकर किसान आंदोलन किया था, हालाकि 2017 में हुए किसान आंदोलन से सीख लेते हुए 2018 में पुलिस प्रशासन पहले से अलर्ट था, प्रशासन ने बॉण्ड भराने से लेकर कई प्रकार की प्राथमिक कार्यवाही की थी जिसके चलते किसी प्रकार की कोई अनहोनी घटना घटित नही हो पाई । ताजा मामलें की बात करें तो भारतीय किसान युनियन के द्वारा 28 मई को एक ज्ञापन कृषि मंत्री प्रदेश शासन के नाम सौपा है, ज्ञापन में कहा गया है कि 29 मई से 31 मई तक किसानों के द्वारा हड़ताल की जाएगी, इससे पूर्व कई बार किसानों की मांगो को लेकर जिम्मेदारों से मुलाकात करने का प्रयास किया गया लेकिन जिम्मेदार मिलने को तैयार तक नही हुए, मजबुरीवश हड़ताल जैसे कदम युनियन को उठाने पड़ रहे है।  
 यह है मांगे -
बैंको द्वारा कर्ज को लेकर किसानों को नोटिस दिए जा रहे है वहीं घोषणा के बाद भी किसानों के कर्जअब तक माफ नही हो पाए है जिन किसानों ने बैंको का ऋण कर्ज माफी के आश्वासन के बाद चुकाना बंद कर दिया था उन किसानों को बैंक ने डिफाल्टर घोषित कर दिया है, कर्ज नही चुकाने की स्थिति में किसान आत्महत्या जैसे कदम भी उठा सकता है, ऐसे मे समय रहते प्रदेश सरकार किसानों की कर्ज माफी करें, बैंको द्वारा केसीसी के लोन पर कर्ज माफी के बाद किसानों को ब्याज बताया जा रहा है, किसानो को अगली सीजन के लिए खाद्य की आवश्यकता है जिसे समितियोंसे वितरण कराने का कष्ट करें साथ ही खाद्य की कालाबाजारी पर रोक लगाएें, दुध पर पांच रू. प्रति लीटर बोनस की बात चुनावी घोषणा पत्र में की गई थी उसे भी पुरा किया जाए, सोयाबीन की भावांतर राशि का भुगतान अब तक नही हुआ है वह भी जल्द से जल्द की जाए, गेहूं के बोनस रूप में 160 रू. प्रति क्ंविटल देने की बात सरकार ने कहीं थी लेकिन वह भी नही मिल पा रहा है, किसानों को प्याज के पंजीयन में अधिकारियो के लापरवाहियों के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे अधिकारियों पर लगाम कसी जाए ।
इनका कहना
किसान आंदोलन इसी समय के आसपास हुआ था, एक बार फिर एक युनियन के द्वारा सोश्यल मिडिया पर हड़ताल का मैसेज चलाया गया है, पुलिस को अलर्ट रहने तथा हर परिस्थितियों पर नजर बनाएं रखने के निर्देश दिए गए है, किसी प्रकार की अनहोनी घटना नही होने दी जाएगी साथ ही इस दिशा में जो आवश्यक कदम पुलिस के द्वारा उठाए जाने है वह भी उठाएं जा रहे है, थाना प्रभारियों को क्षेत्र में सतत सम्पर्क बनाएं रखने तथा विशेष नजर रखनें और कानून व्यवस्था न बिगड़े इसको लेकर निर्देशित किया गया है ।
विवेक अग्रवाल
जिला पुलिस अधीक्षक, मंदसौर
Chania