Thursday, April 25th, 2024 Login Here
अरोरा की याचिका पर न्यायालय का फैसला, कार्यवाहीं पर लगाएं दावा
मंदसौर निप्र। ऑपरेशन माफिया के तहत शहर कोतवाली के सामने स्थित भवन को सुधाकर राव मराठा का बताकर तोड़ना प्रशासन को भारी पड़ सकता है। इस मामलें में भवन स्वामी तुषार अरोरा ने न्यायालय की शरण ली जिसमें न्यायालय ने पाया कि भवन को गलत तरीके सेतोडा गया है इस मामलें में याचिकाकर्ता चाहें तो दावा लगा सकता है। साथ ही अब प्रशासन बिना कोई दस्तावेज देखे किसी भी तरह की कार्यवाहीं नहीं करें।
भवन स्वामी तुषार अरोरा ने बताया कि भवन तोड़ने की कार्यवाहीं पर न्यायालय की शरण लेते हुए याचिका दायर की थी। जहां सुनवाई के बाद माननीय न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया जिसमें याचिकाकर्ता को भवन तोड़ने के मामलें में वाद दायर करने के लिये कहा गया है। तुषार अरोरा ने बताया कि भवन तोड़ने के बाद न्यायालय में याचिका के माध्यम से कहा गया था कि भवन से किसी भी अपराधी का कोई लेना देना नहीं है। इसे निर्धारित अनुमति लेने के बाद ही बनाया गया था फिर भी करीब 6 माह पहले नगर पालिका को पत्र देकर अवगत कराया था कि यदि कोई निर्माण अनुमति से अधिक हुआ है तो उसे तोड़ने के लिये और निर्धारित जूर्माना भरने के लिये तैयार है, अधिक निर्माण को चिन्हित कर दिया जाये। लेकिन इस पत्र पर कोई कार्यवाहीं नहीं की गई। अब अचानक से पूरे भवन को ही तोड़ दिया गया जबकी भवन को निर्धारित अनुमति लेने के बाद ही बनाया गया था।
याचिका कर्ता अरोरा ने याचिका में यह भी संभावना जताई थी कि उसके द्वारा कानूनी कार्यवाहीं करने के दौरान प्रशासन और भी कार्यवाहीं उस पर कर सकता है इसके लिये भी न्यायालय ने कहा कि बिना दस्तावेजों का अध्ययन किये अब याचिकाकर्ता पर अब किसी भी तरह की कार्यवाहीं नहीं की जाये। उल्लेखनिय है कि इस भवन की विभिन्न दूकानों में व्यापार करने वाले अन्य दूकानदारों ने भी पिछले दिनों विधायक यशपालसिंह सिसोदिया के साथ पुलिस कप्तान से मुलाकात की थी और कार्यवाहीं को गलत बताते हुए फिर से निर्माण की अनुमति मांगी थी।