Friday, April 19th, 2024 Login Here
जागरूकता का है अभाव, ग्रामीणों के लिए मेडिकल और बिना डिग्रीधारी डाक्टरों से उपचार महंगा पड़ रहा
मंदसौर जनसारंगी।
कोरोना की पहली लहर ने शहरी क्षेत्र को प्रभावित किया था, ग्रामीण अंचल पूरी तरह से सुरक्षित थे लेकिन दूसरी लहर ने ग्रामीण जनता को प्रभावित किया है। यह इससे साफ हो रहा है कि पिछले आठ दिनों में कोरोना प्रोटोकाॅल के तहत जितने अंतिम संस्कार शहरी क्षेत्र के मंदसौर मुक्तिधाम पर हुए है उससे ढाई गुना ग्रामीण अंचल के रहने वाले मृतकों के हुए है। मंदसौर में कोरोना से जितनी मौते हुई है लगभग उतनी ही मौते अन्य बिमारियों से हुई है। लेकिन ग्रामीण अंचल में जितनी मौत सामान्य और अन्य बिमारियों से गई है उसकी दस गुना से ज्यादा के अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकाॅल के तहत मंदसौर के मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार किए गये है।
ग्रामीण अंचल में कोरेाना के भयावह होते मामलों की वजह साफ है स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव और ग्रामीणों में जागरूकता की कमी। क्योंकि ग्रामीणों में कोरोना के प्रारम्भिक लक्षण सर्दी, खांसी और बुखार का लक्षण होने के बाद भी ग्रामीण इसे गंभीरता से नहीं ले रहे है। वे इसे सामान्य समझकर पहले मेडिकल से दवाई लाकर खाते है, उसके बाद ग्रामीण बिना डिग्री धारी डाक्टर से उपचार करवाते है। लेकिन इस बीच चार से पांच दिन का समय निकल जाता है और कोरोना मरीजों के फेफडों तक पहुंच जाता है और उन्हें सांस लेने में कठिनाई होने लगती है इसके बाद मरीज के परिजन उसे लेकर मंदसौर जिला चिकित्सालय अथवा निजी चिकित्सालयों पर पहुंचते है वहां उसकी कोरोना रिर्पोट पाॅजीटिव आती है और उपचार शुरू होता है लेकिन तब तक काफी देर हो चूकी होती है। कोरोना मरीजों के फेफडों को खराब कर देता है जिसके चलते जान बचाना मुश्किल हो जाता है। इसी के चलते जनप्रतिनिधि और प्रशासन लगातार ग्रामीण मरीजों से आव्हान कर रहा है कि सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण दिखाई देने पर मेडिकल और ग्रामीण बिना डिग्री धारी डाक्टर से उपचार कराने के बजाय तत्काल कोरोना को रोकने के लिए उपयोग की जाने वाली कीट का प्रयोग प्रारम्भ करते हुए कोरोना की जांच कराऐ ताकी तत्काल कोरोना का पता लग सके और उसे रोका जा सके।
कोरोना का शुरूआत में ही पता लगने पर करीब 80 प्रतिशत तक मरीज को ठीक करने में सफलता मिल रहीं है। उसे केवल होम आईसोलेशन के नियमों का पालन करते हुए रहना पड.ता है और हफ्ता, दस दिन में ही मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाता है। लेकिन यदि लक्षण शुरू होने के बाद चार-पांच दिन का समय निकाल दिया तो मरीज की जान पर बन आती है इसी जागरूकता की कमी के कारण ग्रामीण अंचल में मौत के आंकडे लगातार बढ़ रहे है। मंदसौर के मुक्तिधाम के आंकडों के मुताबिक 1 मई से 8 मई की शाम के बीच शहरी क्षेत्र में 42 शव के अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकाॅल के तहत किए गए जबकी सामान्य रूप से 43 अंतिम संस्कार हुए है जबकी ग्रामीण अंचल के रहने वाले मृतकों के मंदसौर मुक्तिधाम पर कोविड प्रोटोकाॅल में 108 अंतिम संस्कार हुए तथा 8 सामान्य मृत्यु पर हुए है। इससे साफ है कि कोरोना का कहर ग्रामीण अंचल में ही ज्यादा हैं। मंदसौर में भी पाॅजीटिव मरीजों की संख्या कम नहीं है लेकिन यहां रिकवरी रेट ज्यादा है क्योंकि जागरूकता के कारण शहरी तत्काल कोरोना की जांच करवा रहे है लेकिन ग्रामीण कोरोना जांच में पीछे है।
65 में से 42 हाॅटस्पाॅट ग्रामीण में 23 मंदसौर शहर मे
ग्रामीण मरीजों की बढ़ती संख्या का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों की बढ़ती संख्या के मान से जो 65 हाॅट स्पाॅट चिन्हित किए है उसमें 42 ग्रामीण अंचल के है और 23 मंदसौर शहर के है। इन हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में अब स्वास्थ्य विभाग लगातार सर्वे करेंगा और पाॅजीटिव मरीजों को चिन्हित करेगा ताकी कोरोना की चैन को ब्रेक किया जा सके।
मंदसौर में कोरोना की चैन ब्रेक करने के लिए 21 दिन से लाॅक डाउन है। अभी करीब दस दिन और लाॅक डाउन के आदेश है लेकिन फिर भी कोरोना काबू नहीं हो पाया है। मई में कोरोना का कहर इतना है कि हर दिन सौ से ज्यादा पाॅजीटिव मरीज मिल रहे है और महज सात दिनों में 1306 संक्रमित मरीज मिल चूके है। अस्पतालों में जगह नहीं है, सुबह से लेकर देर रात तक मुक्तिधाम में चिताएं जल रहीं है। ऐसे में शासन ने कोरोना को काबू करने के लिए अब हाॅटस्पाॅट चिन्हित करने और माइक्रो कंटेन्मेंट ऐरिया बनाने के निर्देश दिए है इसी के चलते मंदसौर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने जिले भर में 65 स्थानों को चिन्हित किया है जिसमें 23 मंदसौर शहर के है जहां अब कोरोना को पटकनी देने के लिए स्वास्थ्य विभाग घर-घर सर्वे करेगा। सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों को चिन्हित कर उनकी सेम्पलिंग करेगा ताकी कोरोना के पाॅजीटिव मरीजों का पता लग जाऐ और उनका उपचार कर कोरोना को काबू किया जा सकें।
मंदसौर में यह है हॉट स्पॉट
मंदसौर में भागवत नगर, किटीयानी, यश नगर, मेघदूत नगर, गांधी नगर, जीवागंज, बालागंज, गोल्डन टाउन, पटेल नगर, रितुराज कॉलोनी, राम टेकरी, सुदामा नगर, नरसिंहपुरा, स्नेह नगर, पाटिल कॉलोनी, खिलचीपुरा, बोहरा बााल, जनता कॉलेनी, पुलिस कॉलोनी, सुंदरम विहार और पांच सौ क्वाटर हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए है।
ग्रामीण क्षेत्रों में यहां हाॅट स्पाॅट
मल्हारगढ़ में हॉट स्पॉट क्षेत्र में गुडभैली, बरखेडा देव, मल्हारगढ, नारायणढ, पिपलियामंडी, अमरपुरा, बालागुडा, संजीत हॉट स्पॉट में शामिल किए गए है। भानपुरा में गांधी सागर आठ, गांधी सागर तीन, भानपुरा ग्रामीण, लोटखेडी, पांगा, संधारा, कालाकोट, नावली, भैसोदा मंडी, शामिल है। गरोठ में असावती, साठखेडा, गरोठ ग्रामीण, कुलरासी, चुकानी, शामगढ, नरसिंह गुराडिया शामिल है। इसी तरह से दलौदा चैपाटी, गुराडिरूा लालमुंहा, फतेहगढ, साबाखेा, भालोट, झावल, झिरकन, निपानिया मेघराज और लदूसा भी हॉट स्पॉट क्षेत्र है। सीतामऊ तहसील में कायमपुर, साखतली, रावती, लदूना, सुवासरा, रुनीजा, धलपट और मुंडला को हाट स्पॉट चिन्हित किया गया है। सभी जगहों पर सर्वे का काम जारी है।
कब कितनी मौते हुई
दिनांक शहरी क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र
सामान्य कोविड कुल सामान्य कोविड कुल
1 मई 2021 09 02 11 01 03 04
2 मई 2021 03 04 07 01 17 25
3 मई 2021 09 02 11 01 06 07
4 मई 2021 08 03 11 03 16 19
5 मई 2021 10 07 17 00 13 13
6 मई 2021 06 10 16 01 18 19
7 मई 2021 05 03 08 17 01 18
8 मई 2021 02 02 04 18 00 22
शिवसेना के राजगुरू और एमआरसी कोचिंग के संचालक जैन समेत 24 की मौत
मंदसौर जनसारंगी।
कोरोना की दूसरी लहर में लगातार हर व्यक्ति के जाने-पहचाने चेहरे छीन रहे है। शनिवार को भी शिवसेना के मंदसौर जिला प्रमुख संदीप राजगुरू और एमआरसी कोचिंग के संचालक व बीसा पोरवाल समाज के अध्यक्ष मुकेश जैन की कोरोना उपचार के दौरान मौत हो गई। राजगुरू का राजस्थान के भवानीमंडी में तथा श्री जैन का उदयपुर में पिछले 25 दिनों से उपचार चल रहा था।
शनिवार को जिला अस्पताल व अन्य निजी नर्सिंगहोम में उपचार के दौरान दम तोड़ने वाले संक्रमित मरीजों में मनासा निवासी 60 वर्षीय चंदाबाई पति रामगोपाल सोनी, मनासा खड़ा शहर गली निवासी 65 वर्षीय इंदुमती पति रमेश ओझा, चोमेला निवासी 39 वर्षीय पंकज पिता कैलाशचंद, सीतामऊ निवासी 50 वर्षीय बाबूलाल पिता कन्हैयालाल पोरवाल, कयामपुर निवासी 70 वर्षीय कमलाबाई पति ऊंकारलाल खटीक, कयामपुर निवासी 48 वर्षीय गिरिजाबाई पति बंशीधर शर्मा, सीतामऊ तहसील के ग्राम ढिकनिया निवासी 30 वर्षीय रामकन्याबाई पति कमलेश राठौर, ग्राम तितरोद निवासी 65 वर्षीय शंकरलाल पिता कंवरलाल सेन, मनासा तहसील के तुमड़ा निवासी 61 वर्षीय उदयसिंह पिता देवीसिंह सिसोदिया, रामपुरा तहसील के लसूडिया इमु निवासी 50 वर्षीय दिलीपकुमार पिता बंसीदास बैरागी, सिंदपन स्टेशन निवासी 80 वर्षीय कचरूलाल पिता भंवरलाल माली, अरनिया गौड निवासी 45 वर्षीय लालकुंवर पति हरिसिंह राजपूत, सेजपुरिया निवासी 80 वर्षीय भंवरसिंह पिता सज्जनसिंह, मल्हारगढ़ तहसील के ग्राम बाबूखेड़ा निवासी 70 वर्षीय मानसिंह पिता बहादुरसिंह पवार, ग्राम लदूसा निवासी 60 वर्षीय कारीबाई पति रामेश्वर धाकड़, मंदसौर के गीता भवन रोड स्थित कृष्णा कंपाउंड निवासी 84 वर्षीय गंगादेवी पति विनोदबिहारी गोयल, लालाखेड़ा निवासी 75 वर्षीय कलावंताबाई पति पन्नालाल पाटीदार, मंदसौर के खिलचीपुरा निवासी 35 वर्षीय प्रवीणसिंह पिता विजयसिंह, ग्राम खतरुखेड़ी निवासी 50 वर्षीय गुलाबबाई पति रायसिंह, सेमली कांकड़ निवासी 50 वर्षीय सीताबाई पति कालूराम, मंदसौर के खानपुरा निवासी 56 वर्षीय विष्णु पिता जानीमल तथा एक अन्य शामिल हैं।