Friday, April 26th, 2024 Login Here
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पुलिस ने लिया दो युवकों को हिरासत में, कलेक्टर ने की रासूका के तहत कार्रवाहीं
मंदसौर जनसारंगी।
आपदा से लडने में सबसे ज्यादा मरीजों के लिए आॅक्सीजन जरूरत पढ़ रहीं है लेकिन ऐसी आपदा में भी अवसर तलाशने वालों की कमी नहीं है। बिती रात शहर कोतवाली पुलिस ने मंदसौर के दो युवकों को हिरासत में लिया जो बड़े अस्पताल से निःशुल्क आॅक्सीजन भरवाते और उन्हें कालाबाजारी में बेचते थे। दैनिक जनसारंगी 3 मई को शीर्षक मरीजों को नहीं मिलने वाली प्राणवायु 6 हजार से लेकर 15 हजार रूपऐ में उपलब्ध हो रहीं से खबर का प्रकाशन किया था इसके बाद से ही पुलिस और प्रशासन सक्रिय हो गया था और आखिरकार शनिवार की रात को शहर कोतवाली पुलिस ने कार्रवाहीं करते हुए दो युवकों को हिरासत में ले लिया इन पर कलेक्टर मनोज पुष्प ने रासुका  की कार्रवाहीं की। बताया जाता है कि दोनो ही अस्पताल के ही अस्थाई कर्मचारी थे।
मंदसौर में कोरोना के बढ़ते मामलों में मरीजों को आॅक्सीजन की आवश्यकता लग रहीं है इसकी पूर्ति के लिए कई समाजसेवी सेवा के लिए सामने आऐ और निःशुल्क आॅक्सीजन तक मरीजों को उपलब्ध करवा रहे है और प्रशासन के अधिकारी भी लगातार मंदसौर से लेकर राजस्थान और मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हर दिन जाकर मंदसौर के लिए आॅक्सीजन की पूर्ति कर रहे है। बावजूद इसके इस आपदा में भी अवसर तलाशने वालों की कमी नहीं है। प्रशासन और सेवा भावियों की मदद के बाद भी मरीजों को आसानी से आॅक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है लेकिन कालाबाजारी में 6 हजार से लेकर 15 हजार रूपऐ में आॅक्सीजन सिलेण्डर आसानी से उपलब्ध हो रहा है। इसकों लेकर दैनिक जनसारंगी ने 3 मई को शीर्षक मरीजों को नहीं मिलने वाली प्राणवायु 6 हजार से लकर 15 हजार रूपऐ में उपलब्ध हो रहीं है से खबर का प्रकाशन किया ओर जिम्मेदारों को जगाया जिसके बाद कल प्रशासन और पुलिस सख्त हुई और आम जन से आग्रह किया कि कोरोना मरीजों के लिए आॅक्सीजन शासन द्वारा निःशुल्क प्रदाय किया जाता है यदि कोई पैसे की मांग करे तो सूचित करें। इसी दौरान पुलिस को आॅक्सीजन की कालाबाजारी के बारे मंे महत्वपूर्ण सूचना मिली इसी के आधार पर पुलिस ने मदारपुरा हरिजन बस्ति निवासी विनय पिता अजय गोहर व कुंदन पिता भारत चनाल को हिरासत में लिया और दोनो पर आपदा अधिनियम के तहत कार्रवाहीं की है। बताया जाता है कि पकडे गऐ दोनो युवक अस्पताल के ही अस्थाई कर्मचारी है जो अस्पताल से ही आॅक्सीजन सिलेण्डर चुराकर बाजार में कालाबाजारी में बेच रहे थे। पुलिस को पुख्ता सूचना मिलते ही दशपुर कुंज के पास दबिष देकर दोनो को रंगे हाथों गिरफ्तार किया और इसके कब्जे से आॅक्सीजन सिलेंण्डर भी बरामद किए।
बताया जाता है कि दैनिक जनसारंगी में खबर प्रकाशन के बाद से ही विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने संज्ञान लिया, कलेक्टर मनोज पुष्प और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चैधरी से चर्चा की इसके बाद से ही पुलिस की इंटेलिजेंस से लेकर कोतवाली पुलिस तक के मुखबिर सक्रिय हो गऐ थे और आखिरकार पुलिस को सांसों के सौदागरों को पकडने में कामयाबी मिल गई। पुलिस ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर अस्पताल के सामने दशपुर कुंज गार्डन के गेट पर घेराबंदी की जहां विनय पिता अजय गौहर उम्र 20 साल निवासी हरीजन बस्ती जटिया मोहल्ला मदारपुरा संदिग्ध स्थिति मे आॅक्सीजन सिलेन्डर लिये खडा था उसके पास मौजूद आॅक्सीजन सिलेन्डर पर सर्जिकल वार्ड ’’सीएमएचओ एमडीएस’’ आईल पेन्ट से लिखा था। उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने यह आॅक्सीजन सिलेन्डर सिविल अस्पताल से चुराया और जरूरतमंद मरीजो को उपयोग करने हेतु 5,000 रूपये से लेकर 10,000 रूपये तक के दामों पर बेच रहा था।जरूरतपूर्ण होने के बाद वापस खाली सिलेन्डर भर्ती मरीज के नाम पर फर्जी स्लिप के आधार पर आॅक्सीजन प्लांट से भरवाकर वापस अपने पास रख लेता है। पुलिस ने आरोपी के विरूद्व धारा 380, 420, 34 भादवि, धारा 3 महामारी अधिनियम 1897, धारा 3ध्7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अन्तर्गत का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया और मजिस्ट्रेट ने उसके विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3(2) के तहत जिला दंडाधिकारी मंदसौर से रासुका की कार्रवाहीं की गई।
उल्लेखनिय है कि मंदसौर में मरीजों की आॅक्सीजन आपूर्ति के लिए करीब 6 टन आॅक्सीजन की आवश्यकता लग रहीं है इसमें 3 टन रतलाम से और 3 टन नागदा से हर दिन आॅक्सीजन आ रहीं है लेकिन अभी भी यह गारंटी नहीं है कि हर दिन 6 टन आॅक्सीजन आ ही जाऐगी कभी चार टन तो कभी इससे भी कम या ज्यादा आॅक्सीजन आ रहीं है। उधर प्रशासन ने मंदसौर जिले के वेल्डिंग करने वालों से लेकर उघोपगतियों से आॅक्सीजन के खाली सिलेण्डर एकत्र कर लिए थे बावजूद इसके खाली सिलेण्डर की पूर्ति पूरी नहीं हो पा रहीं है । साथ ही आसपास के क्षेत्रों में जहां भी आॅक्सीजन भरी जाती है उन्हें स्थानीय प्रशासन ने अधिग्रहित कर लिया और मंदसौर में भी जो लोग आॅक्सीजन भरना चाह रहे थे उन्हें भी अनुमति नहीं दी जा रहीं थी । ऐसे में मरीजों के परिजनों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। पहले से निजी चिकित्सालय में भर्ती होने वाले मरीजों से अस्पताल आॅक्सीजन लाने के कह रहा था लेकिन अब तो सरकारी अस्पताल के मरीजों से आॅक्सीजन लाने की बाते सामने आई ऐसे में सबसे ज्यादा मुश्किल उन परिजनों को हो रहीं थी जिनका कोई अपना घर में ही उपचार करवा रहा है और उसे आॅक्सीजन की आवश्यकता लग रहीं है।
तमाम प्रयासों के बाद भी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग आॅक्सीजन की आपूर्ति पूरी नहीं कर पा रहा था वहीं मंदसौर में ही आसानी से कालाबाजारी में 6 हजार से लेकर 15 हजार रूपए तक आॅक्सीजन सिलेंण्डर आसानी से उपलब्ध हो रहे थे। कई लोग अपनों की जान बचाने के लिए इस राशि को देकर भी आॅक्सीजन सिलेण्डर खरीद रहे थे जबकि मंदसौर में ही कई समाजसेवी ऐसे भी थे जो निःशुल्क आॅक्सीजन देने को भी तैयार थे लेकिन प्रशासन उन्हें अनुमति नहीं दे रहा था । ऐसे में दैनिक जनसारंगी ने जिम्मेदारों को संज्ञान दिलाया जिसके बाद आज प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में सूचना चस्पा की और कहा कि कोरोना मरीजों के लिए आॅक्सीजन शासन द्वारा निःशुल्क प्रदाय किया जाता है। इस संबंध में यदि कोई व्यक्ति, कर्मचारी, आपसे पैसे की मांग करता है तो तत्काल एसडीएम, सीएमएचओं, सिविल सर्जन,टीआई या नायब तहसीलदार को सूचित करें। इसके साथ ही जागरूक समाजिक कार्यकर्ताओं की पहल पर अब प्रशासन ने आॅक्सीजन भरवाकर निःशुल्क देने वाले समाजसेवियों को भी अनुमति देनी शुरू कर दी है जिसके बाद मंदसौर में कई लोग जरूरतमंदों को आॅक्सीजन उपलब्ध भी कराने लगे है।
इनका कहना
सिविल हाॅस्पिटल से सूचना मिल रहीं थी कि अस्पताल से आॅक्सीजन सिलेंण्डर चुराकर बाजार में महंगे दामों में बेचे जा रहे है। इसकी पुख्ता सूचना मिलने के बाद दशपुर कुंज के पास कार्रवाहीं करते हुए पुलिस ने दो लोगों को हिरासत मंे लिया है। इन पर रासुका के तहत भी कार्रवाहीं की जाऐगी।
अमीत सोनी, टीआई कोतवाली

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