Friday, April 19th, 2024 Login Here
सौशल मिडिया पर वायरल हुई थी खबर, कुछ भी नहीं मिला आपत्तिजनक
मंदसौर जनसारंगी।
मंदसौर की जेल में आई एक खबर ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की निंदे उडा दी। तत्काल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एसडीएम जेल पहुंचे और पूरे परिसर को खंगाला, एक-एक केदी से चर्चा की इस दौरान पुलिस को मिली खबर की पुष्टि नहीं हुई। हालांकि कुछ केदियों के पास किताबे मिली लेकिन वे पूरी तरह से धार्मिक थी उनमें भी आपत्तिजनक कुछ भी नहीं लिखा गया था।
दरअसल पुलिस को जेल में बंद कुछ केदियों द्वारा दूसरे केदियों से जबरन धर्मातंरण कराऐ जाने की खबर मिली थी। जानकारी के अनुसार पिछले दिनों मंदसौर की एक जिम में आने वाली महिला के साथ अवैध संबंध बनाकर उसके पति को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में जिला जेल में बंद जिम ट्रेनर अल्ताफ हुसैन पर धर्मांतरण के आरोप लगाते हुए कुछ खबरें सौशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं। इनमें दावा किया था कि रमजान के दौरान कुछ धार्मिक किताबें जेल में आई थीं, जिनमें हिंदू देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी हुई थीं। आरोप यह था कि अल्ताफ ने जेल में ही एक कैदी गोपाल का ब्रेनवाश भी कर लिया था। मंगलवार रात ये सूचनाएं वायरल होने के बाद बुधवार सुबह ही कलेक्टर मनोज पुष्प ने पहले तो जेलर पीके सिंह से सारी जानकारी ली। इसके बाद एसडीएम बिहारीसिंह के नेतृत्व में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम जेल के आकस्मिक निरीक्षण के लिए भेजी। इसमें एएसपी अमित वर्मा, सीएसपी परमालसिंह, मंदसौर ग्रामीण एसडीओपी, कोतवाली टीआइ अमित सोनी, सहित अन्य पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मी शामिल थे। टीम ने जेल में पहुंचते ही सभी बैरकों में जाकर तलाशी लेना शुरू कर दिया था। खासकर अल्ताफ वाली बैरक और गोपाल वाली बैरक में तलाशी ली गई। सभी अधिकारियों का कहना है कि जेल का कोना-कोना तलाशा गया है, लेकिन ऐसा कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है।
निरीक्षण के बाद एसडीएम बिहारीसिंह ने बताया कि बुधवार को जेल की सभी बैरक में पुलिस के साथ निरीक्षण किया है। इसमें कहीं भी कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली है। कुछ किताबे मिली लेकिन वे धार्मिक थी इसके अलावा बेरक से अन्य कोई भी आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली और ना ही किसी कैदी ने कुछ बताया है।
जेल अधीक्षक पीके सिंह ने बताया कि जेल में सभी धर्मो से संबंधित किताबे है, धर्मातंरण जैसा कुछ नहीं है। बुधवार को एसडीएम व एएसपी ने पुलिस बल के साथ जांच की है उसमें अधिकारी पूरी तरह से संतुष्ट थे।