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मध्यप्रदेश के पुलिस प्रशासन के मुखिया पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने सोशल मीडिया पर दिनांक 28 मार्च 2020 को प्रदेश के डी जी पी के नाम संचालित ट्वीट पर वीडियो संदेश पोस्ट है जिसमें कोरोना वाइरस के बचाव में अपनी जिम्मेदारी ड्यूटी बेहतरीन तरीके से करने के लिए सभी पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को सल्युट कर रहे है और साथ में ही लॉकडाउन का पालन कडाई से करवाने के संदेश के साथ कड़ाई करना दुव्यर्वहार में नहीं हो इसका विशेष ध्यान रखने का भी संदेश दे रहे है।सच्चाई जानने को लेकर कोई भी सोशल मीडिया पर पुलिस महानिदेशक के इस वीडियो संदेश को देख सकते है।लॉकडाउन का कडाई से पालन करवाने के दौरान भोपाल में एक डॉक्टर के साथ तथा मंडला में बैंक मैनेजर के साथ पुलिसकर्मी के द्वारा दुव्यर्वहार किये जाने के मामले को पुलिस महानिदेशक ने सख्ती से लेते हुए प्रदेश के समस्त आईजी,डीआईजी एवं पुलिस अधीक्षक को दिनांक 09 मार्च 2020 को लिखित में पत्र जारी कर निर्देशित किया गया कि लॉकडाउन के पालन करवाये जाने हेतु जारी किये सभी निर्देश का पुन:अवलोकन करें।मेरे द्वारा यह स्पष्ट से कहा गया है कि लॉकडाउन का पालन कराने में पर्याप्त दृढता से सभी पुलिस कर्मचारियों को ड्युटी करना है,लेकिन उनके द्वारा किसी भी हालत में जनता अथवा अधिकारियों के साथ दुव्यर्वहार नहीं होना चाहिए।दुव्यर्वहार किसी शक्ति या अधिकार के अन्यायपूर्ण या अनौचित्यपूर्ण प्रयोग से किसी अन्य व्यक्ति,समूह,प्राणी,जीव या अन्य चीज के साथ गये बुरे या हानिकारक व्यवहार को कहते है।दुव्यर्वहार की बहुत सी श्रेणी न्याय-विधि द्वारा वर्जित होती है।दुव्यर्वहार को दादागिरी की श्रेणी में भी माना गया है, बलप्रयोग से या धमकाकर किसी अन्य या अन्यों का अपमान करने,काम निकलवाने,मनोवैज्ञानिक रुप से हावी होने या अपना प्रभुत्व जमाने के प्रयास को कहते है।यह दुव्यर्वहार अक्सर बार बार दोहराया जाने वाला और दादागिरी करने वाले के लिए आदत बन जाने वाला होता है।मंदसौर जिला में लॉकडाउन का कडाई से पालन करवाने में अनेक स्थानों पर पुलिसकर्मियो/अधिकारियों के द्वारा जनता आदि से खुलेआम दुव्यर्वहार किये जाने की घटनाऐं सामने आ रही है।इन घटनाओं को लेकर सोशल मीडिया के अनेक वीर पुलिस के दुव्यर्वहार को उचित सही बता रहे है तो अनेक इसको गलत बताकर इस दुव्यर्वहार को रोकने की बात कर रहे है।जनता के साथ लॉकडाउन का पालन करवाने को लेकर उनके साथ यदि कोई दुव्यर्वहार हो रहा है तो मध्यप्रदेश के पुलिस प्रशासन के मुखिया डीजीपी के द्वारा ट्वीट पर दिये वीडियो संदेश जारी निर्देश पत्र के अनुकुल नहीं होकर इनके विपरीत दोनों में डीजीपी ने लॉकडाउन का कडाई से पर्याप्त दृढ़ता से ड्यूटी के निर्देश दिये है,परन्तु कडाइ दृढ़ता दुव्यर्वहार की श्रेणी में नहीं हो इसका विशेष ध्यान रखने को कहा गया है।अब यदि लॉकडाउन का पालन करवाने में किसी के साथ मारपीट होकर उसको अपमानित किया जा रहा है तो इसको किस श्रेणी में माना जाये इसका निर्णय जनता एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियो पर है जिसको इसका पालन करना है।जनसारंगी ने अपनी बात जो रोज सुर्खिया बनकर विवाद का कारण बन रही है उसकी वास्तविकता से जनता को रुबरु करवाने का प्रयास किया है।