Wednesday, May 8th, 2024 Login Here
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भोपाल । आर्थिक संकट से जूझ रही मध्य प्रदेश सरकार के पास विकास कार्यों के लिए भी पैसा नहीं बचा है। इसका बड़ा असर लोक निर्माण विभाग द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्यों पर पड़ रहा है। प्रदेश में करीब 250 पुल के निर्माण पर भी संशय बना हुआ है। पुल निर्माण को लेकर बीते चार माह से भुगतान के लिए ठेकेदार परेशान हो रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अब तक प्रोजेक्ट राशि का महज 30 प्रतिशत ही भुगतान निर्माण कंपनियों व ठेकेदारों को हुआ है। इससे निर्माण कार्यों पर असर पड़ना शुरू हो गया है। प्रदेश सरकार ने जून माह में 5,540 करोड़ के पुल निर्माण को स्वीकृति दी थी। प्रदेश के बड़े शहरों में शामिल भोपाल में 5, इंदौर में 6 और जबलपुर व छिंदवाड़ा में दो-दो फ्लाईओवर का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अलावा सरकार ने आगामी पांच वर्षों में प्रदेश में 400 वृहद व मध्यम पुल (2 हजार करोड़), 55 रेलवे ओवरब्रिज (1600 करोड़) और 17 फ्लाईओवर (1940 करोड़) के निर्माण की भी घोषणा की थी।

भोपाल के इन निर्माण पर संशय
- 100 करोड़ की लागत से जवाहर चौक से काटजू अस्पताल, रंगमहल चौराहा, रोशनपुरा चौराहा होते हुए राजभवन चौराहा तक 1.5 किमी लंबा प्रस्तावित फ्लाईओवर।
- 150 करोड़ की लागत से 2 किमी लंबा लालघाटी से बैरागढ़ होते हुए भैंसाखेड़ी जोड़ तक प्रस्तावित फ्लाईओवर।
- 200 करोड़ की लागत से 3 किमी लंबा काली मंदिर तलैया से भारत टॉकीज, रेलवे स्टेशन तिराहा, नादरा बस स्टैंड, भोपाल टॉकीज चौराहा होते हुए शाहजहांनाबाद थाने तक प्रस्तावित फ्लाईओवर।
- 120 करोड़ की लागत से 2 किमी लंबे रेतघात से कर्फ्यू वाली माता मंदिर के सामने होते हुए इमामी गेट, हमीदिया अस्पताल से जीपीओ तक प्रस्तावित फ्लाईओवर।
सड़क सुधार के लिए भी केंद्र से मांगी मदद
प्रदेश में इस बार तेज बारिश में सड़कों को भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने सड़कों का सर्वे कर खाका तैयार किया है। उधर, सड़क सुधार के लिए ही प्रदेश सरकार ने केंद्र से 1,188 करोड़ रुपए की मांग की है। सर्वे में प्रदेश की पीडब्ल्यूडी की अधिपत्य की सड़कों में 18427.89 किमी लंबी को साधारण मरम्मत और 4094.50 किमी लंबी सड़कों में पेचवर्क की आवश्यकता जताई थी।
जल्द हल निकालेंगे
निर्माण कार्यों के लिए पैसे की कमी नहीं आने देंगे। जल्द ही हल निकाला जाएगा। - सज्जन सिंह वर्मा, मंत्री, पीडब्ल्यूडी
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