Monday, May 6th, 2024 Login Here
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जमीन आवंटन से लेकर पानी, बिजली, फैक्टरी लाइसेंस सहित तीन दर्जन से ज्यादा अनुमतियां एक समयसीमा के भीतर मिलेंगी।
भोपाल। कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए गवर्नेंस में सुधार करने की रणनीति बनाई है। इस मकसद से नया कानून 'समयबद्ध स्वीकृति अधिनियम' का मसौदा तैयार किया है। इसमें जमीन आवंटन से लेकर पानी, बिजली, फैक्टरी लाइसेंस सहित तीन दर्जन से ज्यादा अनुमतियां एक समयसीमा के भीतर मिलेंगी। यदि आवेदन करने के बाद तय समयसीमा में आवेदन का निराकरण नहीं किया जाता है तो डीम्ड अनुमति अपने आप मिल जाएगी। साथ ही जिस स्तर से लापरवाही प्रमाणित होगी, उस पर कार्रवाई भी की जाएगी। अधिनियम के मसौदे को मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती की अध्यक्षता वाली वरिष्ठ सचिव समिति ने हरी झंडी दे दी है। अब इसे कैबिनेट में रखकर अध्यादेश के जरिए प्रभावी किया जाएगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ को तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव से जानकारी मिली थी कि उद्योगों को विभिन्न् प्रकार की अनुमतियों के लिए ऑफिसों के चक्कर न काटने पड़े, इसके लिए तेलंगाना में कानून बनाया है। कमलनाथ ने उद्योग विभाग को कानून का अध्ययन करके प्रदेश में व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए थे।
राजस्थान ने भी इसी तरह का मॉडल लागू किया है। सूत्रों का कहना है कि मैग्नीफिसेंट एमपी के बाद उद्योगों में मध्यप्रदेश को लेकर बने निवेश के माहौल को देखते हुए उन चीजों पर फोकस किया जा रहा है, जिसकी वजह से वे पिछली सरकार के समय निवेश से पीछे हटे थे। इसमें सबसे बड़ा कारण अनुमतियों में होने वाली लेटलतीफी और लालफीताशाही थी। तेलंगाना में जिला और राज्य स्तर पर अनुमतियां देने के लिए समितियां बनाई गई हैं। वहीं, राजस्थान में एक जगह पर सभी अनुमतियां दी जाने की व्यवस्था बनाई गई है।
देश में पहली बार : डॉ.राजौरा उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव डॉ.राजेश राजौरा का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की सोच स्पष्ट है कि कोई भी निवेश करने आता है तो उसे सुविधाओं की उम्मीद होती है। मौजूदा व्यवस्था निवेश को प्रोत्साहित करने वाली और समय के साथ नहीं है इसलिए नई व्यवस्था को लेकर कानून बनाया जा रहा है। इसमें पोर्टल पर आवेदन का निपटारा न होने पर स्वत: मंजूरी मिल जाएगी। इस तरह का कदम उठाने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा।
इस तरह रहेगी व्यवस्था
- उद्योगों को जमीन से लेकर अन्य सुविधाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
- आवेदन संबंधित विभागों के पास पहुंचेगा और उन्हें तय समयसीमा में आवेदन का निराकरण करना होगा।
ऐसी रहेगी मियाद
जमीन आवंटन के लिए 59 दिन, भवन निर्माण मंजूरी 30 दिन, जलापूर्ति आवंटन 15 दिन, फैक्टरी लाइसेंस की मंजूरी 30 दिन, उद्योग रजिस्ट्रेशन को मंजूरी 30 दिन और नेट मीटरिंग एंड ग्रिड कनेक्शन रूफ टॉप के लिए 30 दिन की मियाद रखी जा सकती है।


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