Monday, May 6th, 2024 Login Here
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विभिन्न् करों से एक लाख 79 हजार करोड़ रुपए आय की संभावना जताई थी बजट में। पुनरीक्षित होगा बजट
भोपाल।  बजट 2020 आम बजट में केंद्रीय करों से मिलने वाली राशि में बड़ी कटौती से प्रदेश का बजट अनुमान गड़बड़ा गया है। वर्ष 2019-20 में एक लाख 79 हजार 353 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की संभावना जताई गई थी, लेकिन इसमें लगभग 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की कमी होने के आसार है। दरअसल, केंद्र सरकार ने 14 हजार 233 करोड़ रुपए की केंद्रीय करों में कटौती कर दी है।
प्रदेश के संसाधनों से जो राजस्व आना चाहिए, वह भी लक्ष्य से 16 हजार करोड़ रुपए पीछे है। ऐसे में साल 2020-21 का बजट पेश करने से पहले मौजूदा बजट को पुनरीक्षित किया जाएगा। वित्त विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। वहीं, राजस्व को लेकर अब पूरा दबाव वाणिज्यिक कर, ऊर्जा, परिवहन सहित अन्य विभागों पर आ गया है।
 वित्त मंत्री तरुण भनोत ने दो लाख 33 हजार करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया था। इसमें दो लाख 14 हजार करोड़ रुपए शुध्द व्यय बताया गया था। सभी स्रोतों से आय एक लाख 79 हजार 353 करोड़ रुपए आंकी गई थी। इसमें 63 हजार 750 करोड़ रुपए केंद्रीय करों से प्राप्त होने थे। जुलाई 2019 में केंद्र सरकार ने इसमें कटौती कर राशि 61 हजार 73 करोड़ रुपए कर दी। एक फरवरी 2020 को प्रस्तुत बजट में यह राशि और कम कर 49 हजार 517 करोड़ रुपए कर दी गई। इस प्रकार राज्य को केंद्रीय करों में 14 हजार 233 करोड़ रुपए की कटौती हो गई। इसके अलावा केंद्र से मिलने वाले 36 हजार 360 करोड़ रुपए के सहायता अनुदान में भी कमी आई है।
 उधर, राज्य के स्वयं के कर से 65 हजार 273 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद थी, जो आर्थिक मंदी के चलते पूरी होती नजर नहीं आ रही है। वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी, वैट, आबकारी और पंजीयन व मुद्रांक शुल्क से 58 हजार 888 करोड़ रुपए मिलने हैं। दिसंबर तक 38 हजार 544 करोड़ रुपए की वसूली हो चुकी है। रियल एस्टेट में मंदी की वजह से पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क में वृध्दि अपेक्षाकृत कम है। हालांकि, वर्ष 2018-19 के मुकाबले राजस्व प्राप्ति 3100 करोड़ रुपए अधिक है।
 वसूली के लिए लगाया पूरा अमला
 वित्त और वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फरवरी और मार्च में राजस्व प्राप्ति दर तुलनात्मक रूप से अधिक रहती है। वसूली लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरा अमला लगाया जा चुका है। इसके बाद भी 65 हजार 273 करोड़ रुपए के लक्ष्य को प्राप्त करना मुश्किल नजर आ रहा है। केंद्रीय करों में कटौती और राज्य के संसाधनों से होने वाली आय में संभावित कमी को देखते हुए मौजूदा बजट पुनरीक्षित किया जाएगा। यह दो लाख 33 हजार करोड़ रुपए से घटकर दो लाख 10 हजार करोड़ रुपए के भीतर रह सकता है। वहीं, इसका असर वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान में भी देखने को मिलेगा। माना जा रहा है कि इस बार बजट का आकार दो लाख करोड़ रुपए के आसपास रह सकता है।









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