Monday, May 6th, 2024 Login Here
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बिल बांटने के लिए मीटर रीडरों पर बनाया जा रहा दबाव
मंदसौर। कोरोना वायरस से चल रही जंग में पूरे देश में लॉक डाउन है। लोग घरों में रहकर कोरोना से लड़ रहे हैं। इधर मप्रविविकं अपने फायदे के लिए मीटर रीडरों को जबरन कोरोना यौद्धा बनाने पर तुली हुई है। कोरोना काल में घर घर जाकर रीडिंग लेने और बिल बांटने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। यहीं नहीं नौकरी से निकाले जाने की धमकी भी दी जा रही है। जिसके कारण बिल बांटना और रीडिंग लेना मजबूरी बन गइ्र है।
कोरोना काल में लोग घरों में रहकर तपस्या कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन भी रात दिन एक कर कोरोना से जंग लड़ रहा है। अभी तक मंदसौर में भी कोरोना पॉजीटिव की संख्या अद्र्धशतक लगा चुकी है। इस तरह से कहा जा सकता है कि मंदसौर भी कोरोना की चपेट में है। लेकिन पुलिस प्रशासन की मेहनत और लोगों की तपस्या पर पानी फेरने का काम कर रही है, मप्रविविकं। रविवार को कंपनी के अधिकारियों ने मीटर रीडरों की बैठक बुलाई। बैठक में लॉक डाउन होते हुए भी लोगों के घरों में जाकर बिल बांटने के लिए निर्देशित किया गया। इसके अलावा मीटर रीडिंग लेने के लिए भी दबाव बनाया गया। यहीं नहीं जिम्मेदारों ने नौकरी से निकाले जाने की धमकी भी दी। इसके बाद लॉक डाउन को तोड़ते हुए बिल बांटना मीटर रीडरों की मजबूरी बन गई है।
18 कर्मचारी, 28 हजार बिल
शहर में 28 हजार उपभोक्ता है। इन उपभोक्ताओं के घरों पर जाकर मीटर रीडिंग लेने और बिल बांटने की जिम्मेदार 18 कर्मचारियों के ऊपर है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना काल में अलग अलग घरों में जाकर रीडिंग लेना और बिल बांटना कितना जोखिम भरा हो सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि कई घरों में मीटर लोगों के घरों के अंदर लगे हुए है। ऐसे में जोखिम न सिर्फ रीडिंग लेने वालों पर है, बल्कि इससे उपभोक्ताओं को भी खतरा हो सकता है।
संसाधन भी नहीं
स्थिति यह है कि मीटर रीडरों के पास सिर्फ मॉस्क है। वह भी खुद के खर्च पर ही मीटर रीडर लाए है। इधर कंपनी ने न सेनेटाईजर उपलब्ध कराया है और न ही कोरोना से बचाव के लिए कोई संसाधन। सिर्फ बैठक में निर्देशित कर बिल बांटन और रीडिंग लेने के निर्देश जारी कर दिए गए। कंटेंटमेंट एरिया में भी मप्रविविकं के उपभोक्ता है। यहां जाना किसी खतरे से कम नहीं होगा। इधर कंपनी के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि उन पर भी बिल वितरण करवाने के लिए ऊपर से दबाव आ रहा है। जिसके कारण बिल वितरण के निर्देश मीटर रीडरों को दिए गए है।
बिल बांटना आवश्यक सेवाएं?
लॉक डाउन में सिर्फ स्वास्थ्य, बैंक और कुछ आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को बाहर निकलने की अनुमति है। ऐसे में यह प्रशासन को तय करना है कि बिजली बिल बांटना आवश्यक सेवाओं में है या नहीं। बैंक सहित अन्य आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को भी पुलिस कार्रवाई का शिकार होना पड़ा है। ऐसे में लॉक डाउन में बाहर निकलकर बिल वितरण करने में मीटर रीडर भी पुलिस कार्रवाई का शिकार हो सकते हैं। यह डर भी मीटर रीडरों को सता रहा है।
Chania