Friday, May 3rd, 2024 Login Here
सरकार ने नहीं किया अब तक टैक्स माफ, अब भोपाल में बस मालिक बनाएंगे नई रणनीति
मन्दसौर जनसारंगी।
जनता कर्फ्यू 22 मार्च से हमें हुए यात्री परिवहन बसों के पहिए अभी हमें रहेंगे भोपाल में परिवहन मंत्री से मुलाकात के बाद मिले आश्वासन पर भी सरकार ने अब तक टैक्स माफी का कोई मसौदा तैयार नहीं किया और ना ही बकाया टेक्स जमा करने की तारीख को आगे बढ़ाया है।जबकि बकाया टैक्स जमा करने की 31 अगस्त आखरी तारीख थी ऐसे में बस मालिकों ने टैक्स जमा नहीं किया और अब बस मालिकों ने अपनी बसों परमिट को परिवहन विभाग में सरेंडर करना शुरू कर दिया है। अकेले मंदसौर में करीब 100 से ज्यादा बस के परमिट 31 अगस्त की शाम तक परिवहन विभाग में सरेंडर हो चुके थे।
वैश्विक महामारी कोरोना में जहां कई उद्योग बर्बादी की कगार पर आए वही बस व्यसाय भी इससे अछूता नही रहा। अनलॉक के बाद बाकी सभी व्यवसायो और उधोगों ने तो पुनः अपना संचालन शुरू कर दिया लेकिन बस व्यवसाय आज पाँच माह बीत जाने के बाद भी वही खड़ा है। कारण है सरकार द्वारा लॉकडाउन अवधि का टैक्स माफ ना करना।
बताया जाता है कि मन्दसौर,नीमच जिले साढ़े 5 सो तथा पूरे प्रदेश में लगभ 35 हजार बसें है जिससे जुड़े 1 लाख 50 हजार बस मालिकों और कर्मचारियों के परिवार है जो बस बंद होने से आर्थिक तंगी में है।यात्रियों कों परिवहन के साधन नही मिल रहे है। हालांकि प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराजसिंह चौहान ने 20 अगस्त को पुरी क्षमता के अनुसार बस संचालन की अनुमति दे दी लेकिन इस घोषणा के साथ बसों का बकाया टेक्स माफ करने के 31अगस्त तक बकाया टैक्स जमा करने के निर्देश दे दिए । जबकि बस मालिक लगातार बकाया टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं। जिसको लेकर बस मालिकों ने 18 अगस्त को भोपाल पहुंचकर भी अपनी मांगे प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविद सिंह राजपूत , वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा और लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के समक्ष रखी तब टैक्स माफी के लिए 3 दिन का आश्वासन दिया गया लेकिन 12 दिन बाद भी कोई निराकरण ना हो पाया और आज 31 अगस्त टेक्स जमा करने की आखरी तारीख है।ऐसे में मन्दसौर,नीमच सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के ऑपरेटर ने बसों को सरेंडर करना शुरू कर दिया। बस मालिकों का कहना है कि अब दो-तीन दिन और इंतजार करेंगे इसके बाद पूरे प्रदेश के बस मालिक मीटिंग कर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
पुनः परमिट लेने के लिए 2 महीने का रहता है वक्त
मंदसौर बस मालिक एसोसिएशन के अध्यक्ष शिखर रातडिया ने बताया कि कोई भी बस मालिक अस्थाई रूप से अपना परमिट परिवहन विभाग को सरेंडर कर सकता है रिपेयरिंग या आदि कारणों से बसों का संचालन नहीं हो पाता है तो परमिट सरेंडर किया जाता है यदि बस मालिक इस अवधि में चाहे तो पुनः परमिट को ले सकता है उसे नए परमिट की प्रक्रिया नहीं करनी पड़ती है।
*इनका कहना
आश्वासन के बाद भी अब तक बसों का लॉक डाउन अवधि का बकाया टैक्स सरकार ने माफ नहीं किया है। जब तक टेक्स माफ नहीं होता तब तक बस मालिक बसे प्रारंभ करने की स्थिति में नहीं है। बकाया टैक्स जमा करने की 31 अगस्त आखिरी तारीख है इसी के चलते मंदसौर जिले में भी बस मालिकों ने बसों के परमिट परिवहन कार्यालयों में सरेंडर करना शुरू कर दिए हैं। 100 से ज्यादा बसों के परमिट सरेंडर हो चुके हैं अब दो-तीन दिन और इंतजार करेंगे इसके बाद भोपाल में पूरे प्रदेश के बस मालिक नई रणनीति बनाएंगे।
शिखर रातडिया, अध्यक्ष मंदसौर मोटर मालिक संघ
-म.प्र. शासन द्वारा बस ऑपरेटरो की टैक्स माफी की मांग को अभी तक नही माना है जिसके चलते आज नीमच जिले के अधिकांश बस मालिको ने अपनी बसों का संचालन ना कर परिवहन विभाग में सरेंडर कर दी जब तक टैक्स माफी नही होगी हम बसो का संचालन नही करेंगे चाहे इसके लिए हमे जेल भरो आंदोलन क्यों ना करना पड़े,सड़क पर अब बसे नही बस मालिक उतरेंगे।
-मुकेश गुप्ता संरक्षक नीमच जिला बस ऑपरेटर एसोसिएशन