Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मन्दसौर जनसारंगी।
38 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे सीतामऊ फाटक टी आकर के ओवरब्रिज का काम पूरा होने से पहले ही घटिया निर्माण सामग्री से बनी सडक़ उखडऩे लगी हैं। इसको लेकर जिम्मेदार भी गंभीर नहीं है। हालांकि कुछ दिनों पहले जि मेदारों ने पेंचवर्क किया था, लेकिन वह फिर से उखडऩे लगा है।
मप्र सेतु विकास निगम ने 38 करोड़ रुपए से नवंबर 2015 में टी-आकार के सीतामऊ फाटक ओवरब्रिज का काम शुरू किया। सीतामऊ फाटक की तरफ रेलवे का काम नहीं होने से अब तक ब्रिज अधूरा है। रतलाम की ओर से आवागमन शुरू हुआ तो यातायात के दबाव में सडक़े उखडने लगी। पहले भी ब्रिज पर बड़ा गड्ढा हो गया था जिसे ठेकेदार द्वारा मर मत कर भरा गया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अभी तो रतलाम की ओर जाने वाले यातायात के दबाव से ही ब्रिज उखडऩे लगा है जब ब्रिज का पूरा कार्य होने और सीतामउ की ओर यातायात शुरू होने के बाद ब्रिज की क्या हालत होगी यह अभी से ही सोचनीय है। लेकिन अधिकारी और जि मेदार इस पर गंभीर नहीं है और वर्तमान में घटिया निर्माण की सामग्री से बने ब्रिज की बार-बार मर मत करना पड़ रही है। वहीं कुछ स्थानों से भी ब्रिज दरकने लगा। अधिकारियों ने बताया था कि हवा रह जाने पर जब उस पर यातायात का दबाव पड़ता है तो वह उखड़ जाता है। कहीं एक जगह रह गया होगा, ब्रिज में समस्या नहीं है।
ओवर ब्रिज निर्माण के बाद मंदसौर.रतलाम मार्ग से आवागमन शुरू करने के बाद कई बार सडक़ उखड़ गई। इसके मेंटेनेंस को लेकर मप्र सेतु विकास निगम के अधिकारी गंभीर हुए। वहीं ठेकेदार से तीन साल के गारंटी पीरियड के मुताबिक काम शुरू कराया।ब्रिज पर सीमेंट.कांक्रीट का घटिया निर्माण होने से पहले भी सेंट थॉमस स्कूल वाले छोर की सडक़ पर बड़ा सा गड्ढा हो गया था। वहीं कई जगह सडक़ में दरारें आ गई थी। ऐसा ही इस वर्ष भी हुआ। इससे सडक़ निर्माण में बिछाए सरिए भी टूटने लग गए। ठेकेदार द्वारा पुन: कार्य प्रारंभ किया। और गड्डों को भरा गया। इसके बाद फिर स्थिति जस की तस बन गई।